सिपाही की आत्महत्या के पीछे क्या है राज - Yugandhar Times

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Thursday, February 11, 2021

सिपाही की आत्महत्या के पीछे क्या है राज

🔴 आत्महत्या के पीछे पटहेरवा थाने की घटना तो नही 

🔴 कौन है मुंशी को पीटने वाला दरोगा कौन

🔴 संजय चाणक्य

कुशीनगर। जनपद के पटहेरवा थाने पर तैनात रहे कंप्यूटर मुंशी की निलंबन और उसकी बहाली के बाद अचानक उस सिपाही  द्वारा अपनी इललीला समाप्त कर लेने के पीछे चर्चा-ए-आम है कि  पटहेरवा थाने में उसके तैनाती के बाद हुई घटना तो नही है? वजह यह है कि  सिपाही यशवंत गिरि की तैनाती के बाद थाने के एक चर्चित दरोगा द्वारा आफिस में की गई पिटाई तथा आजमगढ़ के एक पशु तस्कर से एक लाख रुपये लेने के बाद भी उक्त दरोगा द्वारा जेल भेजने की विवाद लोगों के जेहन में गूंज रहा हैं। ऐसे मे पुलिस विभाग अपनी छवि को बचाने के लिए दूसरी कहानी गढ़ दे तो इसमें कोई ताज्जुब की बात नही होगी। 

काबिलेगोर है कि यशवंत गिरी की नियुक्ति पटहेरवा में वर्ष 2020 में हुई थी। वह कंप्यूटर का अच्छा जानकर थे। जिनके कारण थाना आफिस पर उनका प्रभाव बढ़ने लगा। लेकिन इसी बीच 2 अक्टूबर 2020 को थाने के एक उपनिरीक्षक ने उन्हें थाने के ऑफिस में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।मुंशी यशवंत की यही गलती थी कि उक्त दरोगा जिन दो आरोपियों को छोड़ने को कह रहा था,उसे उसने छोड़ने से इंकार करते हुए दरोगा को इस सबंध में प्रभारी निरीक्षक से बात करने को कही थीं। यही बात उस उपनिरीक्षक को नागवार गुजरी। और दरोगा ने सारी हदें पार कर यशवंत की जमकर पिटाई कर डाली, जो अखबारों के सुर्खियों में था।लेकिन उक्त उपनिरीक्षक के प्रभाव से प्रभावित प्रभारी निरीक्षक ने उक्त मुंशी को ही अपमानित किया और उस उपनिरीक्षक के स्थानांतरण को उसे इनाम स्वरूप रोकवा दिया।उसके बाद उस उपनिरीक्षक व मुंशी में वर्चस्व की लड़ाई चलती रही।जातीय समीकरण से मजबूत उक्त उपनिरीक्षक ने एक लाख रुपये लेने के बाद भी आजमगढ़ के तीन कथित पशु तस्करों को उसने जेल भेज दिया। जबकि उक्त मुंशी ही उक्त लेनदेन का माध्यम था। इसी के बाद प्रभारी निरीक्षक के गोपनीय रिपोर्ट के बाद मृतक मुंशी का निलंबन हुआ था।जिसके बाद उसकी बहाली व तैनाती तो हो गई लेकिन उसके सर्विसबुक में उच्चाधिकारी द्वारा की गई टिप्पड़ी से वह बुरी तरह आहत था तथा गुमशुम रह रहा था। क्योंकि उसका आवास पटहेरवा में ही था तो वह अपने परिचितों से अपने साथ हुई न्याय का हमेशा जिक्र कर भावुक हो जाता था।

🔴 पडोसी कहते है पति-पत्नी मे विवाद की नही कोई जानकारी

पड़ोस में रहने वाले प्रदीप ,संतोष,प्रमोद व छोटेलाल आदि का कहना है कि करीब छः माह यशवंत गिरी यहाँ रहते थे लेकिन उन्हें कभी भी किसी ने पति-पत्नी में विवाद होते नही देखा व न सुनी। दोनों पति पत्नी में बहुत ही मधुर सम्बन्ध थे।ऐसे होनहार सिपाही के मौत का कारण विभाग के कुछ जिम्मेदार लोग ही है ऐसा स्थानीय लोगो का कहना है।अगर सीबीआई जांच हो  जाय तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।

🔴 मृतक सिपाही के मोबाइल छिपा हो सकता हैं, आत्महत्या का राज

संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर अपनी ईहलीला समाप्त करने वाले सिपाही यशवंत गिरी की आत्महत्या, कई सवालों को जन्म दे रही है। हो सकता है पुलिस महकमा भी सिपाही के आत्महत्या के बाद उठ रहे सवालो के जद मे आ जाए। कहना लाजमी होगा कि पुरी घटना की अगर ईमानदारी से जांच करायी जाए तो सिपाही के आत्महत्या की कहानी से पर्दा उठ जाए। और इस जांच मे मृतक सिपाही का मोबाइल फोन की भूमिका अहम होगी ऐसी चर्चा है कि सिपाही की आत्महत्या का राज उसके मोबाइल में छिपा हुआ है। मोबाइल उसके आत्महत्या का पूरा राज उगल सकता हैं कि किस वजह  से इस युवा सिपाही ने जीवन से ज्यादा मौत को महत्व दिया।

🔴 तरह तरह की है चर्चा

पटहेरवा स्थित अपने किराये के मकान में शुक्रवार रात यशवंत गिरी नामक सिपाही ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली। सिपाही के आत्महत्या के पीछे कई तरह की चर्चाएं बाजार में लोगों के जुबानी सुनने को मिल रही हैं। चर्चा-ए-सरेआम है  कि पुलिस विभाग उसके आत्महत्या के पीछे पति-पत्नी की विवाद को अहम मान रही हैं। लेकिन पुलिस विभाग की कहनी आसपास रह रहे आमलोगों के गले  नही उतर रही हैं। क्योंकि की उनका कहना हैं कि पिछले आठ माह से  सिपाही यशवंत गिरि परिवार लेकर यहाँ रह रहा था लेकिन आपस मे उनकी विवाद की कोई बात उनके सामने नही आई।जबकी उसके करीबी रहे लोगों का दावा हैं कि पिछले एक सप्ताह से वह अपने खिलाफ पटहेरवा थाने से उसके खिलाफ भेजी गई झूठी रिपोर्ट की कापी व उसे मिले सजा को दिखा कर यही कहता था कि उसका लाइफ ही समाप्त हो गई। फिलहाल सिपाही यशवंत की आत्महत्या की हकीकत तभी सामने आएगी जब पुलिस महकमा बिना किसी भेदभाव के इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएगी। अन्यथा समान्य आत्महत्या की तरह ही सिपाही यशवंत की आत्महत्या का राज हमेशा के लिए दफन होकर रह जायेगा।



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