दो माह पूर्व स्थानांतरित हुए लेखपालो की हुई फिर घर वापसी - Yugandhar Times

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Monday, January 10, 2022

दो माह पूर्व स्थानांतरित हुए लेखपालो की हुई फिर घर वापसी

🔴 वर्षो से एक ही तहसील मे कुण्डली मारकर बैठे लेखपाल दो माह बाद लौटे उसी तहसील मे

🔴 रसूख के दम शासनादेश को चुनौती देकर लौटे लेखपाल

🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । वर्षो से एक ही तहसील मे कुण्डली मारकर बैठे रसूखदार लेखपालो के स्थानांतरण को लेकर मीडिया द्वारा अभियान शुरू करने के बाद दो माह पूर्व स्थानांतरित हुए लेखपालो की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो हो गया है। मतलब यह कि जो रसूखदार लेखपाल दशको से एक ही तहसील मे अंगद के पाव की तरह जमे हुए थे उनका बोरिया-बिस्तर बडी मुश्किल से बधा था लेकिन दो माह बाद यह लेखपालो अपनी ऊची पहुच का दम पर शासनादेश की धज्जियां उडाते हुए अपने पूर्व तैनात वाले तहसील मे वापस आ गये। चर्चा-ए-सरेआम है कि घर वापसी वाले इन रसूखदारो मे अधिकांश की वापसी सत्ता दल के एक विधायक की पैरवी पर हुआ है।

काबिलेगोर है कि जनपद मे शासनादेश की धज्जियां उडाते हुए नियम विरुद्ध तरीके से वर्षो से जमे लेखपालो के स्थानांतरण के मुद्दे को युगान्धर टाइम्स व लखनऊ से प्रकाशित संदेशवाहक समाचार पत्र सहित लखनऊ के अन्य समाचार पत्रों द्वारा खबरो के माध्यम से इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया। नतीजतन राजस्व परिषद ने खबरो को  संज्ञान मे लेकर जिलाधिकारी से तय निति के तहत इन लेखपालो की तैनाती प्रमाण पत्र सहित पुरी कुण्डली तलब की थी। इसके बाद डीएम ने जनपद के रसूखदार लेखपालो का स्थानांतरण किया था। लेकिन इन रसूखदार लेखपालो के ऊची पहुंच का प्रभाव यह रहा कि दो माह बाद यह पुन: उसी तहसील मे वापस लौट आये जहा दशको से कुण्डली जमाये बैठे हुए थे।

कहना न होगा कि वर्षो से एक तहसील मे कुण्डली मारकर बैठने के कारण यह लेखपाल पहले अपने रुतबे के दम पर अपने रसूख का मकडजाल बुनते है उसके बाद जिले और फिर मण्डल स्तर पर अपना जुगाड़ लगाते हुए सीधे राजस्व परिषद मे पकड बनाकर अपना भौकाल कायम करते है। नतीजतन इनके भौकाल देख एसडीएम से लगायत डीएम भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से परहेज करते है। दो माह पूर्व कसया कसया तहसील मे वर्षो से कुण्डली मारकर बैठे रसूखदार लेखपाल ब्रजेश मणि पडरौना से पुन: कसया तहसील स्थानांतरित हो गये है।मार्केण्डय मणि का स्थानांतरण तमकुहीराज राज हुआ यह  अपने रसूख के दम पर दो माह बाद  फिर पडरौना तहसील लौट आये है। इसी तरह अरविन्द मणि त्रिपाठी पडरौना से कसया, कन्हैया यादव पडरौना से कसया, मुनीर आलम पडरौना से तमकुहीराज, शिवेन्द्र प्रताप सिंह व हरिनारायण गुप्ता तमकुहीराज से पडरौना व कसया, बलराम कुशवाहा तमकुहीराज से पड़रौना, अजय सिंह कप्तानगंज से हाटा, अशोक वर्मा पड़रौना से तमकुहीराज, अशोक कनौजिया पड़रौना से कसया अपने ऊची पहुच के दम पर वापसी कर लिए है। रसूखदार लेखपालो की दो माह के अन्दर पुन: उसी तहसील मे वापसी यह साबित करता है कि इनके लिए राजस्व परिषद के नियमों और शासनादेश कोई मायने नही रखता है जबकि नियमानुसार एक तहसील में किसी भी लेखपाल दस वर्षों से ज्यादा समय तक तक रहने का कोई प्रावधान नही है। इतना ही नही राजस्व परिषद के नियम के मुताबिक एक क्षेत्र में तीन वर्षो से ज्यादा किसी भी लेखपाल की तैनात नहीं रह सकती है। दोबारा उस लेखपाल को उस क्षेत्र में तब तक तैनात नहीं किया जा सकता जब तक कि वह लेखपाल क्षेत्र छोड़ने की तारीख से कम से कम पांच वर्ष तक दूसरी जगह समय न बिता चुका हो।

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