कार्यालय से नदारत रहते है एडीओ पंचायत कसया - Yugandhar Times

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Sunday, April 24, 2022

कार्यालय से नदारत रहते है एडीओ पंचायत कसया

🔴 पंचायत साहब को बिना खुश किये कोई कर्मचारी नही कर सकता है नौकरी, जो ऐसा करने की करता है कोशिश उसे नोटिस और कार्रवाई की  झेलनी पडती है प्रताड़ना 

🔴 एक महीने से एडीओ पंचायत रामअशीष अपने कार्यालय मे नही बैठे

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर । शासन द्वारा सुबह दस बजे से बारह बजे तक कार्यालय में बैठकर जनसमस्याओ की सुनवाई कर निस्तारण करने के आदेश को कसया विकास खण्ड पर तैनात एडीओ पंचायत रामअशीष प्रसाद पलीता लगा रहे है। सबब यह है कि रामअशीष प्रसाद विगत एक माह से कार्यालय मे बैठे ही नही, ऐसा ब्लाक पर तैनात कर्मचारियों का कहना है। कार्य दिवस के दिन एडीओ पंचायत के विकास खण्ड कार्यालय पर मौजूद न रहने के कारण  विकास कार्य बाधित हो रहा है। बावजूद इसके उच्चाधिकारी एडीओ के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय धृतराष्ट्र बने बैठे है। 

जनपद के कसया स्थित ब्लाक कार्यालय से एडीओ पंचायत की नदारत रहने की सूचना पर शनिवार को सुबह दस बजे से लेकर तीन बजे संवाददाता मौजूद रहा। इस दौरान देखा कि परिसर में भीड़ लगी हुई है। फरियादी और विकास कार्यो से जुड़े लोग इधर-उधर भटक रहे है। एडीओ पंचायत की कुर्सी खाली पडी थी। कार्यालय में दो सफाई कर्मी लिपिक का कार्य निपटा रहे थे। पंचायत कार्यालय के बगल में स्थित मनरेगा कार्यालय मे संविदा पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर उदय नारायण पाण्डेय व संदीप गुप्ता मौजूद थे। परिसर में घूम रहे राधेश्याम गुप्ता व अशोक कनौजिया ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से एडीओ पंचायत रामअशीष प्रसाद से मिलने के लिए ब्लाक कार्यालय आते है और घूमकर चले जाते है। कार्यालय के लोगो ने बताया गया कि एडीओ पंचायत रामअशीष प्रसाद विगत एक माह से  कार्यालय नही रहे है।  अपने कर्मचारियों से जुड़ा जरूरी कार्यो को वह मोबाइल से ही निपटाते है। इस सम्बंध में जब कार्यालय से जुड़े लोगों से बात की गई तो नाम न छापने के शर्त पर बताया कि साहब को सुकरौली व कसया दो ब्लाक का चार्ज मिला है। सुकरौली तो पता नही लेकिन यहा एक माह में दो से तीन बार ही आधा से एक घण्टे कार्यालय में बैठे है। सारा विकास कार्यो के अभिलेख  वाट्सएप के जरिये मोबाइल पर  भेजने व मंगाते है। जो व्यक्ति मोबाइल पर भेजने मे असमर्थता जाहिर करता है वह साहब के कोपभाजन का शिकार होता है। कहने वाले तो यह भी कह रहे है कि साहब बिना गांव मे जाये ही सफाईकर्मियों को अनुपस्थित दिखाकर नोटिस भेजते है और बदले मे मोटी रकम वसूल करते है। यह कार्य उनके दिनचार्या मे शामिल है। पैसा न देने वाले सफाईकर्मियों को  निलंबन की घमकी देते है। सफाईकर्मियों का कहना है कि पंचायत साहब को बिना खुश किये कोई कर्मचारी नौकरी नही कर सकता है, जो ऐसा करने की कोशिश करता है उसे तरह तरह के नोटिस और कार्रवाई की प्रताड़ना झेलना पडता है।



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