🔴 जांच मे दोषी पाये गये लिपिक अशोक कुमार पाठक, विजयनाथ उपाध्याय और राजेश कुमार को धोनी पडी नौकरी से हाथ
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। आपदा राहत के 2 करोड़ 20 लाख रुपये घोटाला करने के आरोप मे जिलाधिकारी एसराज लिंगम ने कलेक्ट्रेट के तीन लिपिको का सेवा समाप्त करते हुए बर्खास्त कर दिया है। यह धनराशि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जनपद के किसानों को आपदा राहत का लाभ पहुंचाने के लिए आवंटित किया गया था। इसके पूर्व उद्यान विभाग के एक बाबू के खिलाफ पहले ही बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। प्रकरण वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 का है। गौरतलब है कि जांच टीम द्वारा जिलाधिकारी एसराज लिंगम को सौंपे गए रिपोर्ट मे कलक्ट्रेट के तत्कालीन बिल लिपिक अशोक कुमार पाठक को पद पर रहते हुए आपदा की 2.20 करोड़ घोटाला में दोषी पाया गया है। इसके अलावा तत्कालीन आपदा लिपिक विजयनाथ उपाध्याय पर आरोप है कि उनके आलमारी में किसानों के आपदा राहत का 124 बैंकर्स चेक मिला था। उनके पटल पर तैनात रहते लापरवाही के कारण यह घोटाला हुआ है। वहीं कलक्ट्रेट में इनसे पहले तैनात रहे तत्कालीन आपदा लिपिक राजेश कुमार को वित्तीय मामले में घोर लापरवाही बरतने के लिए दोषी पाया गया। डीएम श्री लिंगम ने जांच रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए घोटाले मे दोषी पाए गए बिल लिपिक अशोक कुमार पाठक, आपदा लिपिक विजयनाथ उपाध्याय व तत्कालीन आपदा लिपिक राजेश कुमार की सेवा समाप्त कर बर्खास्त कर दिया है। कहना न होगा कि आपदा राहत घोटाले में ही उद्यान विभाग में तैनात लिपिक आपदा कार्यालय से सम्बद्ध रामेश्वर सिंह को डीडी उद्यान ने पहले ही बर्खास्त कर दिया था।
🔴 ऐसे पकड़ में आया मामला
सितंबर 2018 में बंधन बैंक में एक प्राइवेट व्यक्ति ने ओसी बिल फॉर कलक्ट्रेट का बैंकर्स चेक जमा किया था। इसका क्लीयरेंस होकर आने के बाद बैंक प्रबंधक को शक हुआ तो संबंधित खाता धारक को फोन कर बुलाया। खाताधारक से पूछताछ के बाद संदेह होने पर बैंक प्रबंधक तत्कालीन एडीएम कृष्णलाल तिवारी के पास कंफर्म करने पहुंच गये। एडीएम ने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्काल बैंक पहुंच कोतवाली पुलिस को बुलाकर बैँक में भुगतान की कोशिश करने वाले व्यक्ति को सौंप दिया। इसके बाद प्रभारी ओसी बिल ने पडरौना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद एक के बाद एक चौकाने वाले तथ्य सामने आने लगे।
🔴 जांच में कार्यालय के आलमारी में मिले थे लैप्स बैंकर्स चेक
आपदा घोटाला सामने आने के बाद एडीएम व प्रभारी ओसी बिल ने आपदा कार्यालय की जांच की। इसमें पहली बार 117 तथा दूसरी बार सात बैंकर्स चेक मिले। ये सभी चेक लैप्स हो गये थे। जांच के बाद कलक्ट्रेट के तीन व उद्यान विभाग के बाबू आपदा कार्यालय से सम्बद्ध के खिलाफ डीएम ने निलंबन की कार्रवाई कर विभागीय जांच सीडीओ को सौंपी थी। सीडीओ की जांच में घोटाले की पुष्टि हुई और चारों बाबुओं दोषी पाए गये। सीडीओ की रिपोर्ट पर डीएम ने पहले एडीएम से परीक्षण कराया। डीएम ने रिपोर्ट आने के बाद सीडीओ व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम गठित कर पुनः जांच कराई। इस रिपोर्ट में पूर्व की जांच रिपोर्ट पर मुहर लगी। इसके बाद जिलाधिकारी एसराज लिंगम ने घोटाले मे दोषी करार दिए गए तीनो लिपको के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।
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