🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। जनपद के तमकुहीराज विधानसभा मे 29 साल बाद कमल खिला है। यहां कमल खिलने के पीछे चाहे जो भी तर्क हो लेकिन इस हकीकत को नही झुठलाया जा सकता है कि समाजवादियों का गढ़ कहे जाने वाले तमकुहीराज विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने नंदकिशोर मिश्रा का टिकट काटकर खुद भाजपा की जीत का रनवे तैयार किया है। नतीजतन यहा बाहर आए डा0 असीम कुमार के सिर पर न सिर्फ जीत का सेहरा बधा बल्कि 29 साल के भाजपा के वनवास पर विराम भी लग गया।
तमकुहीराज विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर नजर दौडाये तो यह विधानसभा क्षेत्र पहले सेवरही विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था। इस सीट से दो बार भाजपा के नन्दकिशोर मिश्र वर्ष 1991 व 1993 में चुनाव जीते थे। जानकारों का कहना है कि इसके पूर्व या फिर वर्ष 2012 तक इस सीट पर समाजवाद व लोहिया के विचारो से ताल्लुकात रखने वालो का परचम लहराता रहा है। समय के साथ इस सीट पर सियासत का समीकरण बदला और वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान मे ताल ठोक रहे अजय कुमार लल्लू को यहा की जनता ने अपना आशीर्वाद देकर विधानसभा मे भेजा। उस समय भाजपा के नंदकिशोर मिश्रा दुसरे और समाजवादी पार्टी के डा0 पीके राय राय तीसरे स्थान पर रहे। इतना ही नही तमकुहीराज विधानसभा सीट से वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस के अजय लल्लू अपनी सीट बचाने मे सफल रहे। नतीजतन पांच वर्ष तक विपक्ष के राजनीति को धार देते हुए अजय कुमार लल्लू ने सपा के वोटरों में सेंधमारी कर अपने कुनबे को मजबूत करने के रणनीति पर काम करते रहे। दूसरी ओर सपा में आए यहां बड़े जनाधार वाले नेता के रूप में स्थापित पंडित नन्दकिशोर मिश्र को सपा ने टिकट नहीं दिया तो वह अपने पुराने घर भाजपा मे चले गए। राजनीतिक जानकार कहते है कि अबकी बार के विधानसभा चुनाव मे सपा ने नंदकिशोर मिश्र का काट कर भाजपा के जीत रनवे खुद तैयार कर दिया।सबब यह रहा कि नंदकिशोर का सपा से टिकट कटने के बाद सपा यहां लगातार कमजोर होती चली गई । इधर सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व ब्लाक प्रमुख डॉ. उदय नारायण गुप्ता अपने वोटरों को सहेजने में जुटे रहे लेकिन वोटरों के बिखराव को रोकने मे सफल नही हुए। परिणामस्वरूप सपा के उदय नारायण को भाजपा ने करारी शिकस्त देते 29 साल बाद तमकुहीराज विधानसभा मे कमल खिलाया। यहा डा0 असीम कुमार के सिर पर जीत का सेहरा बधा और तमकुहीराज विधानसभा भगवा रंग मे रंग गया जबकि सपा के उदय नारायण दूसरे व कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू तीसरे स्थान पर रहे।
🔴 भाजपा के जीत मे नंदकिशोर की भूमिका अहम
राजनीतिक विशेषज्ञो का दावा है कि 29 साल बाद भाजपा को मिली बडी जीत के पीछे सपा से नंदकिशोर मिश्रा का टिकट कटने के साथ साथ भाजपा मे मिश्र का वापस लौटना भारतीय जनता पार्टी की सफलता मुख्य कारण है। राजनीतिक जानकार इस बात को भी मानते है कि नंदकिशोर मिश्र के सपा छोडकर भाजपा मे आने से भाजपा को लाभ मिला है। दावा यह भी किया जा रहा है कि टिकट कटने के बाद नंद किशोर मिश्रा सपा मे ही बने रहते तो शायद भाजपा के लिए जीत की राह कठिन हो जाती।
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