लो फिर नही आए फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले आरोपी शिक्षक - Yugandhar Times

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Wednesday, February 3, 2021

लो फिर नही आए फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले आरोपी शिक्षक

🔴 एडीएम के समक्ष साक्ष्य के साथ उपस्थित होकर दुसरी बार दिया गया था अपना पक्ष रखने का अवसर

🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज

कुशीनगर। जिले में माध्यमिक विद्यालयों मे तैनात तीन शिक्षकों के बीएड की डिग्री फर्जी मिलने के बाद आरोपी शिक्षक अपना पक्ष रखने से भाग रहे हे। फर्जी डिग्री पर नौकरी करते पाये गये तीनो शिक्षक दुसरी सुनवाई तिथि पर अपर जिलाधिकारी के सामने नही आये। बताया जाता है कि आरोपी शिक्षको की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित होकर कुछ समय देने की मांग की है। एडीएम ने आरोपी शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम अवसर के रूप 12 फरवरी का तिथि निर्धारित किया है। अगर इस दिन भी यह शिक्षक उपस्थित होकर अपना पक्ष नही रखते है तो उन्हे दोषी कगार देते उनके खिलाफ विभागीय व विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।गौरतलब हो कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जनपद के 55 एडेड विद्यालय, 19 राजकीय व संस्कृत बोर्ड के विद्यालयों के तैनात शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही थी। इस क्रम में नेहरू इंटर कालेज मन्साछापर में तैनात राजश्याम पाण्डेय, महात्मा गांधी इंटर कालेज सखवनिया में तैनात अंशुमान पाण्डेय, जनता इंटर कालेज कप्तानगंज में तैनात रामनिवास पाण्डेय के बीएड की डिग्री संदिग्ध मिली है। इन तीनो शिक्षकों को डीआईओएस उदय प्रकाश मिश्र ने वेतन रोकते हुए 21 जनवरी अपर जिलाधिकारी  के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने व जबाब देने का निर्देश दिया है। इस दिन कोई शिक्षक उपस्थित नही हुआ। फिर उसके बाद 1 फरवरी सोमवार को  तीनो आरोपी शिक्षको को साक्ष्य के साथ अपर जिलाधिकारी विंध्यवासिनी राय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने अवसर दिया गया किन्तु फर्जी प्रमाणपत्रों पर नोकरी कर रहे शिक्षक दुसरी सुनवाई के नियत तिथि पर भी एडीएम के सामने उपस्थित नही हुए। जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र का कहना है कि फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे तीनो शिक्षक दुसरी सुनवाई मे भी उपस्थित नही हुए तीसरा और अंतिम मौका 12 फरवरी को दिया गया है। कहना न होगा कि वर्षो से हो रही जांच में शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़े सामने आते रहे हैं किन्तु विभाग द्वारा फर्जी शिक्षको पर  कार्रवाई करने की जहमत कभी नहीं उठाई गयी। यही वजह है कि  शिक्षा के मंदिर में फर्जीवाड़े का खेल रुकने का नाम ले रहा।

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