क्या सचमुच दरोगा को थप्पड़ मारने वाला युवक शराब तस्कर है? - Yugandhar Times

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Friday, April 23, 2021

क्या सचमुच दरोगा को थप्पड़ मारने वाला युवक शराब तस्कर है?

 

🔴 हजम नही हो रही पुलिसिया कहानी, क्षेत्र मे बना चर्चा का विषय 
🔴 संजय चाणक्य 
कुशीनगर। जिले के फाजिलनगर कस्बे में तीन दिन पहले चौकी इंचार्ज को थप्पड़ मारने वाला युवक व उसके पिता को पटहेरवा पुलिस द्वारा गुरुवार को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद जहां क्षेत्र मे चर्चाओं का बाजार गर्म है वही पुलिस की कार्य प्रणाली पर तमाम सवाल भी उठ रहे है। कही ऐसा तो नही कि घटना के बाबत वायरल वीडियो से खाकी कि खूब हुई छिछालेदर बाद पुलिस अपनी साख बचाने के लिए थप्पड़ मारने वाले आरोपी और उसके पिता को शराब तस्कर बना दिया या फिर किसी शराब तस्कर पर ही थप्पड़ मारने का आरोप मढकर कानून के लंबे हाथ की कहावत को चरितार्थ कर पुलिस अपना पीठ थपथपा रही है। 
🔴 क्या है मामला
काबिलेगोर है कि 21 अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें गाड़ी में बैठा एक दारोगा मास्क चेकिंग कर रहा था। तभी बिना मास्क के घूम रहे एक युवक को दारोगा ने अपने गाड़ी के पास बुलाया और मास्क न लगाने का कारण पूछ युवक को थप्पड़ मार दिया। बदले में युवक ने भी दारोगा को थप्पड़ मारकर भाग निकला। इस दौरान वहा मौजूद किसी शख्स ने पूरे घटना की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया मामला चर्चा में आने पर पटहेरवा पुलिस ने अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
🔴 पुलिससियां कहानी मे झोल है
कहना न होगा कि घटना के दिन पटहेरवा पुलिस ने दरोगा को थप्पड़ मारकर फरार होने वाले अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 169/21 धारा 332,353,269,270,आईपीसी व 51 बी आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा 3 महामारी अधिनियम मे अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश मे जुट गयी थी। उसके बाद एसओ पटहेरवा ने थप्पड़ मारने वाले युवक की पहचान बताने वाले को एक हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा कर दी। यहा तक की घटना तो वीडियो वायरल के बाद पुलिसिया कार्रवाई मे जगजाहिर है। अब पुलिसिया कहानी पर नजर दौडाए तो 22 अप्रैल को पटहेरवा पुलिस को खबर लगी कि वीडियो में दिख रहा युवक ग्राम सभा अशोगावा गांव के निवासी रामअवध राय का लड़का विकास राय उर्फ गोरख राय है। इस घटना के बाद मीडिया को दिए गए अपने बयान मे सीओ फूलचंद कन्नौजिया ने बताया कि आरोपी युवक की पहचान होने पर पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो आरोपी युवक भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस कर्मियों ने आरोपी युवक को दौड़कर पकड़ लिया। इस दौरान पुलिस को एक कमरे में शराब की पेटियां दिखी। इसके बाद घर की तलाशी लेने पर आरोपी के घर से 865 बोतल विभिन्न ब्रांड के अंग्रेजी शराब व 16 बोतल बीयर मिली। मौके पर पुलिस ने आरोपी के घर से अवैध अंग्रेजी शराब के साथ एक कार को भी अपने कब्जे में ले लिया उसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक गोरख राय पिता राम अवध राय को भी अवैध शराब के कारोबार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया । अब सवाल यह उठता है कि थप्पड़ मारने वाला युवक अगर शराब तस्कर है तो क्या वह कभी शराब तस्करी मे पकडा गया है?  क्या जनपद के किसी थाने मे पहले कभी उस युवक के खिलाफ शराब तस्करी का मामला दर्ज हुआ है? जानकारों की माने तो चौकी इंचार्ज को थप्पड़ मारने वाला युवक अगर शराब तस्कर है तो वह कभी पुलिस से पंगा लेने की कल्पना नही कर सकता है। इसके पीछे तर्क यह है कि अवैध कारोबार करने वाला व्यक्ति कभी भी किसी पुलिसकर्मी से आमने सामने नही उलझेगा। जहां तक जानकारों का मानना है कि अगर कोई पुलिस अधिकारी किसी अवैध कारोबारी के कार्यो मे बाधा बनता है तो अवैध कारोबारी व तस्कर अपने राजनीतिक प्रभाव का प्रयोग कर उस पुलिस अधिकारी पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश करता है, न कि मास्क चेकिंग के दौरान दरोगा को थप्पड़ मारकर भाग जाता है। चलिए एक पल के लिए मान लिया जाए कि दरोगा को थप्पड़ मारने वाला गोरख राय शराब तस्कर है तो फिर सवाल यह उठता है कि खाकी के गिरेहबान पर हाथ डालने के बाद तथाकथित तस्कर गोरख राय अपने घर पर अवैध शराब रखकर पुलिस के आने का इंतजार कर कर था। अगर वह अवैध शराब कारोबारी है तो बेशक उसके अवैध कारोबार से पटहेरवा पुलिस अनभिज्ञ नही होगी तो फिर जनपद मे अवैध शराब के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत अब तक उसके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यो नही किया? कही ऐसा तो नही पुलिसिया संरक्षण मे उसका अवैध कारोबार फल-फूल रहा था? इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है कि चौकी इंचार्ज को थप्पड़ मारने वाला अबैध शराब कारोबारी है तो इस घटना के पीछे कही लेन-देन का खेल तो नही छिपा है? आम आदमी भी इस बात से इंकार नही कर सकता है कि पुलिस चाह दे तो बडे से बडे अपराधियों को भागने के लिए जमीन कम पड जायेगी। ऐसे मे आरोपी गोरख राय और उसके पिता राम अवध राय अपने घर मे अवैध शराब का जखीरा सजाए क्यो पुलिस का इंतजार कर रहे थे? जबकि अपने कुकृत को लेकर आरोपी और उसके बाप अच्छी तरह से जानते थे कि पुलिस उन्हे ढूढते हुए उनके घर जरूर पहुचे गई। ऐसे मे कहना लाजमी है कि पुलिसिया कहानी मे कही न कही झोल जरूर है।  कही ऐसा तो नही थप्पड़ मारने वाले आरोपी और उसके पिता को पुलिस ने शराब तस्कर बना दिया या फिर किसी शराब तस्कर पर ही थप्पड़ मारने का आरोप मढकर पटहेरवा पुलिस इस चेप्टर को क्लोज करना चाहती है ताकि पुलिस की हो रही छिछालेदर पर विराम लग जाए? खैर जो भी हो लेकिन  पटहेरवा पुलिस अपने कारनामे को लेकर चर्चा मे जरूर है।



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