🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । सामूहिक विवाह मे वर-वधू उस समय खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे जब विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद भी वर-वधू को दस हजार रुपये परिधान धन राशि नही दी गयी। मजे की बात यह है कि यह धनराशि विवाह से पूर्व वर-वधू को परिधान खरीदने के दिया जाना था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश श्रम एंव अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वृहद सामूहिक विवाह मे पंजीकृत 2503 जोडो को विवाह से पूर्व वर-वधू को परिधान खरीदने के पांच-पांच हजार रुपये यानि कि प्रत्येक जोडे को दस हजार रुपये विवाह से पहले दिये जाने का प्राविधान है। ताकि इस धनराशि से वर-वधू अपने लिए अच्छा सा परिधान खरीद सके। और उस परिधान को पहनकर विवाह की वेदी पर बैठे। किन्तु यहा जिम्मेदारो की बदनियती का नतीजा है कि सामूहिक विवाह मे शामिल हुए 2503 जोडे मे से किसी भी जोडे को कपडे खरीदने वाले दस रुपये की धनराशि नही दी गयी। वर-वधू के परिजनो ने यह व्यवस्था अपने पास से किया था, जब परिजनो से पूछा गया कि उन्हे दस हजार रुपये वर-वधू के कपडा खरीदने के लिए मिला है इस पर नाराजगी जताते हुए परिजनो ने कहा कि हम लोगो को एक रुपये नही मिले है, शुरू मे कहा गया कि मिलेगा लेकिन एक दिन पहले अधिकारी लोग बोले कि पन्द्रह दिन के अन्दर खाते मे पुरा पैसा जायेगा। अधिकारियों की बदनियती को लेकर वर-वधू और उनके परिवारजन खुद का ठगा सा महसूस कर रहे थे। वर वधू के आक्रोश का आलम यह रहा कि अधिकांश जोडे अपने टोपी और चुनरी सहित अन्य वैवाहिक सामग्री वही पाण्डाल मे छोड चलते बने। यहा बताना जरूरी है कि सभी जोडो के पोषाक पर दो करोड़ 50 लाख 30 हजार रुपये और योजना के मद में 16 करोड़ 26 लाख 95 हजार रुपये खर्च किये जाने हैं। इसमे 65 हजार रुपये दंपति के खाते में और दस हजार रुपये उनके कपड़े और अन्य वस्तुओं के लिए खर्च किया गया हैं।
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