🔴 रातो-रात लखपति बनने के शौक मे अवैध शराब के कारोबार से जुड रहे है युवा
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो न्धर टाइम्स न्यूव्यूरो
कुशीनगर। अपराध, भ्रष्टाचार व अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही कटिबद्ध हो लेकिन उनकी सरकारी मशीनरी मुख्यमंत्री के नेक इरादे पर पानी फेरने मे लगे है। कारण यह कि जिले के पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण मे शराब तस्करी और अवैध शराब का धंधा जोरो पर चल रहा है। ऐसी चर्चा है कि प्रधान प्रतिनिधियों और गांव के छुटभैये नेता भी शराब के इन अवैध कारोबारियों के रहनुमा बन अपनी दलाली की दुकान चटकाने मे लगे है।
कविलेगोर है कि कुशीनगर-देवरिया दो जनपद और तीन थाने के बीच मे बसा हेतिमपुर का एक बड़ा हिस्सा कसया थाने के अन्तर्गत आता है। छोटी गण्डक नदी के दोनों किनारे स्थित यह कस्बा अवैध कच्ची शराब के लिए पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाना माना जाता है। हेतिमपुर की शाम को लोग नॉर्वे की संध्या भी कहते है। पिछले चार दशकों से अवैध कच्ची के लिए मशहूर यह कस्बा आज कल बन्द शीशी के अवैध शराब के कारोबार को लेकर चर्चा में है। माफियाओं के लिए हरियाणा व पंजाब निर्मित अवैध शराब के कारोबार के लिए यह क्षेत्र काफी सुरक्षित माना जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि सप्ताह में दो से तीन दिन ट्रक से लादकर इस क्षेत्र के तीन किलोमीटर की परिधि में हरियाणा और पंजाब निर्मित शराब उतारी जाती है और छोटे वाहनों जरिए जनपद के छोटे-बडे कस्बे और चौक-चौराहो पर भेजी जाती है। ऐसे मे यह कहना मुनासिब होगा कि हेतिमपुर हरियाणा निर्मित शराब का हब बनता जा रहा है। इस कारनामें में कुछ प्रशासनिक लोगो के मिलिभक्त की भी बात सामने आ रही है। इस अवैध कारोबार से जहाँ इन क्षेत्रों के दर्जनों गांवों के युवाओं का भविष्य खतरे में दिख रहा है। वही एक बड़े रकम पाने की आदतों के चलते युवा वर्ग अपराध के तरफ भी तेजी से रुख कर रहे है। लोगो का मानना है कि ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय मे यह अवैध कारोबार यहा हर घर मे फलता-फुलता नजर आयेगा। उस समय इस कारोबार पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन सकती है। लोगो का मानना है कि कारोबारियों और माफियाओं के लुभावने झांसे की वजह से युवा वर्ग रातो-रात लखपति बनने के चक्कर मे शराब के अवैध कारोबार के दलदल मे फसते जा रहे है। मजे की बात यह है कि युवा इस कारोबार को लेकर किसी हद तक उतरने से गुरेज नही करते है, जो एक बड़े घटना को दावत दे रहा है। ऐसे में यदि प्रशासनिक कोई विशेष पहल नही की गई तो आने वाला समय प्रशासन के लिए एक बड़े चुनौती भरा होगा।
जिले के कसया थाना क्षेत्र का हेतिमपुर अबैध शराब के निार्मण और बिक्री का चार दशकों से सबसे बड़ा अड्डा है। यहां चौबीस घण्टे कच्ची शराब की भट्टियां धधकती रहती है। क्षेत्र में यह चर्चा है कि यहाँ का पंचायत चुनाव भी तभी जीता जा सकता है कि जब प्रत्याशी द्वारा कच्ची शराब के करोबार को फलने-फूलने के लिए कच्ची के कारोबार में लिप्त मतदाताओं से वादा व सहयोग किया जाए। मजेदार बात यह है कि यहां भी महिलाएं बढ़-चढ़ कर इस अबैध कारोबार में मर्दो का हाथ बटाती है। यहा कुछ अलग है तो वह यह है कि जिनके हाथ में कापी-किताब और पीठ पर स्कूली बस्ता होना चाहिए वह घर के जिम्मेदारी का बोझ उठाने के लिए शराब बेच रहे है। राष्ट्रीय राजमार्ग-28 से सटे इस अवैध अड्डा पर ‘‘संवाददाता’’ पहुंचा तो पुलिसिया तंत्र व विभागीय अधिकारियों के दावे की कलई खुलते देर नही लगी। शराब बेच रहे बारह वर्षीय अमर से जब पूछा गया कि पढ़ते हो तो उसने तपाक से जबाब दिया नही! स्कूल क्यों नही जाते पूछे जाने पर अमर कहता है ‘‘बाबूजी कहते है कि कहीं नही जाना है चुपचाप दारू बेच। मौत बेचने वाले यहां के कारोबारियों का कहना है कि साहब हम दारू बेचते है तो सबको हिस्सा देते है। पत्रकार से लेकर पुलिस वाले और विभाग के लोगों का हिस्सा बंधा हुआ है जो हर महीने आकर ले जाते है। सूत्र बताते है कि कभी-कभी विभाग और पुलिस द्वारा छापेमारी किया जाता है लेकिन यह छापेमारी उच्चअधिकारियों के आंखें में धूल झोकने के लिए होता है। कहना न होगा कि यहा के तमाम कारोबारी अपने इस अवैध कारोबार से उब चुके है वह इस धन्धा से पार पाना चाहते है लेकिन पुलिसविभाग के कुछ लोग उन्हे इस कारोबार को छोड़ने नही देते।
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