विकास के नाम पर प्रशासकों ने खूब लुटाए सरकारी धन - Yugandhar Times

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Thursday, July 15, 2021

विकास के नाम पर प्रशासकों ने खूब लुटाए सरकारी धन

🔴 13 ग्राम पंचायतों के प्रशासकों ने किए 25 लाख रुपये से अधिक खर्च, जांच शुरू
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो 
कुशीनगर। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद गांव मे नयी सरकार की गठन के पूर्व ग्राम पंचायतों में तैनात किए गए प्रशासकों द्वारा विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट कर खूब धन लुटाया गया है। यकीन न हो तो एक नजर जनपद के महज तेरह ग्राम पंचायतों पर नजर-ए-इनायत कर लिजिए, जहां चार करोड़ 91 लाख एक हजार चार सौ 63 रुपये की धन निकासी कर योगी सरकार मे भ्रष्टाचार की नई इबादत की शुरुआत की गयी है। इसमे खड्डा विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों के प्रशासकों ने 72 लाख रुपये से ज्यादा धन खर्च कर डाला है। हालाँकि इसकी भनक शासन को लग गई है। शासन के निर्देश पर ही सीडीओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर इन ग्राम पंचायतों में खर्च हुए धन की जांच करने का निर्देश जारी कर दिया है। ऐसी चर्चा है कि कार्रवाई की जद मे आने वाले प्रशासक जांच टीम को मैनेज करने के लिए जुगाड़ तलाशने मे जुटी है। 
काबिलेगोर है कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के दौरान ही कोरोना महामारी का दौर अपने पूरे शबाब पर था इसको ध्यान में रखते हुए शासन ने पंचायत चुनाव को कुछ महीने के लिए आगे बढा दिया था। इस दौरान तत्कालीन ग्राम पंचायतों के प्रधान के स्थान पर शासन के निर्देशानुसार डीएम ने एक जनवरी-2021 से 31 मई-2021 तक एडीओ पंचायतों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। जानकारों की माने तो ग्राम पंचायतों के प्रशासक नियुक्त होने के बाद एडीओ पंचायतों ने गांव के विकास के मद मे पडे धनराशि को खगालना शुरू कर दिया और आनन-फानन मे नियमों को तांक पर रखकर दोनो हाथो से सरकारी धन लूटाकर खुद का विकास करने मे जुट गये। विभागीय जानकारों की मानें तो जब भी कोई नई व्यवस्था लागू होती है तो उसे पूर्व की तरह सभी कार्यवाहियां शुरू से करनी पड़ती है। ऐसा न करना सरकारी गबन का मामला बन सकता है। लेकिन ग्राम पंचायतों के इन प्रशासकों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। सूत्र बताते हैं कि प्रशासकों ने गांवों में पंचायत मित्रों एवं अपने चहेते सफाई कर्मियों के सहयोग से विकास कार्यों के नाम पर कागजी कोरमपूर्ति कर  सरकारी धन को लूटने मे लग गये जबकि नियमानुसार ग्राम पंचायत के प्रशासक को विकास कार्यों को गति देने के लिए टेंडर निकालनी चाहिए थी, जो हुआ ही नहीं। इसके अलावा चार फर्मों से ही सभी गांवों के विकास कार्यों से संबंधित खरीददारी कर ली गयी। शासन के निर्देश पर सीडीओ ने जांच टीम गठित कर 25 लाख से अधिक रुपये खर्च किये गए जनपद के 14 ब्लाकों में से 9 ब्लाकों के उन 13 ग्राम पंचायतों की जांच का निर्देश दिया है। सुत्र बताते है कि इधर शासन के निर्देश पर सीडीओ द्वारा जांच टीम गठित होते ही कुछ प्रशासक मामले को मैनेज करने के लिए जांच टीम के साथ जुगाड़ लगाने की जुगत कर रहे है। 

🔴 विकास के नाम पर खूब हुआ है खेल

जानकारो की माने तो जिन गांवों में पच्चीस लाख से अधिक रुपये खर्च किये गये है। वहां तो खूब खेला हुआ है। लेकिन जहां 25 लाख रुपये से कम खर्च किये गये है। वहां भी कम खेल नहीं हुआ है। सूत्रो का दावा है कि पांच लाख से ऊपर खर्च किये गये सभी गांवों का एक बार खुली बैठक कराकर स्थलीय निरीक्षण करा ली जाए तो दूध का दूध, पानी का पानी बिल्कुल साफ हो जायेगा। तो सारा माजरा समझ में आ जायेगा।

🔴 जनपद के 13 ग्राम पंचायत जहा 25 लाख से अधिक हुआ खर्च

जिन ग्राम पंचायतो मे 25 लाख से ऊपर सरकारी धन खर्च किया गया है। उसमें जनपद के पडरौना विकास खंड के ग्राम पंचायत बसहिया बनवीरपुर मे लगभग 30 लाख, सहुआडीह मे 29 लाख, कसया विकास खंड के ग्राम पंचायत अन्ध्या मे 30 लाख, दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत बांसगांव मे लगभग 34 लाख, रामपुर बरहन मे 25 लाख, फाजिलनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत महुअवा बुर्जुर्ग, तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत महुअवा बुजुर्ग मे लगभग 34 लाख, सेवरही विकास खंड के ग्राम पंचायत राजपुर बगहा मे लगभग 35 लाख व अहिरौलीदान मे 30 लाख, सुकरौली विकास खंड के ग्राम पंचायत पडरी मे लगभग 37 लाख, रामकोला विकास खंड के पगार मे लगभग 45 लाख, व खड्डा विकास खंड के ग्राम पंचायत कटाई भरपुरवा मे लगभग 47 लाख, ग्राम पंचायत सिसवा गोपाल मे लगभग 25 लाख रुपये खर्च किया गया है। सीडीओ अनुज मलिक ने इन ग्राम पंचायतों की सूची के साथ डीडीओ, संबंधित विकास खंड के बीडीओ व डीआरडीए के अभियंता की तीन सदस्यों की टीम गठित कर धन निकासी के सापेक्ष हुए कार्य की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।


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