प्रधानमंत्री जी ! कृपया मुझे इच्छामृत्यु की अनुमति दीजिए - Yugandhar Times

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Sunday, December 12, 2021

प्रधानमंत्री जी ! कृपया मुझे इच्छामृत्यु की अनुमति दीजिए

🔴 बेटे-बहू से तंग आकर बुजुर्ग पिता ने पीएम से लगाई आत्मदाह करने की गुहार

🔴 बुजुर्ग पिता ने कहा संपति की लालच में अपने ही लोग जान के दुश्मन बन गए हैं

🔴 संजय चाणक्य

कुशीनगर। प्रधानमंत्री जी। रोज रोज बेटे-बहू के उत्पीड़न से तंग आ गया हू। अब इनकी प्रताड़ना सहन नही होती है, थक गया हू। बेटे और बहू के हाथो रोज रोज मार खाकर घूट-घूटकर जीने से अच्छा है मौत मिल जाए। जान देना ही एक मात्र विकल्प बचा है। प्रधानमंत्री जी कृपया मुझे जान देने की अनुमति दीजिए। 


चौकिए मत। यह किसी हिन्दी फिल्म की स्क्रिप्ट या फिर किसी उपन्यास की कहानी नही है। बल्कि जनपद के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के मंसाछापर गांव के निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग राम दुलारे मिश्र की वेदना है जो अपने इकलौते बेटे और बहू की प्रताड़ना से आजिज आकर देश के प्रधानमंत्री को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है। बुजुर्ग पिता ने यह भी कहा है कि कहा है कि संपति की लालच में अपने ही लोग जान के दुश्मन बन गए हैं। मां-पिता को देखकर नाती-नतिनी भी वही व्यवहार कर रहे हैं। बिना कारण उनकी मार खाने से अच्छा है अपनी जान दे दे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गये पत्र मे उन्होंने कहा है कि उनके एक बेटा व चार बेटियां हैं। सभी विवाहित हैं। बेटे ने दबाव देकर बीते दिनों खेत बेचवा दिया और इसके बदले मिले 21 लाख रुपये बेटे व बहू ने ले लिया। मेरे बचत खाते में भी जो रुपये हैं, उसका उपयोग भी बेटा व बहू ही करते हैं। पासबुक, एटीएम तथा आधार कार्ड आदि सबकुछ उन्हीं लोगों के पास है। मांगने पर उन लोगों द्वारा बेरहमी से मारा-पीटा जाता है। समय पर भोजन भी नहीं देते। बेटियां जब मेरा हाल जानने आतीं हैं और दुर्दशा देखकर बेटे-बहू से उनके व्यवहार की शिकायत करती हैं तो बेटे-बहू बेटियों  साथ भी मारपीट करते हैं। नाती, नतिनी भी अनादर कर दिल को बहुत दुख पहुंचाते हैं। अपने पत्र मे बुजुर्ग राम दुलारे मिश्र ने कहा है कि थाने से लगायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चौखट अपनी पीडा सुनाई पर किसी ने कोई कार्रवाई नही किया। रोज-रोज के उत्पीड़न से थक गया हूं। अब जान देना ही एक विकल्प शेष रह गया है। 

इस संबंध मे पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। पता करवा रहा हूं, यदि बुजुर्ग का उत्पीड़न उनके स्वजन कर रहे हैं तो उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वह किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।




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