🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने खून के काले कारोबार करने वाले अन्तरराज्यीय ब्लड तस्करी गिरोह का बड़ा खुलासा किया है। गिरोह के इन सदस्यों द्वारा ब्लड बैंकों की आड़ में इंसानी खून की तस्करी की जा रही थी। एसटीएफ ने कुशीनगर जनपद के निवासी व गिरोह के मुख्य सरगना नौशाद अहमद, दो ब्लड बैंकों के मालिकों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि यह तस्कर राजस्थान से खून की तस्करी करते थे। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों के ब्लड बैंकों में इनकी सप्लाई होती थी।
काबिलेगौर है कि 30 जून को लखनऊ की एसटीएफ व ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने ठाकुरगंज के तहसीनगंज में स्थित मिडलाइफ चैरिटेबल ब्लड बैंक और कृष्णानगर की नारायणी ब्लड बैंक में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान राजस्थान से तस्करी कर लाया गया 302 यूनिट घटिया मानव रक्त (ब्लड) बरामद किया गया है। इसके साथ ही दोनों ब्लड बैंक के संचालक और मुख्य तस्कर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटिया खून लखनऊ के अलावा हरदोई, उन्नाव, बहराइच, कानपुर और फतेहपुर सहित यूपी के अन्य जनपद के अस्पतालों और ब्लड बैंकों में भी सप्लाई किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, गिरोह का नेटवर्क सात राज्यों में फैला है।
🔴 कई दिनों की रेकी के बाद हुईं गिरफ्तारी
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश की माने तो राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित मिडलाइफ ब्लड बैंक और कृष्णानगर स्थित नारायणी ब्लड बैंक में मिलावटी खून की तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर टीम को छानबीन में लगाया गया। कई दिनों तक इलाके में रेकी की गई। बुधवार देर रात टीम ने लखनऊ के ही असद और कुशीनगर के रहने वाले नौशाद अहमद को गिरफ्तार किया। एडीजी ने बताया कि दोनों आरोपी तस्करी का खून मिडलाइफ ब्लड बैंक में सप्लाई करते हैं।
🔴 तस्करों ने पूछताछ में किये बडे खुलासे
एसटीएफ एडीजी के मुताबिक दोनों आरोपितों से जब पूछताछ की गई तो कई बड़े खुलासे हुए। दोनों तस्करों ने बताया कि मिडलाइफ ब्लड बैंक के मालिक मोहम्मद अम्मार और नारायणी ब्लड बैंक के मालिक अजीत दुबे को तस्करी का खून सप्लाई करते हैं। इसके बाद टीम ने दोनों ब्लड बैंकों पर कार्रवाई करते हुए नारायणी ब्लड बैंक के मालिक अजीत दुबे, कर्मचारी संदीप कुमार, मिडलाइफ ब्लड बैंक के मालिक मोहम्मद अम्मार, कर्मचारी करन मिश्र और रोहित को भी धर दबोचा।
🔴 302 यूनिट ब्लड और फर्जी दस्तावेज जब्त
इस दौरान एसटीएफ ने मौके से 302 यूनिट ब्लड और नारायणी ब्लड बैंक से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। एडीजी ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। इसमें कई खुलासे होंगे। खून के काले कारोबार में लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों के डॉक्टर, ब्लड बैंकों के कर्मचारी और तस्कर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां होंगी।
🔴 शिविर लगाकर जुटाते थे खून
गिरफ्तार तस्कर सरगना नौशाद अहमद ने एसटीएफ को बताया कि वह रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस प्रयागराज से वर्ष 2018 में डीएमएलटी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद जोधपुर के अंबिका ब्लड बैंक में बतौर लैब टेक्नीशियन कुछ माह तक काम किया। इसी दौरान राजस्थान के कई ब्लड बैंको के चिकित्सकों व टेक्नीशियनों के संपर्क में आया। फिर चैरेटेबिल ट्रस्टों के माध्यम से संचालित ब्लड बैंकों द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप से खून जुटाते थे। ज्यादातर बैगों की इंट्री ब्लड बैंक के दस्तावेजों में नहीं होती थी। उनको तस्करों के जरिए अधिक कीमत पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे राज्य में बेच देते थे। इस कारोबार में उसे बिना मेहनत के मोटी रकम मिलने लगी तो फिर उसने तस्करी को अपना कारोबार बना लिया।
🔴 राजस्थान के ये ब्लड बैंड रडार पर
यूपी एसटीएफ के मुताबिक इस अवैध कारोबार में राजस्थान के कई ब्लड बैंक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के जयपुर में तुलसी ब्लड बैंक, पिंक सिटी ब्लड बैंक, रेड ड्रॉप ब्लड सेंटर, गुरुकुल ब्लड सेंटर, ममता ब्लड बैंक, मानवता ब्लड बैंक, चुरू के शेखावटी ब्लड बैंक के कर्मचारियों से तस्कर इंसानी खून लेते थे। इन ब्लड यूनिटों को फर्जी स्टीकर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सप्लाई किया जाता था। उन्होंने बताया कि तस्करी का खून प्रदेश के अन्य जिलों में भी सप्लाई किया जाता है। एसटीएफ की टीम इसकी पड़ताल में जुट गई है।
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