भाजपा के सुरेन्‍द्र ने दी स्वामी प्रसाद मौर्य को पटखनी - Yugandhar Times

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Thursday, March 10, 2022

भाजपा के सुरेन्‍द्र ने दी स्वामी प्रसाद मौर्य को पटखनी

🔴 भाजपा के सुरेन्‍द्र कुशवाहा को मिले 115343 वोट जबकि मौर्य 69710 सिमटे

🔴 एक्जिट पोल का दावा हुआ सच
🔴 संजय चाणक्य 
कुशीनगर । भाजपा का सुपडा साफ करने का दंभ भरने व  भाजपा के ताबूत मे आखिर कील ठोकने का दावा करने वाले फाजिलनगर विधानसभा के सपा प्रत्याशी स्वामीप्रसाद मौर्य बुरी तरह से चुनाव हार गये है। भाजपा के सुरेन्‍द्र कुशवाहा ने उन्हें 45633 मतो के भारी अंतर से हरा दिया है। मौर्य ने चुनाव से पूर्व योगी सरकार मे मंत्री पद पर अपना कार्यकाल पुरा करने के बाद भाजपा छोडकर सपा का दामन थाम लिया था। एक्जिट पोल ने तीन दिन पहले ही स्वामी प्रसाद की हार का भविष्यवाणी कर दिया था। कहना मुनासिब होगा एक्जिट पोल का दावा सच साबित हुआ।
काबिलेगोर है कि सपा के स्टार प्रचारक बनकर अदना सा सिपाही व चेला खडा कर कही से भी चुनाव जिताने का दावा करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य  फाजिलनगर विधानसभा से अपनी सीट बचाने मे नाकाम साबित हुए है। कहना न होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की हार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए भी बड़ा झटका है। कहना मुनासिब होगा कि बडबोलापन मे अपनी पहचान बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की हार के साथ ही उनका सियासी रसूख भी अब खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। सबब यह है कि भाजपा छोड़ने के बाद मौर्य मंच पर एलान किया करते थे कि वह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को यूपी की सत्ता तक पहुंचाएंगे। इस दावे के पीछे उनका तर्क है कि वह जिस पार्टी में जाते हैं उसी की सरकार बनती है। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव ने स्वयंभू नेवला कहे जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का यह भ्रम तोड दिया। भाजपा के सुरेन्‍द्र कुशवाहा ने उन्‍हें 45633 वोटों के अंतर से हरा दिया है। सपा उम्‍मीदवार स्‍वामी प्रसाद मौर्य को कुल 69710 वोट मिले जबकि बीजेपी के सुरेन्‍द्र कुशवाहा को 115343 वोट। वहीं बसपा के इलियास अंसारी 45515 वोट हासिल कर तीसरे स्‍थान पर रहे। स्‍वामी ने चुनाव से पहले सपा को जितवाने और अखिलेश यादव की मुख्‍यमंत्री पद पर ताजपोशी कराने के बड़े-बड़े दावे किए थे। यह पहला मौका है जब स्‍वामी अपनी ही चालों से सियासी चक्रव्‍यूह में फंस गए और उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा।

🔴 फाजिलनगर का चुनावी इतिहास

फाजिलनगर विधानसभा सीट पर 90 के दशक में विश्वनाथ सिंह का दबदबा था। वह वर्ष 1989 से लेकर 2002 तक वह लगातार चार बार विधायक रहे। इसमे तीन बार जनता दल के टिकट से जीते थे, जबकि 1996 का चुनाव उन्‍होंने समाजवादी पार्टी के टिकट से लड़कर जीता था। 2002 के चुनाव में जगदीश मिश्र ने पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. उन्होंने दिग्गज नेता विश्वनाथ सिंह को हराया था। वर्ष 2007 में विश्‍वनाथ ने फिर वापसी की, लेकिन 2012 और 2017 में भाजपा के गंगा सिंह ने जीत दर्ज की। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा के 102778 वोट मिले थे. उन्‍होंने सपा के विश्‍वनाथ को 41922 वोट से हराया था.

🔴 बसपा और भाजपा में भी रह चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकदल से की थी. प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी 68 वर्षीय स्‍वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में नेता विपक्ष और मायावती की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. वह दो बार रायबरेली की ऊंचाहार और तीन बार कुशीनगर की पडरौना सीट से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. मौर्य पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बसपा विधानमंडल दल का नेता पद छोड़कर भाजपा में और इस बार भी चुनाव से पहले मंत्री पद छोड़कर सपा में शामिल हो गये.आपको बता दें कि कोइरी जाति पश्चिमी यूपी के आगरा से लेकर कुशीनगर तक अच्छी संख्या में हैं. यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य कोइरी समाज के सबसे बड़े नेता के रुप में जाने जाते थे, मगर 2016 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने और 2017 में उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य कोइरी बिरादरी के सबसे बड़े नेता बन गए हैं.

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