🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । छडे चरण के विधानसभा चुनाव मे वोटों के बिखराव ने दिग्गज प्रत्याशियों के जीत-हार का समीकरण बिगाड़ दिया है। ज्यादातर दिग्गज त्रिकोणीय लड़ाई में फंस गए हैं।योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर रहते अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद भाजपा छोड सपा मे शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्या व कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की न सिर्फ चुनौती बढ़ गयी है बल्कि दोनो दिग्गज अपने-अपने गढ़ में फंसे हैं। कौन जीतेगा या कौन हारेगा, यह कह पाना कठिन हो रहा है।
कुशीनगर जनपद के सात विधानसभा सीटों पर छठवें चरण में गुरुवार को सकुशल चुनाव संपन्न हो गया। इस दरम्यान मतदाताओं से बातचीत के बाद जो ओपेनियन आया है, उसके मुताबिक, राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी भी क्षेत्रवाद व जातीय समीकरण में उलझ गए हैं। बताया जा रहा है योगी सरकार में मंत्री रहे और सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य भी कठिन लड़ाई में फंसे हैं। इस सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा, उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। दरअसल, स्वामी का खेल बसपा के इलियास ने बिगाड़ा है। बसपा ने इस सीट से इलियास अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। इलियास पुराने समाजवादी हैं। सपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने भाजपा से आए स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रत्याशी बना दिया है। नतीजा यह रहा कि इलियास ने बगावत कर दी और बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूद पड़े। ऐसी चर्चा है कि बसपा प्रत्याशी जितना वोट पाएंगे, उसका नुकसान सपा प्रत्याशी स्वामी को उठाना पड़ सकता है। इसी तरह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी कठिन लड़ाई में फंसे हैं। लल्लू को निषाद पार्टी-भाजपा प्रत्याशी डॉ. असीम कुमार राय से कड़ी चुनौती मिली है। सपा प्रत्याशी उदय नारायण गुप्ता भी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। लिहाजा, लल्लू त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे हैं। कहना न होगा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, पिछले दस वर्षों से इस सीट से विधायक हैं। तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। लिहाजा, विरोधी लहर का सामना भी करना पड़ रहा है। क्षेत्र की जनता बदलाव की बात कर रही है। ऐसे मे लल्लू क्या कमाल दिखाते है यह तो 10 मार्च को ईवीएम खुलने के बाद ही पता चलेगा हालांकि, लल्लू का खेमा जीत का दम भर रहा है।
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