डा0 अमृता राय पर लगा चार लाख रुपये का अर्थदंड - Yugandhar Times

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Thursday, December 23, 2021

डा0 अमृता राय पर लगा चार लाख रुपये का अर्थदंड

🔴 आप्रेशन के दौरान पेट मे काटन पैड छोड देने की लापरवाही पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनाया फैसला

🔴 पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की डाक्टर अमृता राय ने आप्रेशन मे की घोर लापरवाही

🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो

कुशीनगर । आप्रेशन के दौरान घोर लापरवाही बरतने मे दोषी पाये जाने पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की मालकिन डा0 अमृता राय पर चार लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। आयोग ने यह आदेश दिया है कि दो माह के अन्दर अर्थदंड नही देने पर महिला चिकित्सक को छह फीसदी अतिरिक्त ब्याज जोडकर देना होगा।

गौरतलब है है कि खैरी की जुडाछपरा के निर्मल पट्टी निवासी सुशीला शर्मा पत्नी विनोद शर्मा ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कुशीनगर मे वाद दाखिल कर आरोप लगाया कि 7 मई-2020 को पहली बार माँ बनने पर वह पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की महिला डा0 अमृता राय को दिखाया था। महिला डाक्टर ने देखने के बाद 25 मई को आप्रेशन का डेट निर्धारित कर कर दवा देकर भेज दिया। फिर निर्धारित तिथि को अस्पताल मे पहुचने पर डा0 अमृता राय ने आप्रेशन से बच्चे को पैदा कराकर दोबारा माँ न बनने की बात कहकर आप्रेशन कर दिया। इसमे चालीस हजार रुपये खर्च हुए। पीडिता के मुताबिक वह अस्पताल से 31 मई को डिस्चार्ज हुई लेकिन उसके पेट मे निरंतर दर्द होता रहा। तवीयत ज्यादा बिगडने पर वह 5 जून को पुन: डा0 अमृता राय को दिखायी तो डाक्टर राव ने उसे गोरखपुर सावित्री हास्पिटल रेफर कर दिया। वहा जांच मे पता चला कि महिला डा0 अमृता राय ने आप्रेशन के दौरान काटन पैड पेट मे छोड दिया है, जिसके बाद जिन्दगी की आस बिल्कुल टूट गयी थी। सावित्री अस्पताल मे आप्रेशन के बाद जिन्दगी और मौत से जूझते हुए शुशीला शर्मा जब ठीक हुई तो 15.39 लाख रुपये क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए सृजन अस्पताल की डा0 अमृता राय के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया। मामले मे सुनवाई के दौरान उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष ब्रजेश पाण्डेय, सदस्य सीमा तथा विनय कुमार मिश्र ने गुण दोष के आधार पर महिला चिकित्सक डा अमृता राय को आप्रेशन मे लापरवाही बरतने का दोषी पाया। इसको गंभीरता से लेते हुए आयोग ने महिला चिकित्सक पर चार लाख रुपये अर्थदंड लगाते हुए दो माह के भीतर लगाये गये अर्थदंड न देने की दशा मे छह प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देने का आदेश जारी किया है।



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