🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । गंभीर व जटिल बीमारियों के इलाज के लिए अब अंत्योदय कार्डधारकों कही भटकना नही पडेगा। क्योकि उन्हें भी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की सुबिधा मुहैया करायी जायेगी। अंत्योदय कार्डधारक भी आयुष्मान का गोल्डन कार्ड बनवाकर एक वर्ष मे पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य लाभ ले सकते है। पहले इस योजना का लाभ वर्ष 2011 के बीपीएल सूची मे शामिल गरीब परिवारो को मिल रहा था।
काबिलेगोर है कि जनपद में एक लाख 17 हजार एक सौ 36 कार्डधारक हैं, जिससे कुल तीन लाख 65 हजार छह सौ छह व्यक्ति जुड़े हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। अंत्योदय कार्डधारक अपने नजदीकी कामन सर्विस सेंटर व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी को अंत्योदय राशन कार्ड, आधार कार्ड अथवा परिवार रजिस्टर का नकल साथ में लेकर जाना अनिवार्य होगा। उन्हें गोल्डन कार्ड नि:शुल्क मिलेगा। इसमें ऐसे लोग शामिल होंगे, जो गंभीर बीमारी से इलाज कराने में असमर्थ हो चुके थे। कहना न होगा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत संचालित आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या 11 लाख 47 हजार नौ सौ 75 के सापेक्ष जिले मे अभी तक महज दो लाख 70 हजार चार सौ 40 लोगों का ही कार्ड बना है।
🔴 क्या है आयुष्मान भारत योजनाप्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2018 को सम्पूर्ण भारत में एक साथ शुरू की गई एक स्वास्थ्य योजना है। इस सरकारी योजना के अंतर्गत देश के तकरीबन 10 करोड़ गरीब बीपीएल धारको के 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा मुहैया करवाया जा रहा है।
🔴 जिले मे चयनित 36 अस्पताल
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज के लिए जनपद मे कुल 36 अस्पताल चयनित किए गए हैं, जिसमें 15 सरकारी व 21 निजी हास्पिटल शामिल हैं। सीएमओ डा.सुरेश पटारिया की माने तो नई व्यवस्था के तहत अंत्योदय कार्डधारकों इस योजना मे शामिल किया गया है। इससे जिले के उन परिवारों को लाभ मिलेगा जो अत्यधिक गरीब हैं। इससे उनको चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी। यह योजना ऐसे लोगों के लिए है जो गंभीर रोगों की इलाज कराने में असमर्थ हैं।
🔴 डीएम बोले
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि अंत्योदय कार्डधारकों के गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। कार्ड बनाने में तेजी लाने के निर्देश सीएमओ व संबंधित अधिकारी को दिए गए हैं, ताकि पात्रों को इलाज में दिक्कत न आए।
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