कानून की आड मे निजी हास्पिटलो मे मौत का खेल - Yugandhar Times

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Saturday, January 22, 2022

कानून की आड मे निजी हास्पिटलो मे मौत का खेल

🔴 धनबल के दम पर समझौता कर मामले को किया रफा-दफा

🔴 निजी अस्पतालों मे चिकित्सकों की लापरवाही के खिलाफ नही होती है कोई कार्रवाई

🔴 संजय चाणक्य 

कुशीनगर । निजी हास्पिटलो मे चिकित्सकों के लापरवाही के कारण आये दिन हो रही मौत के जिम्मेदारो के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के कारण इन मनबढ डाक्टरो का हौसला बुलंद है। मजे कि बात यह है कि गैर इरादतन हो रही इन हत्याओ के बढते प्रवृत्ति के पीछे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभाग-ए-शहंशाह स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस की भूमिका भी कम नही है। कारण यह कि डाक्टरो के लापरवाही के वजह से निजी हास्पिटलो मे हो मौत की न तो पोस्टमार्टम कराकर चिकित्सको के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की मुकदमा दर्ज की जाती है और न ही विभाग द्वारा जांच कर हास्पिटल व डाक्टरो विरुद्ध कार्रवाई कर लाइसेंस निरस्त किया जा रहा है। दो दिन पूर्व कुशीनगर मे बुद्धा हास्पिटल मे हर्निया के आप्रेशन के बाद चिकित्सक व हास्पिटल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई तीस वर्षीय युवक की मौत इन जिम्मेदारो के कुलकर्णी निद्रा का नतीजा है।

काबिलेगोर है कि बीते बुधवार को जनपद के कसया थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राज मार्ग 28 पर स्थित गौतम बुद्धा हॉस्पिटल मे चिकित्सक व हास्पिटल प्रशासन की लापरवाही के कारण 30 वर्षीय ज्ञानप्रकाश पुत्र भुटेली निवासी  ग्राम लछिया देवरिया थाना पटहेरवा ऑपरेशन के बाद पूरी रात कराहते हुए दम तोड दिया।  परिजनों ने  जब डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू किया तो हॉस्पिटल स्टाप  मौके से फरार हो गए।  इसके बाद दलालों के माध्यम से घंटो मैनेज का खेल शुरू हुआ। बताया जाता है कि मृतक की पत्नी ने जब समझौता करने से इंकार कर दिया तो पुलिस की मौजूदगी मे जबरिया स्टाम्प पर अंगूठा लगवाकर युवक के शव को एम्बुलेंस मे रखकर उसके घर भेज दिया गया। परिजनों के आरोप और हो-हल्ला के बाद मौके पर मौजूद पुलिस न तो शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम करायी और न ही6 विभाग-ए-शहंशाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा हास्पिटल व चिकित्सक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई किया गया है। ऐसे मे डाक्टरो की लापरवाही व गैर इरादतन हत्या के प्रति हौसला बढना स्वभाविक है। 

🔴 केस-2

 जिले के फाजिलनगर कस्बे के एक निजी अस्पताल में  4 जून-21 को  देवरिया जनपद के बघौचघाट थाना क्षेत्र के केडी चौराहा निवासी संतोष कुमार अपनी 35 वर्षीय पत्नी ममता देवी उम्र 35 वर्ष का इलाज कराने के लिए निजी अस्पताल मे भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा किया ।घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुची पटहेरवा पुलिस ने मौके  मामले को किसी तरह शांत कराया। पुलिस ने अस्पताल के संचालक को अपने हिरासत में लिया है। बाद मे पुलिस ने मामले को  रफा-दफा कर दिया।

🔴 केस-3

 पडरौना कोतवाली क्षेत्र के जंगल सिंघापट्टी गांव के करमहवा टोला निवासी सुभाष अपनी पत्नी राधिका देवी को  30 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने पर बांसी चौराहे पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां ऑपरेशन के बाद बच्चे का जन्म हुआ। उसके बाद महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। यह देख चिकित्सक आनन-फानन मे राधिका को गोरखपुर रेफर कर दिया। गोरखपुर ले जाते समय रास्ते मे ही  राधिका की मौत हो गई। दुसरे दिन सुबह परिजन और गांववाले शव लेकर बांसी स्थित अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे। इसकी सूचना मिलते ही संचालक और अन्य स्टॉफ अस्पताल में ताला बंद कर फरार हो गये। इसके बाद आज तक इस हास्पिटल व चिकित्सक के खिलाफ कोई कार्रवाई नही किया।

🔴 केस-4

जनपद के सेवरही कस्बे के अंबेडकरनगर निवासी 45 वर्षीय सतन यादव का कस्बे मे स्थित निजी अस्पताल में हार्निया का ऑपरेशन हुआ था जहा चिकित्सको की लापरवाही के  कारण दुसरे दिन उसकी मौत हो गयी। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पहुंची पुलिस परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया और तहरीर लेकर जांच-पड़ताल की दुहाई दी। इधर स्वास्थ्य विभाग की तरफ मौके पर पहुचे संजय कुमार सिंह ने जांच कर अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का दावा किया।  किन्तु सारे दावे हवा-हवाई साबित हो गया जबकि यह हास्पिटल अपने इस तरह के कुकृत्यो के कारण पूर्व में सील हो चुका था जो बाद मे स्वास्थ्य विभाग को मैनेज कर संचालित किया जा रहा है।

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