कुशीनगर। फर्जी किसान बनकर मृत्यु किसान के नाम पर लाखो रुपये का धान बेचने वाले सहकारी समिति के सचिव संतोष पाण्डेय के खिलाफ आखिरकार फोर टोवंटी सहित गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज हो ही गया। यह कार्रवाई मृतक किसान के पुत्र की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा करायी गयी जांच मे दोषी पाये जाने के बाद की गयी है। हालांकि इस तरह के मुकदमे पूर्व मे इस सचिव पर दर्ज हो चुकी है।
काबिलेगोर है कि बीते दिनो मृतक किसान स्वर्गीय सुभाष पाण्डेय के पुत्र सच्चिदानंद को गोपालगढ़ सहकारी समिति के निलंबित सचिव सन्तोष पाण्डेय के कारस्तानी कारनामे की जानकारी हुई तो उन्होंने जिलाधिकारी एसराज लिंगम को प्रार्थना पत्र देकर मामले की जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।
🔴 क्या है मामलाजिलाधिकारी एस राज लिंगम को दिए गए पत्र मे जनपद के कसया तहसील क्षेत्र के परासखांड गाँव के निवासी सचितानन्द पाण्डेय ने बताया है कि मेरे पिताजी के नाम अपने ग्राम सभा मे खाता संख्या 00483 के गाटा संख्या/खसरा संख्या 392 में कुल 1.9190 हेक्टेयर जमीन है जिस पर पिता खेती करते थे उनकी मौत के बाद हम तीन भाइयों का नाम दर्ज है। अपने धान को सरकारी क्रय केन्द्र पर जब वह बेचने के लिए अपना पंजीकरण कराने गया तो पता चला कि उसी गाँव के निवासी व अपने कारगुजारी को लेकर निलंबित चल रहे गोपालगढ सहकारी समिति के प्रभारी चिव संतोष कुमार पाण्डेय ने उनके जमीन पर खुद को बटाईदार दिखाकर खाद्य विभाग के पोर्टल पर अपना किसान पंजीकरण करवा लिया है । इतना ही नही पंजीकरण संख्या- 1890085600 के आधार पर पंजीकृत किसान के रुप मे निलंबित सचिव ने कसया क्षेत्र के धान क्रय केन्द्र सिसवा धोकरहा पर 15 दिसम्बर को 50 कुन्तल और 18 दिसम्बर को 43 कुन्तल फर्जी तरीके से धान की बिक्री कर एक लाख 73 हजार सात सौ चौबीस रुपये की सरकारी धनराशि अपने कसया स्थित इलाहाबाद बैंक के खाते में प्राप्त कर लिया है । मृतक किसान के पुत्र के शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने पुरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया जिसमे संतोष पाण्डेय के खिलाफ दोष सिद्ध होने के बाद अपर जिला सहकारी अधिकारी राधेश्याम सिंह के तहरीर पर कसया थाने की पुलिस ने अपराध संख्या -118 /2021 धारा-419, 420, 467, 468 के तहत मुकदमा दर्ज कर कर आगे की की कार्रवाई मे जुटी है।
🔴 सचिव के कारनामे
मृत किसान के नाम पर फर्जी तरीके से धान बेचने वाले गोपालगढ सहकारी समिति के निलंबित प्रभारी सचिव संतोष कुमार पाण्डेय के यह कोई पहला कारनामा नही है इसके पहले भी संतोष पाण्डेय द्वारा उर्वरक की कालाबाजारी एंव तीन सहकारी समितियों से गबन किए जाने का आरोप है। इस मामले एडीसीओ कसया रमेश चन्द्र कन्नौजिया ने उन्हे पकडा था जिसमें नौ लाख रुपये का गबन पाया गया था। इस पर एडीसीओ श्री कन्नौजिया ने अक्टूबर-2020 मे प्रभारी सचिव सन्तोष कुमार पाण्डेय के चार्ज की तीनो समितियों को सील कर दिया था। बाद मे तत्कालीन जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी ने मामले को संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी व ज्वॉइन मैजिस्ट्रेट कसया से जांच करायी थी जिसमे सन्तोष कुमार पाण्डेय द्वारा खाद की कालाबाजारी व गबन किये जाने की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर एडीसीओ रमेश कन्नौजिया ने सचिव श्री पाण्डेय के खिलाफ कसया थाने मे मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। बताया जाता है सचिव सन्तोष कुमार पाण्डेय यह कारनामा तो एक बानगी है अगर इनके खिलाफ ठीक से जांच हो जाए तो इनके काले कारनामे फेहरिस्त लंबी होगी।
🔴 युगान्धर टाइम्स के खबर का असर
गौरतलब है कि फर्जी किसान बनकर धान बेचने वाले सहकारी समिति के सचिव सन्तोष कुमार पाण्डेय के कारगुजारियो को युगान्धर टाइम्स ने सबसे पहले अपने 3 फरवरी को " मृत किसान के नाम पर खुद किसान बनकर सचिव ने बेचा लाखो रुपये के धान" नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था जिसको डीएम ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई किया।
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