🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। मेडिकल की पढ़ाई करने गये कुशीनगर जनपद के एक दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन फंसे हुए हैं। हालांकि सभी छात्र सुरक्षित हैं और बम धमाकों से काफी दूर हैं इसके बावजूद उनके परिजन काफी भयभीत व चिन्तित है। परिजनों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं रूस और यूक्रेन की लड़ाई विश्व युद्ध में तब्दील हुई तो उनके बच्चों की सुरक्षा कैसे होगी।
काबिलेगोर है कि भारत से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए हर वर्ष हजारों छात्र जाते हैं । देश के अन्य हिस्सों की तरह कुशीनगर जिले के देवगांव निवासी साकेत कुमार मल्ल , छावनी टोला निवासी सुमित सिंह, फाजिलनगर निवासी रश्मि सिंह, मोहम्मद असद, पटेरा बुजुर्ग निवासी दिलशाद, जंगल चौरसिया अवधेश प्रसाद सहित एक दर्जन से ज्यादा छात्र यूक्रेन के विन्नित्सा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित कई मेडिकल संस्थानों में पढाई कर रहे है। एमबीबीएस के तीसरे वर्ष का छात्र साकेत मल्ल दूरभाष पर बताया है कि युद्ध की खबर आने के बाद सभी छात्र दहशत में है। साकेत ने बताया कि कुछ घंटे बाद युद्ध का डर थोड़ा कम होने लगा । क्योकि हम सभी युद्ध स्थल दूर है फिर भी हो रही बमबारी को लेकर सभी छात्र दहशत में हैं। छात्रों को संतोष इस बात का है कि भारतीय दूतावास छात्रों की सुरक्षा लेकर काफी चिंतित है और उन्हें बाहर निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है । साकेत के पिता गिरजेश मल्ल व माता उषा देवी ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री से मांग किया है कि जितने भी भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं उन्हें खतरे से बाहर निकाला जाए।
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