🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश श्रम विभाग एंव अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वृहद सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन भले ही नेकनियती के इरादे से किया गया हो लेकिन विभागीय लापरवाही और अधिकारियों बदनियती ने कार्यक्रम को दुर्व्यवस्था की भेट चढा दिया। सबब यह रहा कि विवाह बेदी से लेकर खाने के टेबल तक सिर्फ व्यवस्था के नाम चहुओर दुर्व्यवस्थाओ का बोलबाला रहा।
कहना न होगा कि हिन्दू रिति-रिवाज के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम मे अनेको मंत्रों के उच्चारण के साथ वर-वधू द्वारा अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेने का विधान है लेकिन सामूहिक विवाह मे इस रस्म की तिलांजलि दे दी गयी। इसके हिन्दू रिति-रिवाज की तमाम रस्सो को सामूहिक विवाह से अलग कर दिया गया। मात्र एक मंत्र का उच्चारण कर दस मिनट मे सात जन्मों तक बधने वाले विवाह की रस्म पुरी कर ली गयी जो देखने मे ही विचित्र लग रहा है। इतना ही नही जिस पाण्डाल मे 2503 जोडो को मैट पर बैठाया गया था वहा उपजे लंबे-लंबे घास चाक-चौबंद व्यवस्था की चुगली कर रही थी। कार्यक्रम को संबोधित कर वर-वधू को आर्शीवाद देने के बाद सीएम योगी वहा से प्रस्थान किये तो उनके पीछे ही सभी प्रशासनिक अधिकारी व आयोजक मण्डल के जिम्मेदार भी चलते बने। नतीजतन इसके बाद खाना खाने पहुचे वर-वधू व उनके परिजनो को न सिर्फ दुर्व्यवस्था की जलालत झेलनी पडी बल्कि बफर सिस्टम से खिलाये जा रहे खाने के लिए हाथ मे प्लेट लेकर बेकाबू भीड मे घंटो धक्कामुक्की करनी पडी। यही वजह रहा कि बहुतेरे जोडे और उनके परिवार को बिना भोजन किए ही वापस लौटना पडा।
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