🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। भाजपा छोडकर सपा मे शामिल हुए व खुद को नेवला कहने वाले फाजिलनगर विधानसभा सभा से चुनावी रणभूमि मे ताल ठोक रहे स्वयंभू पिछडा वर्ग तुर्रम नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किल बढती जा रही। इनकी भिड़ंत न सिर्फ भाजपा उम्मीदवार सुरेन्द्र कुशवाहा से है बल्कि सपा से बगावत कर बसपा के हाथी पर सवार होकर चुनाव मैदान मे उतरे सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इलियास अंसारी से भी लडना तय है। इलियास समाजवादी पार्टी छोड़कर बसपा के टिकट पर ताल ठोक रहे मौर्या से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है। राजनीतिक जानकारों का दावा है कि तीन दशक से फाजिलनगर मे जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे इलियास यकीनन स्वामीप्रसाद मौर्या नींद हराम कर देगे।
काबिलेगोर है कि सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी पार्टी की ओर से फाजिलनगर विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे यही वजह है कि इलियास बीते पांच वर्षों से अनवरत क्षेत्र मे जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे थे। लेकिन इलियास को उस समय झटका लगा जब सपा हाईकमान ने उनका टिकट काटकर भाजपा छोडकर सपा मे शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को फाजिलनगर विधानसभा सभा से उम्मीदवार बना दिया। क्षेत्र मे पांच वर्षों से जनता के बीच मे कार्य कर रहे इलियास टिकट कटने से खफा चल रहे थे। वह निर्दल चुनाव लडकर मौर्या को चुनौती देने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अपना प्रत्याशी बदलकर सपा के बागी इलियास अंसारी को अपना बनाकर हाथी पर बैठा लिया। कहना न होगा कि बसपा ने पहले यहां से संतोष तिवारी को प्रत्याशी घोषित किया था। उनका टिकट काटकर इलियास को दिया है। लोगो के सुख-दुख मे हमेशा खडे होने वाले मिलानसार स्वभाव के इलियास की गिनती जिले मे अल्पसंख्यक समुदाय के के कद्दावर नेताओ मे की जाती है। इलियास का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह टिकट कटने पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताते हुए समर्थकों के बीच रो रहे थे। वह अपने समर्थकों से कह रहे है कि अगर फाजिलनगर की जनता उनका तन, मन, धन से साथ देती है तो वह चुनाव लड़ेंगे। इसी दरम्यान बुधवार की शाम बसपा ने फाजिलनगर विधानसभा से टिकट थामा दिया। अब वह पूरे दमदारी के साथ मौर्या से दो-दो करने के लिए आतुर है।🔴 कौन है इलियास अंसारी
वर्ष 1980 में हाईस्कूल की परीक्षा पास होने के बाद दुदही विकासखंड के ठाढ़ीभार गांव के निवासी इलियास अंसारी , राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर मिश्र तथा मुलायम समाजवाद के राह पर चलना शुरू किया। उनकी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए सपा ने उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद दो कार्यकाल तक समाजवादी लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष रहे। समाजवादी शिक्षक प्रकोष्ठ के दो बार जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही समाजवादी युवजन महासभा के जिलाध्यक्ष रहे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी मे जिला महासचिव के पद पर 10 साल तक सेवा दिया। समाजवादी पार्टी ने उन्हें 4 वर्षों तक सपा जिलाध्यक्ष के पद पर भी रखा। सांसद मोहन सिंह के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने 22 वर्ष तक देवरिया संसदीय क्षेत्र के लोगों को अपना समय दिया। मोहम्मद इलियास अंसारी 1991 से लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज के अध्यापक भी हैं।
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