इंजीनियर के मौत के जिम्मेदार अभी तक पुलिस के गिरफ्त से दूर - Yugandhar Times

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Wednesday, June 1, 2022

इंजीनियर के मौत के जिम्मेदार अभी तक पुलिस के गिरफ्त से दूर

 

🔴 पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि ओकांर की कब होगी गिरफ्तारी
🔴 पूर्व चेयरमैन का बचाने के फिराक मे है जुटी हाटा पुलिस
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 
कुशीनगर । इंजीनियर आनन्द के मौत के आठ दिन गुजर जाने के बाद भी दर्ज मुकदमा मे आनन्द के मौत के प्रमुख जिम्मेदारो के कडी मे शामिल कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधानपति ओंकार प्रसाद की अब तक गिरफ्तारी न होना हाटा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल बना हुआ है। सबब यह है कि मरने वाले के आडियो मे दर्ज अतिंम बयान और बहन अमला के तहरीर के आधार पर दर्ज हुए मुकदमे मे मरहूम आनन्द की पत्नी नीलम सिंह, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह के अलावा कुशीनगर पूर्व चेयरमैन व अमडिया के पूर्व प्रधान पति सहित कुल ग्यारह नामजद लोगो के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है जिसमे पति, साले और ससुर को पुलिस ने घटना के दुसरे दिन ही गिरफ्तारी कर जेल भेज दी है जबकि पप्पू मद्धेशिया व ओंकार प्रसाद को गिरफ्तार करने मे हाटा पुलिस चोक मे आ गयी है। नतीजतन अन्य नामजद अभियुक्त अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

 इंजीनियर की मौत, हत्या है या आत्महत्या यह रहस्य बनकर रह गया है। घटना के बाद मौका-ए- वारदात पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों व विशेषज्ञो के तर्को पर गौर करे तो मौका-ए-वारदात के नजारे यह इशारा कर रही है कि इंजीनियर को फंदे पर लटका कर आत्महत्या की कहानी गढी गयी है। हालाँकि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले मे हाटा पुलिस ने पत्नी नीलम, साले अंगद सिंह, ससुर जीतन सिंह, कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया, अमडिहा के पूर्व प्रधानपति के अलावा विश्वनाथ, गोविन्दा सिंह, विमला, सोनी, राम सुरेश नन्हे सहित अन्य अज्ञात पर आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर इनमे से तीन लोगो को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। कहना न होगा कि पुलिस आनन्द की मौत को आत्महत्या ही मानकर मुकदमा दर्ज की है तो दर्ज धाराओ मे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का प्राविधान है ऐसा विधि विशेषज्ञों की राय है। ऐसे मे कुशीनगर के पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया अमडिहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि ओंकार प्रसाद सहित अन्य नामजद अभियुक्तों को पुलिस अब तक गिरफ्तार क्यो नही कर रही अपने आप मे एक सवाल है। 
🔴 क्या है मामला
 बीते सोमवार को जनपद के हाटा कोतवाली क्षेत्र के सुकरौली बाजार में  इंजीनियर कुंवर आनंद सिंह की लाश उनके किराए के आवास में फंदे से लटकी हुई मिली थी। मरने से पूर्व रविवार को आनन्द अपनी बहन अमला सिंह और चचेरे भाई के व्हाट्सएप पर एक वीडियो बनाकर भेजे थे। इसमें पत्नी नीलम, साले अंगद सिंह पूर्व चेयरमैन पप्पू मद्धेशिया व अमडिहा के पूर्व प्रधान पर अपने घर की बर्बादी का आरोप लगाते हुए अपने मौत का जिम्मेदार ठहराया  था। 
🔴 घटना स्थल का फ्लैशबैक 
सोमवार को परिजनो के साथ घटना स्थल पर पहुची पुलिस ने देखा कि आनन्द के घर मे आगे से ताला लगा हुआ था। परिजनो की मौजूदगी मे पुलिस जब ताला तोडकर कमरे मे दाखिल हुई तो कमरे के छत की कुंडी मे फंदे से आनन्द का शव लटक रहा था। पुलिस ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराते हुए शव को नीचे उतारी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आनन्द का शव फंदे से लटकते हुए मिला लेकिन फंदे पर लटकते हुए आनन्द का जीभ बाहर नही था और न ही आंख बाहर निकली हुई थी। विशेषज्ञो की माने तो अगर कोई व्यक्ति फंदे पर लटकता है तो उसका मुंह खुला होता, जीभ और आंखे बाहर निकली होती है लेकिन मरहूम आनंद के शव के साथ ऐसा कुछ भी नही था। फंदे से लटक रहे आनन्द के शव के फोटोग्राफ को देखे तो वहा कोई स्टूल नही दिख रहा और न ही कोई ऐसी चीज जिस पर चढकर आनन्द रस्सी को अपने गले मे पहनकर फंदे से झूल गया हो। सवाल यह उठता है कि बिना किसी सहारे के आनन्द अपने गले मे फंदा डालाकर झूला कैसे? 
🔴 कही ऐसा तो नही
जैसा कि सभी जानते है आनन्द अमेरिका रहते थे और चार माह पूर्व वह स्वदेश लौटे थे। चर्चा-ए-सरेआम है कि आनन्द और उसकी पत्नी नीलम मे अक्सर विवाद होता रहता था। कही ऐसा तो नही कि नीलम की प्रताड़ना से तंग आकर आनन्द आत्महत्या की धमकी देकर नीलम को डराने के लिए रविवार की रात वीडियो बनायी हो और वह वीडियो आनन्द अपनी पत्नी नीलम के साथ-साथ अपनी बहन व चेचेरे भाई के वाट्सएप पर भेज दिया जिसकी जानकारी नीलम को नही हो, और नीलम इस वीडियो का फायदा उठाकर अपने सहयोगी के साथ मिलकर सुकरौली स्थित आवास पर पहुची हो और वहा पहुंचकर नीलम अपने सहयोगियों के साथ आनन्द को काबू मे करके फंदे पर लटकाकर  उसकी की मौत को आत्महत्या का रुप देकर घर मे ताला बंद कर रातो-रातो  फरार हो गयी हो। क्योकि पुलिसिया पूछताछ मे यह बात सामने आयी है कि सोमवार को सुबह नीलम सिंह अपने भाई अंगद सिंह व एक अन्य व्यक्ति के साथ मकान पर पहुंची थी और पति को फंदे पर झूलता हुआ देख बाहर से मकान में ताला बंद कर भाई व अन्य व्यक्ति के साथ फरार हो गई। विचारणीय बात यह है कि  क्या कोई पत्नी अपने पति के शव को फंदे से लटकते हुए देखकर वहा से भागेगी ? नीलम ने जब पति के शव को फंदे से लटका हुआ देखा तो शोर क्यो नही मचाया? इसके पीछे वजह यह हो सकती है कि रविवार की रात मे घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे सोमवार को मौका-ए- मुआयना करने या फिर कोई सबूत मिटाने गये हो। खैर होने के लिए तो कुछ भी हो सकता है यह पुलिस के गहन जांच का विषय है लेकिन सवाल यह है कि घटना के आठ दिन बाद अब तक पप्पू मद्धेशिया सहित अन्य नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी क्यो नही हुई। कही ऐसा तो नही पुलिस पूर्व चेयरमैन को बचाने के फिराक मे है।



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