बीएसए के आदेश को ठेगा दिखा रहा संविदाकर्मी आपरेटर - Yugandhar Times

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Friday, October 8, 2021

बीएसए के आदेश को ठेगा दिखा रहा संविदाकर्मी आपरेटर

🔴 वित्तीय अनियमितता में दो माह पूर्व बीएसए ने किया था स्थानातरण

🔴 स्थानातरण के दो माह बाद भी नही हुआ ऑपरेटर कार्यमुक्त

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 
कुशीनगर। जनपद के कसया बीआरसी पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर बीएसएस के आदेश को कुछ नही समझता है। सबब यह है कि वित्तीय अनियमितता में दो माह पूर्व हुए स्थानातरण की कार्यवाही के बावजूूूद भी कार्यमुक्त न होकर अपने पद पर जमा हुआ है। चर्चा-ए-सरेआम है कि रसूखदार इस ऑपरेटर का सत्ताधारी दल व उच्चाधिकारियों से अपने पहुँच के बल पर एक जिम्मेदार अधिकारी के आदेश को जहाँ ठेंगा दिखा रहा है, वही सरकार के स्वच्छ मंशा/कार्य प्रणाली को भी मुँह चिढ़ा रहा है।
काबिलेगोर हो कि कसया बीआरसी पर कार्यरत संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर राजन तिवारी का स्थानातरण 14 जुलाई को बीएसए बिलेश कुमार द्वारा किया गया। ऑपरेटर पर आरोप था कि वह एक अनुदेशिका के चिकित्सा अवकाश पर होने के बावजूद 11 माह का मानदेय भुगतान कराया गया है। इसकी जानकारी तब हुई जब वह अनुदेशिका चिकित्सा अवकाश के बाद पुनः ज्वाइन करने हेतु अपने प्रधानाध्यापक के साथ बीआरसी पहुँची। कार्यालय से पता चला कि उसकी तो लगातार मानदेय जारी होता रहा है। इसके बाद इस मामले की लीपापोती करने के प्रयास किया गया, लेकिन एक संगठन के नेता द्वारा इसकी शिकायत एडी बेसिक गोरखपुर से किया गया। एडी बेसिक ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जाँच का आदेश किया गया। जाँचोपरांत एडी बेसिक द्वारा दोषी पाएं गए कम्प्यूटर ऑपरेटर से भुगतान की गयी धनराशि का रिकवरी व विधिक कार्यवाही का आदेश जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया। बीएसए ने उक्त मामले में कम्प्यूटर ऑपरेटर से रिकवरी के बाद कार्यवाही करते हुए कसया बीआरसी पर कार्यरत इस रसूखदार ऑपरेटर को हाटा बीआरसी के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। इसके साथ ही तीन दिनों में कार्यरत मुक्त हो नए ब्लॉक में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया। परन्तु अपनी ऊँची पहुँच व रसूख के बल पर उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अब तक कार्यमुक्त न होकर उच्चाधिकारी को मुँह चिढ़ा रहा है। हद तो तब और हो जाती है जब उक्त आदेश के बाद ऑपरेटर पर बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के विद्यालय जाँच करने का आरोप भी लगता है। इसको लेकर बीआरसी में हप्तों गहमागहमी का माहौल भी कायम रहा। अब सवाल उठना लाजमी है कि एक संविदाकर्मी को इतनी सामर्थ्य कहाँ से मिल रही है जो उच्चाधिकारी के आदेश का अवमानना कर रहा है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। देखना होगा कि क्या स्थानांतरित ब्लॉक में कार्यभार न ग्रहण करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ बीएसए क्या कार्यवाही करते है? या फिर उसकी पहुँच व रसूख के आगे खुद को असमर्थ पाते है?

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