🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर । जनपद के रवींद्रनगर स्थित जिला मुख्यालय पर गोद में बच्चा और बैसाखी के सहारे खिसकते हुए एक शिक्षिका के साथ तमाम गर्भवती व बीमारी से पीड़ित महिलाए शुक्रवार को चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए विकास भवन से लगायत कलेक्ट्रेट व निर्वाचन कन्ट्रोल रुम तक भटकती रही। ऐसी चर्चा है कि निर्वाचन कन्ट्रोल रुम मे मौजूद सीडीओ अनुज मलिक के पास गर्भवती महिलाए अपनी समस्या की दुहाई देकर चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने की गुहार लगायी तो सीडीओ ने उन महिलाओं को प्रेग्नेंसी का इन्जॉय करते हुए चुनाव ड्यूटी करने की सलाह देकर सभी महिलाओं को बैरंग वापस भेज दिया। मजे की बात यह है कि मुख्य विकास अधिकारी अनुज मलिक खुद महिला होते हुए महिलाओं की समस्याओ को बडी ही निर्लजता से मजाक मे उडा दिया। निराश महिलाएं सीडीओ की संवेदनहीनता को डीएम से अवगत कराने के लिए कलेक्ट्रेट के इर्दगिर्द भटकती रही।
काबिलेगोर गौर है कि विधानसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए सभी सरकारी विभागो से लगभग पन्द्रह हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिसमे महिलाए भी शामिल है। इसमे तमाम कर्मचारी ड्यूटी करने मे समक्ष नही है। बताया जाता है कि कुछ स्वय गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो कुछ महिलाओ के समाने गोद मे बच्चा लेकर ड्यूटी करना संभव नही है। इसके अलवा कुछ महिलाए गर्भवती है तो कुछ ऐसी भी महिला अपना ड्यूटी कटवाने के लिए पहुची थी जिनके बच्चे छोटे है और विकलांगता के शिकार है। इतना नही पति-पत्नी दोनो की ड्यूटी चुनाव मे लगने के कारण भी किसी एक को ड्यूटी से मुक्त करने के लिए आवेदन किया था इसके बावजूद ड्यूटी काटने की खानापूर्ति के लिए सीडीओ के मौजूदगी मे बैठी टीम की संवेदना नही जगी और महिला कर्मचारी निराश होकर दिनभर इधर-उधर भटकती रही। उ0प्र0 महिला शिक्षिक संघ की जिलाध्यक्ष मनोरमा त्रिपाठी ने कहा कि गर्भवती महिलाए, दिव्यांग छोटे बच्चो की मां, तीन साल से छोटे महिला कर्मी व 58 वर्ष पार कर चुकी महिलाओं को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए उन्होंने संगठन के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा था जिसके क्रम मे आज सभी महिला शिक्षिकाओं को साक्ष्य के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। जिलाध्यक्ष ने कहा कि गर्भवती महिलाए सहित अन्य महिला शिक्षिका अपने साक्ष्य के साथ सीडीओ के पास अपनी समस्या लेकर गुहार लगाई तो सीडीओ अनुज मलिक ने यह कहकर सभी महिलाओं को बैरंग वापस भेज दिया कि प्रेग्नेंसी का इन्जॉय करते हुए चुनाव ड्यूटी कीजिए। उन्होने बताया कि प्रतिमा मिश्रा की डेढ साल की छोटी बच्ची है। सुमन चौधरी का साढे छह साल का बेटा विकलांग है और पति-पत्नी दोनो की ड्यूटी लगी है। रानी मिश्रा नौ माह और रागिनी तिवारी पांच माह की गर्भवती है। इसके अलावा तमाम महिला कर्मचारी है जिनके तीन साल से कम उम्र के बच्चे है या वह गर्भवती है या फिर पति पत्नी दोनो का ड्यूटी लगायी गयी है। इसके बाद भी महिलाओ की समस्या सुनने वाला कोई नही है।
अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं तो विधानसभा चुनाव में दंपती में एक को छूट मिलेगी। पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी नहीं लगेगी। इस बारे में निर्वाचन आयोग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दंपती में से कोई एक अपनी ड्यूटी हटाने के लिए प्रार्थनापत्र दे सकेगा। जिसके आधार पर उनकी ड्यूटी काटी जायेगी।
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