🔴 शासनादेश के विपरीत सचिवो को किया गया सामुहिक स्थानांतरण
🔴 स्थानांतरण के नाम पर प्रत्येक सचिवो से वसूल किया गया पच्चीस से तीस हजार रुपये
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज
कुशीनगर । शासनादेश के स्थानांतर प्रक्रिया के विपरीत जनपद मे सामुहिक रुप से ग्राम विकास अधिकारी व पंचायत अधिकारियों का स्थानांतरण मोटी रकम वसूल कर किए जाने की चर्चा सरेआम है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नियम विरुद्ध थोकभाव मे किए गये ट्रान्सफर मे जिला विकास अधिकारी द्वारा धन उगाही कर सचिवो के स्थानांतरण की ब्लाक वार तैयार की गयी सूची पर सीडीओ ने डीडीओ से हस्ताक्षर कराने के बजाए बंद कमरे मे स्थानांतरण आदेश पर डीपीआरओ से हस्ताक्षर कराया। अब सवाल यह उठता है कि जब डीडीओ ने सूची तैयार किया, जब सीडीओ के निर्देश पर डीडीओ ने सचिवो का स्थानांतरण किया तो फिर ट्रान्सफर आदेश पर डीपीआरओ का हस्तांतरण क्यो कराया गया। ज़ाहिर है कि सचिवो के स्थानांतरण मे धन उगाही का खेला व्यापक स्तर पर हुआ है तो फिर इस खेला मे कौन-कौन लोग शमिल है? यहां दाल मे कुछ काला है या पुरी दाल काली है। यह निष्पक्ष जांच के बाद ही साफ होगा।
🔴 जिले के दो सौ से अधिक सचिवो का किया गया ट्रान्सफर
सचिवो के स्थानांतरण मे मनचाहा ब्लाको पर तैनाती के लिए कई गयी धन उगाही का आडियो वायरल होने व संगठन द्वारा सीडीओ को दिए ज्ञापन को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था इसके परिणाम स्वरूप स्थानांतरण प्रक्रिया को एक सप्ताह रोक दिया गया। सूत्र बताते है कि जब मामला शान्त हो गया है तो बीते दिनों जनपद के अलग-अलग विकास खण्डो से तकरीबन 204 ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारियों का स्थानांतरण अलग-अलग ब्लाको मे कर दिया गया। मजे कि बात यह है कि जिन सचिवो का स्थानांतरण किया गया है उनकी सूची जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान द्वारा सचिवो से मोटी रकम वसूल करने के बाद तैयार किया गया है ऐसा सूत्रो का दावा है। सूत्रों का कहना यह भी है कि ट्रान्सफर आदेश जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान के हस्ताक्षर के बजाय डीपीआरओ राघवेंद्र द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। सूत्र बताते है कि सचिवो के ट्रान्सफर आदेश पर डीपीआरओ का हस्ताक्षर सीडीओ के मौजूदगी मे बंद कमरे मे लिया गया। अब सवाल यह उठता है कि क्या डीपीआरओ से जबरिया ट्रान्सफर आदेश पर हस्ताक्षर कराया गया है। क्या इस खेला मे डीपीआरओ का सिर्फ कंधे का इस्तेमाल किया गया है? हलाकि इस संबध मे जब डीपीआरओ राघवेंद्र दिवेदी से बात किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि धुआं वही उठता है जहां आग लगती है।
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