रसूखदार लेखपालो के बचाव में ढाल बना प्रशासन - Yugandhar Times

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Wednesday, September 1, 2021

रसूखदार लेखपालो के बचाव में ढाल बना प्रशासन

🔴मामला ढाई दशक से कसया तहसील मे जमे रहने का

🔴मुख्यमंत्री जी! 25 वर्षो से कसया मे जमे लेखपालो का कब होगा स्थानांतरण?

🔴 संजय चाणक्य 

कुशीनगर । जनपद के रसूखदार लेखपालो मे शुमार ब्रजेश मणि त्रिपाठी और हरिशंकर सिंह ऐसा नाम है जिनका जलवा या फिर कहे जिनकी तूती तहसील और जनपद मे ही नही  शासन-सत्ता के गलियारों मे भी खूब बोलती है। यह दोनो रसूखदार अपनी ऊँची पहुँच के दम पर ढाई दशक से कसया तहसील मे भ्रष्टाचार की जडे मजबूत कर रहे है।लेकिन जिले से लगायत कमीश्नरी तक किसी ने कभी इन दोनो रसूखदार लेखपालो का स्थानांतरण करने की हिमाकत नही की। 25 सालो से एक ही तहसील मे जमे रहने की पुष्टि यहां के जिला प्रशासन द्वारा बीते दिनों राजस्व परिषद को भेजी गई रिपोर्ट मे भी की गयी है। लेकिन प्रशासन ने उस रिपोर्ट मे खेला कर दिया। खेला यह किया गया है कि वर्षो से कुण्डली मारकर भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे इन रसूखदार लेखपालो को विकास का धुरी बताकर आज तक इनका स्थानांतरण न करने का तर्क दिया गया है। ऐसे मे नियम विरुद्ध तरीके से अंगद की पांव की तरह जमे ब्रजेश मणि और हरिशंकर सिंह के बचाव मे यहा के जिम्मेदार अधिकारियों का ढाल बनना सवाल-पे- सवाल उठना लाजमी है। 

कहना न होगा कि जनपद मे शासनादेश की धज्जियां उडाते हुए नियम विरुद्ध तरीके से वर्षो से जमे लेखपालो के स्थानांतरण के मुद्दे पर युगान्धर टाइम्स सहित लखनऊ से प्रकाशित कुछ महत्वपूर्ण समाचारपत्र  द्वारा लगातार  खबर प्रकाशित करने के बाद राजस्व परिषद ने मामले को  संज्ञान मे लेकर जिलाधिकारी से तय निति के तहत इन लेखपालो की तैनाती प्रमाण पत्र सहित पुरी कुण्डली तलब की थी। शासन का स्पष्ट आदेश है कि एक लेखपाल क्षेत्र मे अधिकतम तीन साल एंव तहसील मे दस वर्ष तक रह सकता है। दुबारा उस लेखपाल को उस क्षेत्र मे तब तक नही तैनात किया जा सकता है जब तक उसके क्षेत्र छोडने की तिथि पांच वर्ष न बीत गयी हो। लेकिन लगातार शिकायते मिल रही है कि तमाम लेखपाल एक ही क्षेत्र मे वर्षो से जमे हुए है। वर्षो से एक ही क्षे मे लेखपाल की तैनाती तथा राजस्व संबंधित विवाद बढने व उसके निस्तारण मे हीलाहवाली पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा नाराजगी जताने के बाद राजस्व परिषद की आयुक्त एंव सचिव मनीषा त्रिघटिया ने पत्रांक-2791/4-16 ए/2021के जरिए मण्डलयुक्त को जिलाधिकारी से कई महत्वपूर्ण सूचनांए लेकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिए थे। डीएम से यह प्रमाण पत्र भी लेने को कहा गया था कि उनके जिलो मे लेखपालो से संबंधित शासनादेश का अनुपालन हो रहा है या नही। 

🔴 डीएम से तलब की गयी सूचनाए

राजस्व परिषद की आयुक्त एंव सचिव मनीषा त्रिघटिया ने मण्डलयुक्त के जरिए डीएम से लेखपालो से संदर्भित जो सूचना मांगी गई थी उसमे लेखपालो के जिले व तहसील मे वर्तमान तैनाती, 10 जून तक दस वर्ष या उससे अधिक समय से तैनात लेखपालो के कार्यकाल का व्यौरा, लेखपालो की मौजूदा तहसील मे तैनाती का कार्यकाल तिथि के साथ इसके अलावा लेखपाल जिस तहसील क्षेत्र मे तैनात है उस क्षेत्र मे तैनाती अवधि के साथ साथ  लेखपालो के पूर्व मे जिन तहसीलो मे तैनाती रही है उन तहसील व क्षेत्र मेउ बिताए गए कार्यकाल तिथिवार व्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।

🔴 राजस्व परिषद को भेजी गयी रिपोर्ट मे हुआ खेला

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कसया द्वारा अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राजस्व परिषद को भेजी गयी रिपोर्ट मे कहा गया है कि लेखपाल ब्रजेश मणि त्रिपाठी व हरिशंकर सिंह कसया तहसील मे तैनात है। इनके कार्यकाल के व्यौरा मे ब्रजेश मणि की वर्तमान तैनाती 1 अक्टूबर - 1995 से 30 सितंबर 2007 तक कसया तहसील मे रही है फिर 1 अप्रैल - 2008 से अब तक कसया तहसील मे कुण्डली मारे बैठे है। मतलब यह कि अब तक अपने नौकरी कार्यकाल ब्रजेश मणि कभी कसया तहसील से विदा नही हुए। छह माह तक यह प्रमोशन के लाभ जरूर लिए लेकिन कसया तहसील मे ही रहे। रिपोर्ट मे 25 वर्ष 9 माह से  कसया तहसील मे लेखपाल के पद पर इनकी तैनाती दर्शायी गयी है। इस तरह हरिशंकर सिंह की पोस्टिंग भी 1 अक्टूबर- 1995 से 30 जून 2007  तक फिर 1 अगस्त - 2007 से अब तक अंगद की पांव की तरह जमे है। यह अपने अब तक के कार्यकाल मे महज एक माह के लिए कसया तहसील से दूर रहे है जबकि 25 वर्ष 8 माह से कसया तहसील मे तैनात है। मजे की बात यह है कि प्रशासन द्वारा यह सब विवरण देने के बाद इन दोनो लेखपालो के बचाव मे यह कहा गया है कि अन्तर्राष्ट्रीय कुशीनगर के विस्तारीकरण हेतु नागरिक उड्डयन विभाग के पक्ष मे करार के माध्यम से कराये जा रहे बैनामे हेतु पूर्व से गतिमान इस शासकीय कार्य को पूर्ण कराने के लिए इन दोनो लेखपालो का स्थानांतरण नही किया जा सकता है, जबकि इसके पूर्व एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण कराने मे अन्य लेखपालो की भूमिका भी काफी सराहनीय रही है फिर उन लेखपालो का स्थानांतरण शासनादेश के अनुरूप होता रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन की नजर मे सिर्फ ब्रजेश मणि और हरिशंकर सिंह ही काबिल है जिले के बाकी लेखपाल बेकार है? या फिर इन दोनो लेखपालो का आला अफसरों से कोई गहरी पैठ है जिसके लिए यहा जिम्मेदार अधिकारी अपनी साख दांव पर लगाकर इन रसूखदारो के बचाव मे खेला कर रहे है।

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