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Monday, May 16, 2022

पीएम मोदी बोले- बुद्ध बोध भी है बुद्ध शोध भी है

🔴 नेपाल की मोदी ने की जमकर तारीफ

🔴 बुद्ध जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी से महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर तक यात्रा 

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

लुम्बिनी/कुशीनगर।गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में बुद्ध जयंती  पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश नेपाल की जमकर तारीफ की।पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल के साथ हमारा संबंघ हिमालय जितना पुराना है. उन्होंने साझी विरासत, संस्कृति और आस्था को भारत-नेपाल रिश्तों की सबसे बड़ी पूंजी करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में दोनों की मजबूत होती मित्रता व घनिष्ठता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी. उन्होंने कहा कि नेपाल दुनिया की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को सहज कर रखने वाला देश है. बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर लुम्बिनी की इस पवित्र धरती पर आने का मुझे मौका मिला, इससे मैं अभिभूत हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर इस सभा में उपस्थित सभी लोगों को, पूरे नेपाल की जनता को, दुनिया भर के बुद्ध अनुयायियों को, लुम्बिनी की इस पवित्र भूमि से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 
उन्होंने कहा कि कुछ देर पहले मुझे मायादेवी मंदिर में दर्शन का जो अवसर मुझे मिला, वो मेरे लिए अविस्मरणीय है. वो जगह जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहां की ऊर्जा और चेतना ये एक अलग ही अहसास है. मुझे देखकर खुशी हुई कि इस स्थान के लिए 2014 में मैंने महाबोधि वृक्ष सैंपलिंग भेंट की थी वो अब विकसित होकर एक वृक्ष बन रहा है पीएम  ने कहा कि जनकपुर में मैंने कहा था कि नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं. मुझे पता है कि आज जब भारत में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है, तो नेपाल के लोग भी उतने ही खुश हैं.
उन्होंने कहा कि नेपाल यानि दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत सागरमाथा का देश, नेपाल यानि दुनिया के अनेक पवित्र तीर्थों, मंदिरों और मठों का देश,नेपाल यानि दुनिया की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को सहेज कर रखने वाला देश है.
बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बुद्ध मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण हैं. बुद्ध बोध भी हैं, और बुद्ध शोध भी हैं. बुद्ध विचार भी हैं, और बुद्ध संस्कार भी हैं। 
पीएम मोदी ने कहा कि वैशाख पूर्णिमा का दिन लुम्बिनी में सिद्धार्थ के रूप में बुद्ध का जन्म हुआ. इसी दिन बोधगया में वो बोध प्राप्त करके भगवान बुद्ध बने और इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ. एक ही तिथि, एक ही वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा के ये पड़ाव केवल संयोग मात्र नहीं था. इसमें बुद्धत्व का वो दार्शनिक संदेश भी है, जिसमें जीवन, ज्ञान और निर्वाण, तीनों एक साथ हैं। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेपाल में लुम्बिनी म्यूज़ियम का निर्माण भी दोनों देशों के साझा सहयोग का उदाहरण है और आज हमने लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में डॉ अम्बेडकर चेयर ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज स्थापित करने का भी निर्णय लिया। मोदी ने कहा कि भारत में सारनाथ, बोधगया और कुशीनगर से लेकर नेपाल में लुम्बिनी तक ये पवित्र स्थान हमारी सांझी विरासत और सांझी मूल्यों का प्रतीक है. हमें इस विरासत को साथ मिलकर विकसित करना है और आगे समृद्ध भी करना है। बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने लुम्बिनी में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इसके बाद वह शाम को कुशीनगर लौट गये जहां वह महापरिनिर्वाण स्तूप पहुंचकर बुद्ध की महापरिनिर्वाण मंदिर मे दर्शन-पूजन किए।


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