🔴 नाविकों के सूचना पर यूपी पुलिस ने तैनात किये पीएसी के जावान
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। नेपाल के पहाड़ों से निकलने वाली गंडक नदी में नेपाल द्वारा शवों के जल प्रवाह करने की जानकारी मिलते ही प्रशासन में खलबली मच गयी. शव अगर भारत के इलाके में आये तो महाराजगंज, कुशीनगर बिहार के गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पं चंपारण, सारण व मुजफ्फरपुर के जिलों में संक्रमण के बढ़ने की संभावना को देखते हुए इस पर निगरानी व रोक लगाने को भारत-नेपाल सीमा पर शनिवार की देर शाम पीएसी तैनात कर दी गई. नेपाल में कोरोना संक्रमण के बाद हो रही लगातार मौतों के बाद शवों को अधिक संख्या में नदी में बहाया जा रहा है।शव बहकर भारत की सीमा में आ रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा भी शवों का जल प्रवाह नदी में करने की बात सामने आयी है. वैसे तो नेपाल से शवों के बहाए जाने की चर्चा एक सप्ताह से चल रही है. नाविक शवों को देख सहमे हुए है।
नाविक केदार, हरी, अरविन्द्र, मदन, राजेश साहनी व राजेन्द्र ने बताया कि एक दिन तो 47 शव प्लास्टिक में लिपटे नेपाल की ओर से बहकर आते दिखे थे। रोज शव उधर से बहकर इधर आते हैं। शवों की ठीक से गिनती तो नहीं पाता, लेकिन अब तक सौ से अधिक शव बहकर उधर से आए होंगे,अपनी आंखों से देखा है।
🔴 26 वीं वाहिनी पीएसी की जल टुकड़ी कर रही निगरानीडीएम एस राजलिगम ने 26 वीं वाहिनी पीएसी की जल टुकड़ी की तैनाती नारायणी नदी के पास भैसहां में की है. यहां के जूनियर हाईस्कूल में जवान कैंप कर रहे हैं. पीएसी पता करेगी कि शव कहां से और क्यों नदी में प्रवाहित किए जा रहे हैं. उस पर रोग लगाने के साथ उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराएंगे. सूबेदार राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि कोविड-19 को लेकर सरकार सख्त है. नदी में कोरोना से मरे हुए लोगों की लाश नदी में फेंक रहे हैं, उसी को रोकने को बटालियन नदी में सर्च के लिए लगाई गई है.
🔴 शवों के जल प्रवाह पर रोक प्राथमिकता: डीएम
डीएम एस राजलिगम ने बताया कि पीएसी को इसलिए लगाया है कि नदी में शवों को प्रवाहित करने से रोका जाए. कोई मजबूरी में ऐसा कर रहा है तो उसे मदद दी जाएगी ताकि शवों का सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार करें, जल प्रवाह न करें. नेपाल से शव बहकर आने की बात पुख्ता हुई तो रिपोर्ट भेजी जाएगी. उस पर प्रभावी रोग लगेगी।
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