🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत केन्द्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार जहा घर-घर शौचालय बनवाने के लिए संकल्पित है। वही कुशीनगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी शासन की छवि बिगाड़ने की नीयत से जरुरतमंदों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से मरहूम करने का अभियान चला रखा है। यही वजह है कि सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित तमाम पात्र सरकार को कोस रहे है जबकि अपात्र सरकारी सुबिधाओं का लाभ उठाकर सयाना बन रहे। ताजा मामला जनपद के छितौनी कस्बा के जोकहिया वार्ड की है जहां अधिकारियों के चौखट पर बार-बार माथा टेकने और तमाम अर्जी देने के बावजूद शौचालय नही बना तो थक हार कर कुंती देवी ने बाजार से सीट खरीदकर अस्थाई शौचालय का निर्माण कराकर उन गैरजिम्मेदार अफसरों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया, जिन्होनें जरुरतमंदों को सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं से मरहूम कर अपात्रो को लाभ पहुंचाने मे कोई कसर नही छोड रखा है।
काबिलेगोर है कि सर्वव्यापी स्वच्छता पर बल देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय योजना की शुरुआत की थी| इसके तहत हर नागरिक के लिए उनके घर में या घर के निकट शौचालय की व्यवस्था करने के उद्देश्य से सब्सिडी की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है। इसी के तहत नए शौचालय बनाने पर शहरी क्षेत्र में 75 फीसदी राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में नए शौचालय बनवाने के लिए 12 हज़ार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं| 2 अक्टूबर 2019 तक देश को पूर्णतः खुले में शौच से मुक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों मे व्यक्तिगत, सामूहिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य रखा गया। ताकि खुले में शौच के उन्मूलन को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाली छिनौती कस्बा के जोकहिया वार्ड निवासी कुंती देवी की माली हालत ठीक नही है। इस लिए कुंती देवी ने सरकार द्वारा जरुरतमंदों के लिए बनवाये जा रहे शौचालय योजना की शुरुआत की गयी तो उन्होंने ने भी एक अदद शौचालय प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। कुंती देवी बताती हैं कि आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से शौचालय का निर्माण नहीं करा पा रही थी। सरकार ने गरीबों का शौचालय बनाने की योजना चलाई गई तो मैंने भी आवेदन किया गया। पांच वर्षों में कई बार आवेदन किया, ग्राम प्रधान के घर और ब्लाक का चक्कर लगाते-लगाते थक गई, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। गांव नवसृजित नगर पंचायत छितौनी में शामिल हो गया, उसके बाद भी जिम्मेदार सूरदास बने रहे। मजबूर होकर अस्थाई शौचालय बनाया, ताकि खुले में शौच के लिए न जाना पड़े। परिवार में छह सदस्य हैं, सभी उसका इस्तेमाल करते हैं।
🔴 ईओ बोले
अधिशासी अधिकारी देवेश मिश्रा ने कहा कि छितौनी नगर पंचायत के सभी वार्डों में शौचालय से वंचित परिवारों को चिह्नित कराया जा रहा है। पात्र लोगों को शीघ्र शौचालय का लाभ दिलाया जाएगा।
No comments:
Post a Comment