लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में बजट का मौलिक उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का कल्याण करना है। बजट का व्यापक विश्लेषण करने से यह पता चल रहा है कि बजट "सबका साथ ,सबका विकास एवं सबका विश्वास "की भावना को पूरा कर रहा है एवं लोकतांत्रिक आस्थाओं एवं लोकतांत्रिक मूल्यों में वृद्धि कर रहा है ।ऐसा बजट इस महामारी में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी सोच एवं करिश्माई नेतृत्व के द्वारा ही संभव है।
बेशक! वर्ष 2021-22 का यह बजट भारत के संकल्प की सिद्धि एवं आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा करने वाला है। विगत 9 महीनों तक लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों को चालू करने वाला, आर्थिक गतिविधियों के लिए उत्पन्न चुनौतियों एवं समस्याओं का समाधान करने वाला बजट है ।इस बजट के द्वारा" आत्मनिर्भर भारत के सपनों" को पूरा करने का प्रयास किया है ।यह बजट आपदा को शुभ अवसर में बदलने वाला ,ग्रामीण जनसंख्या का कार्यशील जनसंख्या में, एक सक्षम एवं पराक्रमी उन्नत एवं विश्व गुरु के रूप में बदलने वाला बजट है।इसने सभी वर्गों के प्रति संतुलन एवं सकारात्मक दृष्टि देनेवाला है ।कृषि की बुनियादी संरचना को मजबूती देने वाला ,किसानों की आय दोगुनी करने वाला ग्रामीण अवसंरचना को मजबूती करने वाला, ग्रामीण माताओं एवं बहनों के सपनों को साकार करने वाला है। महामारी के दौरान चतुर्दश टेस्टिंग नेटवर्क की स्थापना, पीपीई किट उत्पादन में भारत की अग्रणी भूमिका इत्यादि कदम ने कठिनाइयों को शुभ अवसर में बदलने वाला है ।वैश्विकक टीके के अन्वेषण के समांतर भारत की परीक्षण क्षमता ने वैश्विक स्तर पर भारत को मजबूत प्रमाणित किया है ।देश की योजना पहले 6 महीने में करीब 30 करोड़ नागरिकों को टीका लगाने की है ।भारत ने पड़ोसी प्रथम नीति के अनुसार अनुदान सहायता के आधार पर नेपाल ,बांग्लादेश, भूटान ,श्रीलंका एवं मालदीव को कोविद-19 के टिके दिए हैं। भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूती एवं स्वास्थ्य चुनौतियों का सरलता से समाधान के लिए स्वास्थ्य बजट को 137 % बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ करके "सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास" को बढ़ाया है। बजट में कोरोना वैश्विक महामारी से देश को बचाने के लिए बड़े वित्तीय प्रावधान के साथ ,अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के व्यापक अवसरों में वृद्धि करने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री के सूत्र वाक्य" वोकल फार लोकल "के तहत घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है ,साथ ही" मेक इन इंडिया "और निर्यात वृद्धि के लिए नई रेखाएं खींची है। इन उपायों से आम आदमी ,किसानों ,महिलाओं ,युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और उद्योग एवं सूक्ष्म सेक्टर की मुश्किलों को हल करने का प्रयास किया गया है ।नए साल में लाया गया यह पहला बजट आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने वाला है। यह बजट भारत के प्रत्येक नागरिक को ,प्रत्येक क्षेत्र को एवं प्रत्येक समुदाय की आकांक्षाओं एवं आशाओं को ऊर्जा प्रदान करके, कार्य करने ,समस्या समाधान करने की दिशा में संजीवनी ऊर्जा का काम करेगा।
🔴 डा0 सुधाकर कुमार मिश्र
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