🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । शासन द्वारा मदरसा के प्रधानाचार्य सहित शिक्षक व लिपिक को बर्खास्त कर एरियर व वेतन भुगतान का रिकबरी किये जाने के आदेश के बावजूद जिले का अल्पसंख्यक विभाग उन शिक्षकों को बचाने के मूड मे दिख रहा है। सबब यह है कि शासन के बर्खास्तगी के बाद भी विभाग द्वारा बर्खास्त प्रधानाचार्य रहमतुल्ला को जारी पत्र मे उनके नाम के साथ पद नाम अंकित गया है जबकि जानकारों का कहना है कि बर्खास्तगी के बाद किसी भी पत्र मे पद नाम अंकित करना अनुचित व नियम विरुद्ध है। इसके अलावा इन शिक्षको के खिलाफ विभाग की ओर से अब तक न तो एफआईआर दर्ज करायी गयी है और न ही रिकबरी की कोई कार्रवाई की गयी है। इतना ही नही शासन की कार्रवाई की पच्चीस दिन बाद भी मदरसा का कार्य सुचारू रुप से संचालित करने के लिए अल्पसंख्यक विभाग अब तक किसी को कार्यवाहक प्रधानाचार्य भी नामित नही किया है। इसके पीछे वजह यह बताया जा रहा है कि विभाग बर्खास्त शिक्षको को मौका दे रहा है ताकि वह सभी शिक्षक हाईकोर्ट की शरण में जाकर मामले को ऐसे उलझा सके जिससे उन शिक्षकों को बर्खास्तगी व रिकबरी के कार्रवाई से किसी तरह से बचाया जा सके। इसमे मोटी लेन-देन की बात भी सामने आ रही है।
काबिलेगौर है कि कुशीनगर जनपद के पडरौना नगर के जमालपुर मे संचालित मदरसा फैजुल उलूम दारुल तालिम इस्लामिया मे कार्यरत प्रधानाचार्य रहमतुल्लाह, सहायक आलिया नुरुल्लाह, सहायक तहतानिया अतहर व लिपिक रिजवान अंसारी को मदरसा के प्रबन्धक इस्तेयाक अहमद ने तमाम आरोपों के आधार पर वर्ष 2017 मे बर्खास्त कर दिया था। तत्कालीन प्रबन्धक इस्तेयाक अहमद की माने तो बर्खास्तगी के बाद इन शिक्षको ने किसी प्रकार से शिक्षण कार्य मे अपनी सेवा नही दी। उप सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एंव वफ्फ अनुभाग - 3 उत्तर प्रदेश शासन के तरफ से दिनांक - 14 मार्च - 2022 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेजे गए पत्र संख्या - 220/52-3-2022-52-3099/100/2021 स्पष्ट कहा गया है कि पडरौना नगर में संचालित मदरसा फैजुल उलूम दारुल तालिम इस्लामिया में तैनात प्रधानाचार्य रहमतुल्लाह, सहायक आलिया नुरुल्लाह, सहायक तहतानिया अतहर व लिपिक रिजवान अंसारी को मदरसा के प्रबन्धक ने बर्खास्त कर दिया था। इसमे यह भी कहा गया है कि प्रबन्धक मदरसा द्वारा बर्खास्त किये गये शिक्षको को न तो विधिमान्य प्रबन्धक/प्रबंध समिति अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा मदरसे मे शिक्षक कार्य के लिए योगदान कराया गया है और न ही दिनांक - 20-6-2017 मे जिलाधिकारी कुशीनगर की ओर से गठित जांच समिति के स्थलीय निरीक्षण के दौरान इन शिक्षकों को कार्यरत पाया गया है। पत्र मे सभी बर्खास्त किये गये शिक्षको को बिना शिक्षण कार्य किये उक्त अवधि का वेतन और एरियर भुगतान किये जाने के निर्देश तत्कालीन रजिस्ट्रार के आदेश तथा तत्क्रम मे जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की ओर से की गयी कार्यवाही अनियमित ठहराया गया है। शासन के उप सचिव ने इन सभी शिक्षकों का तत्काल प्रभाव से किसी भी तरह के भुगतान पर रोक लगाते हुए लाखो रुपये लिए गये वेतन व एरियर भुगतान की रिकबरी कराने का आदेश जारी किया है। साथ ही साथ इन शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। लेकिन मजे की बात यह है कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा न तो शिक्षको के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया और न ही अब रिकबरी की गयी।
शासन के निर्देश पर बर्खास्त किये गये प्रधानाचार्य रहमतुल्ला से 60 लाख 24 हजार 780 रुपये, सहायक अध्यापक मोहम्मद नुरूल्लाह से 53 लाख12 हजार 505 रुपये, सहायक अध्यापक मोहम्मद अतहर से 38 लाख 65 हजार रुपये और लिपिक मोहम्मद रिजवान अंसारी से 25 लाख 42 हजार 281 रुपये की रिकवरी करना है। इन लोगों ने बिना शिक्षण कार्य किये वेतन और एरियर लिया था। इसकी रिकवरी के लिए शासन से मिले पत्र के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है।
🔴 कार्यवाहक प्रधानाचार्य नही हुए नामित
शासन द्वारा 14 मार्च 2022 को मदरसा के प्रधानाचार्य सहित शिक्षक और लिपिक को बर्खास्त करने के बाद विभाग की ओर से मदरसा मे पठन-पाठन व सुचारू व्यवस्था के लिए अब तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य नामित नही क्या गया है जो कही न कही जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व बर्खास्त शिक्षको के आपसी गठजोड़ की ओर इशारा करती है।
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