🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के तरयासुजान थाना क्षेत्र के सेवरही कस्बा स्थित गुदरी मोहल्ले में बुधवार की रात एक मकान में हुए विस्फोट के मामले को लेकर पुलिस का नजरिया न सिर्फ आश्चर्यजनक है बल्कि हास्यास्पद भी है। तेज धमाके से मलवे मे तब्दील हुए मकान को देख पुलिस विभाग के लोग बडी ही निर्लजता से कह रहे है कि बरसात में जर्जर होने के चलते मकान स्वयं ही गिर गया। कहना मुनासिब होगा कि इससे पहले भी यहा दो बार विस्फोट हो हो चुका है। यही वजह है कि कस्बे के लोगो दहशत मे चिंतित हैं।
काबिलेगोर है कि तरयासुजान थाना क्षेत्र के तमकुहीराज कस्बा स्थित गुदरी मोहल्ला निवासी सफीक पुत्र साबिर के मकान में बुधवार की रात तकरीबन दस बजे अचानक हुए विस्फोट के कारण पूरा मकान मलवे मे बिखर गया। सीमेंट शीट वाले कटरैन गिरकर चकनाचूर हो गए। धमाके के चलते आसपास के लोगों के घर की खिड़कियां हिल गईं। चारों तरफ अफरा-तफरी का महौल बन गया। इस मकान के पीछे स्थित अपने दुकान के बाहर बैठे दुकानदार सलाउद्दीन को चोट आई। जबकि उसी दुकान से सामान खरीद कर अपने घर वापस जा रही खालिदा चोटिल हो गई। धमाके की आवाज सुनकर पहुंचे लोगों ने सलाउद्दीन व खालिदा को संभाला। लेकिन मामले में पहले दिन ही पुलिस का आश्चर्यजनक रवैया हर किसी के माथे पर बल दे रही थी। मौके पर पहुंची पुलिस घायलो को सरकारी हास्पिटल के बजाय निजी अस्पताल में भेज दिया। छानबीन के दौरान पुलिस ने जिन तीन बिंदुओं पर फोकस किया उसमे पहला रसोई गैस सिलेंडर फटने की वजह से हादसा होने की संभावना व्यक्त की गयी है। दुसरा कारण बिजली के मीटर में शार्ट सर्किट के चलते विस्फोट होने का दुसरा कारण पुलिस मान रही है। और तीसरा और सबसे हास्यास्पद पुलिसिया तर्क यह है कि मकान पुराना एवं जर्जर होने के वजह से बरसात में गिर गया जिससे जोरदार धमाका हुआ। पुलिसिया कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी बात से लगायी जा सकती है कि घटना के दिन मौके पर पहुंचे तरयासुजान थानाध्यक्ष कपिलदेव चौधरी बिना किसी विशेषज्ञों का राय लिए बगैर ही दावा कर दिया कि मलबा से किसी प्रकार के बारूद की गंध नहीं आ रही है, लिहाजा यह पटाखा विस्फोट नहीं है। पहले दिन पुलिस इसे बिजली के मीटर के फटने से हुई घटना मान रही थी लेकिन जांच के बाद गुरुवार को पुलिस जिस नतीजे पर पहुची है उमसे मकान का मलबा मे तब्दील होने कारण विस्फोट नही बल्कि बरसात में ढहना बताया गया। क्षेत्राधिकारी फूलचंद कन्नौजिया का कहना है कि मकान पुराना एवं जर्जर था। उसके आधे हिस्से में निर्माण कार्य हो रहा था। बरसात के पानी के चलते मकान अचानक गिर गया।
🔴 पहले भी हुआ है धमाकाकहना ना होगा कि बीते बुधवार की रात जिस मकान में विस्फोट हुआ था उसी मकान में वर्ष 2007 मे भी धमाका हो चुका है। फर्क बस इतना है कि उस समय सदीक के पिता साबिर जीवित थे और पुलिसिया जांच में घर में रखे पटाखों के बारुद की वजह से विस्फोट होने की बात साबित भी हुई थी। लेकिन शाबिर के पास पटाखा बेचने का लाइसेंस था। इसलिए कोई अन्य कार्रवाई होने के बजाय सिर्फ लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई की कोरमपूर्ति कर ली गयी। इसी तरह वर्ष-2015 में भी इस मकान के सामने वाले मकान में जोरदार धमाका हुआ था। धमाका बारूद के कारण होने की चर्चा थी लेकिन पुलिस की जांच में रसोई गैस सिलेंडर फटने का कारण बताया गयाथा। अब यह तीसरा धमाका है और इस बार पुलिस विस्फोट का कारण बरसात से पुराने मकान गिरने की बात साबित कर रही है।
🔴 पटाखा बनाते थे साबिर
गुदरी मोहल्ले के लोगों ने बताया कि सदीक के पिता शाबिर पटाखा बनाने का कार्य करते थे। शादी में पटाखा बनाने के अलावा उसे जलाने भी जाते थे। लाइसेंस निरस्त होने व शाबिर के मरने के बाद भी पटाखे का धंधा बंद नहीं हुआ।
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