मृत किसान के नाम पर खुद किसान बनकर सचिव ने बेचा लाखो रुपये के धान - Yugandhar Times

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Wednesday, February 3, 2021

मृत किसान के नाम पर खुद किसान बनकर सचिव ने बेचा लाखो रुपये के धान

🔴 मृत किसान के पुत्र ने जिलाधिकारी से लगायी दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार

🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज 

कुशीनगर । जनपद मे फर्जी किसान बनकर धान बेचने वाले दलालों का कारनामा थमने का नाम नही ले रहा है। अभी हाल के दिनों मे हाटा तहसील क्षेत्र मे फर्जी किसान बनकर दस कुन्तल धान बेचने का मामला ठंडा भी नही हुआ कि कसया तहसील क्षेत्र मे एक सहकारी समिति के  बाबू द्वारा फर्जी किसान बनकर एक मृत किसान के नाम पर लाखो रुपये का धान बेचने का मामला प्रकाश मे आया है। मृत किसान के पुत्र को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले की जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

जिलाधिकारी एस राज लिंगम को दिए गए प्रार्थना पत्र मे जनपद कसया तहसील क्षेत्र के परासखांड गाँव के निवासी सचितानन्द पाण्डेय पुत्र स्व. सुभाष पाण्डेय ने बताया है कि मेरे पिताजी के नाम अपने ग्राम सभा मे खाता संख्या 00483 के गाटा संख्या/खसरा संख्या 392 में कुल 1.9190 हेक्टेयर जमीन है जिस पर पिता खेती करते थे उनकी मौत के बाद हम तीन भाइयों का नाम दर्ज है । इधर हाल ही में खेत मे उपजे धान को सरकारी क्रय केन्द्र पर जब मैं बेचने के लिए अपना पंजीकरण कराने गया तो पता चला कि मेरे गाँव के ही संतोष कुमार पाण्डेय, जो गोपालगढ़ सहकारी समिति के प्रभारी सचिव थे और समिति से जुड़े किसी मामले मे निलम्बित चल रहे हैं, ने हमारे उक्त जमीन पर खुद को बटाईदार दिखाकर खाद्य विभाग के पोर्टल पर अपना किसान पंजीकरण करवा लिया है । पंजीकरण संख्या 1890085600 के आधार पर पंजीकृत किसान के रुप मे उन्होंने कसया क्षेत्र के धान क्रय केन्द्र सिसवा धोकरहा पर 15 दिसम्बर को 50 कुन्तल और 18 दिसम्बर को 43 कुन्तल धान की बिक्री की और उससे प्राप्त 1,73,724 लाख रुपये को उन्होंने अपने कसया स्थित इलाहाबाद बैंक के खाते में प्राप्त कर लिया है । पीड़ित ने जिलाधिकारी को दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में साफ लिखा है कि हम तीनों भाइयों ने अपने खेत की बुवाई खुद की है और किसी की बटाई आदि नही दिया है । 

🔴 सचिव संतोष के कारनामे

चर्चा - ए-सरेआम है मृत किसान के नाम पर फर्जी तरीके से धान बेचने वाले गोपालगढ सहकारी समिति के निलंबित प्रभारी सचिव संतोष कुमार पाण्डेय के यह कोई पहला कारनामा नही है इसके पहले भी संतोष पाण्डेय द्वारा उर्वरक की कालाबाजारी एंव तीन सहकारी समितियों से गबन किए जाने का आरोप है। इस मामले एडीसीओ कसया रमेश चन्द्र कन्नौजिया ने उन्हे पकडा था जिसमें नौ लाख रुपये का गबन पाया गया था। इस पर एडीसीओ श्री कन्नौजिया ने  अक्टूबर-2020 मे प्रभारी सचिव सन्तोष कुमार पाण्डेय के चार्ज की तीनो समितियों को सील कर दिया था। बाद मे तत्कालीन जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी ने मामले को संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी व ज्वॉइन मैजिस्ट्रेट कसया से जांच करायी थी जिसमे सन्तोष कुमार पाण्डेय द्वारा खाद की कालाबाजारी व गबन किये जाने की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर एडीसीओ रमेश कन्नौजिया ने सचिव श्री पाण्डेय के खिलाफ कसया थाने मे मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। बताया जाता है सचिव सन्तोष कुमार पाण्डेय यह कारनामा तो एक बानगी है अगर इनके खिलाफ ठीक से जांच हो जाए तो इनके काले कारनामे फेहरिस्त लंबी होगी। 

🔴 एआर बोले-

फर्जी किसान बनकर धान बेचने के मामले एआर कोऑपरेटिव बृज किशोर मिश्र ने बताया कि इ. तरह का मामला मेरे संज्ञान मे नही आया है । हो सकता है डाक में पत्र हो । मामला संज्ञान में आते ही नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी, जबकि सूत्रों का कहना है कि जिलाधिकारी के एक्शन मूड के बाद विभाग मे हडकंप मच गया है और फर्जी किसान को बचाने की विभाग द्वारा चक्रव्यूह तैयार किया जा रहा है।

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