🔴 एडीजे एवं मुख्य न्यायिक अधिकारी ने सभी कैदियों से उनके मामले के विधिक पहलुओं के बारे में की पूछताछ , जमानत के संबंधित ली जानकारी, बताया समाधान
🔴 कैदियों से मिलकर सूनी उनकी समस्याए, दिए जरुरी निर्देश
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज
कुशीनगर । जनपद के न्यायिक, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को देवरिया स्थित जिला कारागार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बंदियों की समस्याएं सुनी और उनकी समस्याओं के निस्तारण का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि एडीजे एंव मुख्य न्यायिक अधिकारी , जिलाधिकारी एस राजलिंगम, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रविकांत यादव, पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल सीधे जिला जेल पहुंचे। यहां इन्होंने कैदियों के लिए बने हुए खाने की गुणवत्ता देखने के बाद चिकित्सा कक्ष में गए, रोगियों से मिले उनसे पूछताछ की तथा जेलर से इस संदर्भ में पूरी जानकारी ली ।न्यायायिक अधिकारी , डीएम और एसपी रोगी कक्ष मे भी गए तथा उन्होंने रोगी कैदियों के बारे में आवश्यक जानकारी लेते हुए सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश भी दिए। सभी उच्चाधिकारियों ने कैदियों से मुलाकात की उनकी समस्याएं सुनी, उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। कैदियों से जिलाधिकारी ने बात की और पूछा यहां के अस्पताल में कोई दिक्कत तो नहीं है, स्वास्थ्य सुविधाएं समय से मिलती है कि नहीं। इस दौरान एडीजे एवं मुख्य न्यायिक अधिकारी ने सभी कैदियों से उनके मामले के विधिक पहलुओं के बारे में पूछताछ की ,उनके जमानत के संबंधित जानकारी ली तथा उनका समाधान भी बताया। उन्होंने कुछ कैदियों के आवेदन भी स्वीकार किये तथा जेलर के माध्यम से भी दरखास्त भिजवाने की बात की गयी। इस क्रम में जिलाधिकारी ने कैदियों के टीकाकरण की जानकारी लेते हुए पूछा कि कितने लोगों का टीकाकरण हो गया है और कितने लोग बचे हैं। इसके बाद सभी उच्चाधिकारी महिला बैरक में जाकर महिला कैदियों से भी मिले। महिला कैदियों के साथ मौजूद छोटे बच्चों के बारे में पूछताछ की ,उनके स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। बच्चों को पोषाहार मिलता है कि नहीं इस संदर्भ में पूछा गया तथा महिला कैदियों की समस्याएं जानी गयी। बच्चों के नियमित टीकाकरण की भी बात जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के द्वारा पूछी गई। खाना ठीक मिल रहा है कि नहीं, बीमारी के संबंध में उचित दवाएं मिलती है कि नहीं , कोरोना का टीका लगा है कि नहीं तथा उनके खाने का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ बंदियों ने अधिवक्ता न होने की बात कही तो अधिकारियों ने जिला प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देने व अधिवक्ता निशुल्क उपलब्ध कराने की बात कही। मौके पर जेलर मौजूद रहे।
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