कुशीनगर। अपने थाने पर तैनात महिला सिपाही को अश्लील मैसेज भेजने वाले रामकोला के निलंबित थानाध्यक्ष करुणेश प्रताप सिंह के बचाव में लिखा हुआ एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल पत्र में इंस्पेक्टर को मददगार स्वभाव वाला एक अच्छा इंसान बताते हुए जमकर बचाव किया गया है। पत्र उसी महिला कांस्टेबल के हवाले से फर्जी ढंग से लिखा गया प्रतीत हो रहा है जिसने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने इस पत्र के कई निहितार्थ निकाले जा रहे है। इधर महिला कांस्टेबल ने भी इस तरह का कोई पत्र लिखने या किसी सक्षम अधिकारी को देने की बात से साफ इन्कार किया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस खेल के पीछे कौन है? सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि अपने घिनौनी कुकृत्यो से खाकी को शर्मसार करने वाले थानेदार को बचाने के लिए पर्दे के पीछे यह खेल कौन खेल रहा है?
🔴 क्या था मामला
काबिलेगोर है बीते दिनों पुलिस महकमे मे सामने आया यह प्रकरण सुर्खियों मे छाया रहा। मामला यह है कि रामकोला के तत्कालीन थाना प्रभारी करुणेश प्रताप सिंह जो अपने कुकृत्यो को लेकर निलंबित हो चुके है अपने थाने पर तैनात महिला कांस्टेबल को बार-बार मैसेज करके परेशान करते थे और अपनी बात मनवाने के लिए वह महिला सिपाही पर दबाव बनाने के लिए उत्पीड़न करते थे। यह आरोप महिला सिपाही द्वारा लगाया गया था। पुलिसकर्मियों मे इस बात की चर्चा भी जोरो पर थी कि चर्चा-ए-सरेआम है कि रामकोला थाने में करीब एक साल से तैनात एक महिला कांस्टेबल के प्रति निलंबित एसओ करुणेश प्रताप का नजरिया ठीक नहीं था।एसओ की हरकतों से तंग आकर महिला सिपाही ने पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल से मिलकर आपबीती सुनाई और एसओ करुणेश प्रताप पर बार-बार अश्लील मैसेज भेजने, अपनी बात मनवाने के लिए दबाब बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए एसओ द्वारा मोबाइल पर भेजे गए कई मैसेज को पीडिता ने एसपी भी दिखाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से एसओ रामकोला करुणेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक ने सीओ तमकुहीराज फूलचंद कन्नौजिया की जांच मे आरोपो की पुष्टि होने के बाद की गयी थी और उनकी जगह पर दुर्गेश कुमार सिंह को नया थानाध्यक्ष बनाया गया। इस संबंध मे पुलिस कप्तान सचिंद्र पटेल ने स्पष्ट शब्दों मे कहा कि महिलाओं के साथ अभद्रता व अनुशासनहीनता की शिकायतें किसी भी सूरत मे बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं। इधर प्रकरण से जुड़ा पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें इंस्पेक्टर पर पूर्व में लगे आरोपों को गलत बताया गया है।
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