कुशीनगर। पांच दिन पूर्व हनुमानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में एक युवती के साथ उसी गांव के युवक द्वारा दुष्कर्म करने के बाद परिजनों के साथ मिलकर हत्या किये जाने के मामले में पुलिस ने आरोपी युवक सहित परिवार के अन्य लोगो पर गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई मृतका के पिता की तहरीर पर की है।
गौरतलब है कि हनुमानगंज थाना क्षेत्र के धरनीपट्टी गांव में बीते रविवार को सुबह गन्ने के खेत में गांव की 19 वर्षीय युवती का शव मिला था। गांव वालो के मुताबिक मृतका के चेहरे व शरीर पर कई जगह चोट व खून के निशान देखे गये थे। इसको लेकर हत्या की दावा की रही है। चर्चा है कि इस घटना की भनक पुलिस को तब लगी जब आरोपी परिजन गांव के पूर्व प्रधान व गांव के ही कुछ लोगो के साथ मिलकर मृतका के पिता को डरा-धमका कर शव को एक नाले के किनारे ले जाकर जलवा दिया।इसी बीच गांव के कुछ लोगों ने शव जलने की सूचना पुलिस को दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक लाश पूरी तरह से जल चुकी थी। इसके बाद पुलिस बिना कोई कार्रवाई किये लौट गई।
इस संबंध में एसएचओ संतोष यादव ने बताया कि मृतका के पिता की तहरीर पर दीपू पुत्र सुरेश चौहान सहित अन्य लोगों पर हत्या, दुष्कर्म आदि धारा में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है
🔴 भाई ने खोली राज
मृतका के भाई सुनील ने बताया कि शनिवार की सुबह उसकी बहन चारा लाने की बात कहकर घर से निकली थी। घर पर मौजूद मां को कुछ संदेह हुआ तो कुछ देर बाद वह अपने केले के खेत में पहुंची। वहां गांव के दीपू व युवती आपत्तिजनक हाल में थे। सुनील के मुताबिक माँ ने जब शोर मचाया तो दीपू भाग गया। यह बात सार्वजनिक होने व लोक लाज के चलते उसकी बहन अपने घर से निकल युवक के घर चली गई और पत्नी के रूप मे युवक के साथ रहने की अधिकार मांगने लगी। मृतका के भाई ने आगे बताया कि लड़के व उसके घरवालों को उसकी बहन की बात मंजूर नहीं थी। इसके बाद आरोपी युवक,उसके पिता तथा चाचा आदि ने युवती की हत्या कर दी व शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया। उसने कहा कि पिता जब पुलिस को जानकारी देनी चाही तो आरोपियों ने गांव के पूर्व प्रधान सहित कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर डराया-धमकाया तथा उल्टे फंस जाने की बात कहते हुए चुप करा दिया।
🔴 पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
कहना ना होगा कि गन्ने के खेत में शव मिलने के बाद गांव के आरोपी के परिजन सहित पूर्व प्रधान व कुछ प्रभावशाली लोगो द्वारा मृतका के शव जलाकर सबूत मिटाने के मामले मे गांव के चौकीदार, बीट पुलिस अफसर, हलका दरोगा व थानेदार तक को भनक नहीं लगी। जैसे ही शव जलकर राख हो गयी, पुलिस को मामले जानकारी हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक, पुलिस पहुंची तो कार्रवाई के बजाय शव जलाकर साक्ष्य मिटाने में शामिल लोगों से बात कर लौट गई। इतना ही नहीं, मृतका का भाई बंगलुरु से मंगलवार को जब घर लौटा और पिता को लेकर थाने पहुंचकर तहरीर दिलाई। इसके बावजूद मुकदमा दर्ज करने में पुलिस ने तीन दिन लगा दी।
🔴 मैनेज करने की कोशिश
ग्रामीणो के मुताबिक इस मामले को मैनेज करने का पुरा प्रयास किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि इस कार्य मे पूर्व प्रधान, वर्तमान प्रधान सहित गांव के कुछ प्रभावशाली लोग लगे हुए है। अब देखना यह है कि पुलिस भूमिका क्या होती है।
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