🔴 संजय चाणक्य
कूशीनगर। पूजा आज हमारे बीच नही है लेकिन उसकी बहादुरी के किस्से कभी भूलायी नही जा सकती है। उसकी कृतियाँ अमर है जो आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा होगी। वह इस जहां से जाते- जाते न सिर्फ अपने माँ-बाप का बल्कि गांव ज्वार का नाम भी रोशन कर गयी।शुक्रवार को गांव मे पसरे सन्नाटे के बीच उसकी बहादूरी के किस्से की बखान करते लोग नही थक रहे थे।
बात कर रहे है जनपद के नौरंगिया स्कूल टोला हादसे मे मरने वाली 22 वर्षीय पूजा यादव की, जो बुधवार की रात कुंए के स्लैब टूटकर गिरने से असमय काल के गाल मे समाए तेरह लोगो मे गांव की यह बहादुर बेटी भी शामिल थी। गांव की यह बहादुर बेटी तो पंचतत्वों मे विलीन हो गयी लेकिन उस भयानक रात के खौफनाक मंजर के दौरान दिखाई गयी पूजा की बहादुरी के किस्से लोगो के जुबान पर है। घटना को लेकर ग्रामीणों मे मायूसी है भी है तो वह बेटी पूजा की हिम्मत और बहादुरी की बखान करते फूले नही समा रहे। पूजा अपने पिता बलवंत यादव की तरह आर्मी ज्वाइन कर राष्ट्र सेवा करना चाहती थी। यही कारण था कि वह रात-दिन मेहनत कर सेना की भर्ती की तैयारी कर रही थी। सेना मे भर्ती से पहले भले ही पूजा जिन्दगी की जंग हार गयी और उसके राष्ट्र सेवा के सपने पूरे नही हुए। लेकिन उसकी हिम्मत और बहादुरी ने मानवता की अविस्मरणीय मिसाल कायम किया। बताया जाता है कि कुंए मे गिरने के बाद पूजा जिन्दगी और मौत से जूझते हुए पांच लोगो की जान बचाई। वह चाहती तो खुद की जान बचा सकती थी लेकिन उसकी इन्सानियत और मानवता ने उसे अपनी बहादुरी का जौहर दिखाने से रोक न सकी। ग्रामीणो की माने तो जिस वक्त यह हादसा हुआ था पूजा के साथ डूबने वालो मे उसकी माँ लीलावती देवी भी साथ थी। इस बीच रस्सी के सहारे जब सीढी कुंए मे उतारी गियी तो पूजा सबसे पहले अपनी मांँ को रस्सी के सहारे उपर भेजी। इसके बाद वह अपनी जान जोखिम मे डालकर अनूप, उपेन्द्र सहित चार लोगो को एक-एक कर खिचकर सीढी के सहारे कुंए से उपर भेजती गयी । मौके पर बचाव कर रहे विपिन कहते है वह चिल्लाती रही पहले इसे उपर खिचो, इसका हाथ पकडो बच्चो को बाहर निकालो। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अनूप, उपेन्द्र, गीता व रीता की जान बचाने के बाद छठे व्यक्ति की जान बचाते वक्त पूजा का पैर सीढी से फिसल गया और वह सिर के बल से कुंए मे गिर पडी।. विपिन कहते है कि मेरी आखो के सामने वह कुंए मे डूबती चली गयी, मै चिल्लाता रहा और उपर से कुछ नही कर सका। हादसे के शिकार नौ वर्षीय उपेन्द्र आपबीती कहते हुए फफक पडा। बोला मै पानी मे डूब रहा था तभी पूजा दीदी ने आवाज लगाई और मेरा हाथ पकड़कर उपर खिचा। उसने कहा कि अंधेरे मे दीदी की आवाज पहचान मे आ रही थी। वह सबको बोल रही थी घबडाओ नही कुछ नही होगा सबको निकाल लिया जायेगा। प्रत्यक्षदर्शी कहते है पूजा को धून सवार था कि वह सभी को सही सलामत बाहर निकालेगी लेकिन कुदरत ने उसका साथ नही दिया। हादसे के शिकार बच्चो के परिजनो ने कहा गांव की बहादुर बेटी दुसरो की जिन्दगी बचाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
🔴 पिता की तरह आर्मी मे जाना चाहती थी पूजा
तहसीलदार शाही महाविद्यालय सिंगहा में पूजा बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। पिता बलवंत यादव जम्मू कश्मीर में आर्मी में हवलदार पद पर पोस्टेड हैं। उसके दो जुड़वां भाई आदित्य और उत्कर्ष हैं। क्लास नौ में पढ़ते हैं। पूरा परिवार शिक्षित है। पूजा खुद की तरह ही अपने भाइयों को भी सेना, पुलिस में भर्ती करवाना चाहती थी।
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