🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के कसया तहसील मे ढाई दशक से तैनात रसूखदार लेखपालो और स्थानीय जिला प्रशासन के बीच आपसी गठबंधन का जोर इतना मजबूत है कि मण्डलायुक्त व प्रभारी मंत्री के आदेश के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से कुण्डली मारे बैठे लेखपाल ब्रजेश मणि त्रिपाठी व हरिशंकर सिंह का स्थानांतरण करने से यहा जिला प्रशासन परहेज कर रहा है। ऐसे मे कहना लाजमी होगा कि जिम्मेदार ही जिम्मेदारो के आदेश की धज्जियां उडाने से बाज नही आ रहे है तो सवाल उठना भी मुनासिब है कि आखिरकार इन दोनो रसूखदार लेखपालो को शासनादेश के विरुद्ध एक ही तहसील मे पच्चीस वर्षो से तैनात किए जाने के पीछे जिला प्रशासन की मंशा क्या है? कही ऐसा तो नही कि यह दोनो लेखपाल यहां के जिम्मेदारो को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाते है या फिर यहा के जिम्मेदार इन लेखपालो के प्रभाव से खौफ खाते है। वजह चाहे जो भी लेकिन मण्डलयुक्त व प्रभारी मंत्री के आदेश को यहा के जिम्मेदारो द्वारा ठेगा दिखाना अपने आप मे कई सवाल खडा करता है।
काबिलेगोर है ढाई दशको से जिले के कसया तहसील मे अंगद की पांव की तरह जमे लेखपाल ब्रजेश मणि त्रिपाठी व हरिशंकर सिंह के रसूख व अकूत संपत्ति सहित पच्चीस वर्षो से एक ही तहसील मे जमे रहने से संबंधित खबरो को संदेशवाहक समाचार पत्र द्वारा लगातार उठाये जाने के बाद भाजपा के आईटीसेल के कार्यालय प्रभारी शुभम दीक्षित व अन्य समाजिक कार्यकर्ताओं ने मण्डल व प्रदेश के आला अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर इन दोनो लेखपालो को शासनादेश के तहत अन्य तहसील मे स्थानांतरण करने की मांग की थी। इतना ही नही लेखपाल हरिशंकर सिंह व ब्रजेश मणि के खिलाफ समाचार पत्रों का कटिंग संलग्न कर मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर भी इन लोगो ने शिकायत दर्ज करायी थी। बताया जाता है कि मण्डलायुक्त और जिले के प्रभारी मंत्री ने मांग को जायज ठहरा और मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था इसके सापेक्ष डीएम ने उस शिकायती पत्र पर अपर जिलाधिकारी को मार्क कर कार्रवाई करने का निर्देश देकर चुप्पी साध लिए। नतीजतन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई और वह दोनो रसूखदार अपने रसूख के दम पर शासनादेश को धता बताकर बडी निर्लजता से कसया तहसील मे कुण्डली मारे विराजमान है। अब सवाल यह उठता कि प्रभारी मंत्री व कमिश्नर के आदेश को स्थानीय जिला प्रशासन किसके दबाब मे ठेंगा दिखा रहा? इस संबंध मे शुभम दीक्षित का कहना है कि एक ही तहसील मे ढाई दशक से इन लेखपालो के तैनाती के वजह से जहां भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है वही इन लेखपालो के कारनामों के वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इस बात से प्रभारी मंत्री व मण्डलयुक्त को अवगत कराया गया तो उन्होने मांग को जायज ठहराते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। इन्होने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया था किन्तु अब तक इन दोनो लेखपालो का स्थानांतरण नही हुआ जो अपने आप मे सवाल है? शुभम दीक्षित व मुख्यमंत्री को शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु मोहन ने कहा कि अगर एक सप्ताह मे कोई कार्रवाई नही होती है तो वह इस मामले को हाईकोर्ट ले जायेगे।
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