🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । कभी कार्यालय से फाइल गायब कराकर कर्मचारियों का उत्पीड़न करना, कभी अपने भ्रष्टाचार की कलई खुलने की डर से बिना वजह वरिष्ठ लिपिक को निलंबित करना तो कभी महिला अध्यक्ष के कुर्सी पर नाजायज तरीके से बैठकर कर्मचारियो और सभासदो पर रौब झाडने को लेकर चर्चा मे रहने व फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अपनी पत्नी को नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने वाले अध्यक्ष पति एक बार फिर चर्चा मे है। चर्चाओ के बाजार मे इस बात की चर्चा जोरो पर है कि अध्यक्ष पति अपनी पत्नी के संवैधानिक पद का हर जगह अपने नाम के साथ जोडकर न सिर्फ उस संवैधानिक पद का दुरुपयोग करते है बल्कि खुलेआम पद की गरिमा धूमिल कर रहे है। इसका जीता जागता प्रमाण हाल ही मे दीपावली व छठ पर्व पर नगर पंचायत क्षेत्र मे लगे बैनरो पर देखने को मिला है। ऐसी चर्चा है कि यह बैनर तो महज एक बानगी है हर तीज-त्योहारों पर लगने वाले बैनरो पर अध्यक्ष पति शिव शंकर अग्रहरि अपने नाम के साथ नाजायज रुप से अध्यक्ष लिखकर खुलेआम संवैधानिक पद का माखौल उडा रहे है जिसका कोई पुरसाहाल नही है।
काबिलेगोर है कि जिलाधिकारी के जांच मे फर्जी पाये गये जाति प्रमाण पत्र के बावजूद अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान आभा गुप्ता के पति शिव शंकर अग्रहरि नगर पंचायत अध्यक्ष की संवैधानिक पद का खुलेआम दुरुपयोग कर रहे है। कहना न होगा कि शिव शंकर अग्रहरि द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष कप्तानगंज की कुर्सी पर बैठकर कर्मचारियों और सभासदो पर रौब झाडने के मामले को लेकर बीते माह सभासदो ने विरोध-प्रदर्शन किया था अभी यह मामला ठंडा भी नही हुआ कि नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता के पति अपनी कारगुजारियों को लेकर फिर चर्चा मे है। चर्चा का सबब यह है कि अध्यक्ष पति न सिर्फ कार्यालय मे कर्मचारियों के सामने खुद को अध्यक्ष साबित करते हुए कर्मचारियों को निर्देशित करते है बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर भी नगर पंचायत अध्यक्ष की संवैधानिक पद का नाजायज तरीके से प्रयोग करते है। हालांकि इसके विरोध मे सभासद सहित नगरवासियों ने कई बार आवाज बुलंद किया है लेकिन जनपद के आला अफसरो द्वारा कोई कार्रवाई नही किये जाने के कारण अध्यक्ष पति पर इसका कोई असर नही पडता है।
गौरतलब है कि छठघाट पर नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता के पति शिवशंकर अग्रहरि के फोटो सहित लगे बैनरो पर उनके नाम के साथ नाजायज तरीके से अध्यक्ष, नगर पंचायत कप्तानगंज लिखा हुआ पाया गया। नगरवासियों व सभासदो की माने तो शिव शंकर द्वारा बैनर-पोस्टरो पर अपने नाम के साथ अध्यक्ष, नगर पंचायत कप्तानगंज लिखना कोई नई बात नही है। मतलब यह अध्यक्ष पति द्वारा सार्वजनिक तौर पर खुद को अध्यक्ष बनकर संवैधानिक पद का माखौल उड़ाना उनके आदत मे शुमार है। ऐसे मे सवाल उठना तो लाजमी है कि अध्यक्ष पति द्वारा कभी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठना तो कभी अपने नाम के साथ अध्यक्ष पद का प्रयोग करने के बावजूद जिले के अधिकारी अब कार्रवाई करने से परहेज क्यो करते रहे? क्या नाजायज तरीके से संवैधानिक पद का दुरुपयोग करना अपराध नही है?
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