हत्या के मामले मे तीन को आजीवन कारावास - Yugandhar Times

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Thursday, April 14, 2022

हत्या के मामले मे तीन को आजीवन कारावास

🔴 कोर्ट ने अर्थदंड का अस्सी फीसदी भुगतान वादी के पक्ष में करने का दिया आदेश

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर।पांच साल पूर्व हुई डॉ. ब्रजेश तिवारी हत्याकांड में अपर जिला जज तृतीय वीके हिमांशु ने हत्या के मामले मे तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनो अभियुक्तों को पचास-पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाकर मृतक के आश्रित को 80 फीसदी रकम देने का आदेश दिया है। सुपारी देकर हत्या कराने के मामले में एक अभियुक्त के खिलाफ आरोप साबित नहीं होने पर न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है। इस फैसले को लेकर पूरा दिन कोर्ट परिसर में गहमा गहमी बनी रही।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी केके पांडेय के मुताबिक मृतक डॉ. ब्रजेश तिवारी की पत्नी सरिता देवी निवासी सुगही तिवारीपट्टी थाना कसया ने 4 अक्तूबर 2017 को पडरौना कोतवाली में तहरीर देकर कहा कि 2 अक्तूबर 2017 की रात करीब नौ बजे उनके पति डॉ. ब्रजेश तिवारी रविंद्र नगर स्थित मेडिकल स्टोर को बंद कर पडरौना आवास के लिए लौट रहे थे। रास्ते में मेन रोड पर टीवीएस बाइक एजेंसी से पहले सोहरौना पुलिया के पास अभी पहुंचे थे कि पीछे से एक बाइक पर सवार दो व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर रोक लिया तथा पीठ के दाहिने हिस्से में गोली मार दी। गोली मारने के बाद पुन: गाड़ी मोड़कर दूसरी गोली मारना चाहे कि पति गाड़ी से गिरकर पीछे की तरफ कुछ दूरी तक भागना चाहे, लेकिन सड़क पर गिर गये। इसके बाद बाइक सवार दोनों अज्ञात हमलावर पडरौना की तरफ भाग गये। पति को राहगीरों ने घायल अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया। सूचना मिलने पर हम लोग भी अस्पताल पहुंचे। गंभीर अवस्था में घायल पति को डॉक्टरों ने मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया। जहां पर इलाज के दौरान 4 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई। विवेचना के दौरान हत्याकांड मे मंतोष गोड, रुपक राय निवासी भिसवा सरकारी थाना पडरौना कोतवाली, विजय जायसवाल निवासी कप्तानगंज तथा जितेन्द्र यादव निवासी बेलघाट की भूमिका प्रकाश मे आयी। पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद मे यह सभी आरोपी जमानत कराकर जेल से बाहर आ गये थे। विद्वान न्यायाधीश ने सभी साक्ष्यों का अवलोकन करने व गवाहो के बयान को सुनने के बाद मंतोष गोड, विजय जायसवाल, व जितेन्द्र यादव को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव मे रुपक राय को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने अर्थदंड का अस्सी फीसदी भुगतान वादी के पक्ष में करने का आदेश दिया है।



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