कुशीनगर । न्यायालय के आदेश एक माह कसया पुलिस ने धोखाधड़ी, कागजों मे हेराफेरी व सरकारी धन के गबन के आरोप मे जिला पूर्ति अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक, विभागीय लिपिक और कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा जिले के कसया थाना क्षेत्र के परसौनी मुकुंदहा मे विभागीय संरक्षण के दम पर कोटेदार द्वारा गांव के साठ लोगो का नाम बीपीएल और अंत्योदय दोनो सूची मे नाम दर्ज कराकर उन्हें खाद्यन्न दिए जाने के मामले मे कुशीनगर के सीजेएम के आदेश के बाद दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि कसया थाना क्षेत्र के गांव परसौनी मुकुंदहा निवासी इस्लाम अंसारी ने वर्ष 2014 में जन सूचना अधिकार कानून के तहत गांव के बीपीएल व अन्त्योदय कार्डधारकों की सूची मांगी थी। जिला पूर्ति अधिकारी ने एसडीएम के आदेश पर इस्लाम को दोनों श्रेणियों के कार्डधारकों की सूची उपलब्ध कराई। पूर्ति विभाग द्वारा दी गई सूची में 60 नाम ऐसे थे जिनका नाम बीपीएल सूची और अन्त्योदय दोनो सूचियों में भी दर्ज था। इतना ही नहीं कोटेदार द्वारा दोनों कार्डों पर खाद्यान्न भी वितरित किया जाता रहा है।
🔴 विभागीय कार्रवाई न होने के बाद शिकायतकर्ता पहुचा कोर्ट की शरण मेइस्लाम ने इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को देकर कार्रवाई की मांग की थी। किन्तु विभागीय कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता ने कोर्ट की शरण ली। अधिवक्ता चंद्रेश्वर गोविंद राव ने इस्लाम बनाम माया देवी व अन्य के खिलाफ धारा 156(3) के तहत सीजेएम कुशीनगर के कोर्ट में वाद दाखिल किया। अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद के बाद सीनियर जुडिशल मैजिस्ट्रेट ने जिला पूर्ति अधिकारी विमल कुमार शुक्ल से पूछा कि क्या एक व्यक्ति के नाम से बीपीएल व अन्त्योदय दोनों श्रेणियों के राशन कार्ड बन सकता है? सीजेएम के इस सवाल का जवाब डीएसओ ने सीधे नहीं देकर कोटेदार के खिलाफ की गई निलंबन और उसके बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई का ब्यौरा सौंप दिया।
🔴 न्यायालय ने माना विभाग की है सहभागिता
कहना न होगा कि जिला पूर्ति अधिकारी ने न्यायालय का ध्यान भटकाने का प्रयास पुरजोर किया किन्तु सफल नही हुए। परिणाम स्वरूप सीजीएम द्वारा 8 दिसम्बर को मुकदमे की अंतिम सुनवाई के बाद फाइल निर्णय के लिए सुरक्षित रख ली गई। सोमवार को सीजेएम अमन कुमार श्रीवास्तव ने अपने फैसले में कहा है कि डीएसओ ने मांगी गई आख्या की जगह मामले से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया है। आख्या में डीएसओ ने कहीं नहीं बताया है कि एक व्यक्ति के नाम से बीपीएल व अन्त्योदय दोनों कार्ड बन सकता है कि नहीं। इस प्रकार मामले में सभी की सहभागिता प्रतीत होती है। सीजेएम ने मामले जिला पूर्ति अधिकारी विमल कुमार शुक्ल , कसया के तत्कालीन व वर्तमान में चंदौली के पूर्ति निरीक्षक श्यामलाल यादव जिनके पास क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी का भी प्रभार था, कसया पूर्ति कार्यालय के लिपिक राजेन्द्र प्रसाद व कोटेदार माया देवी के खिलाफ धारा 419, 420, 468, 471 व 406 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश कसया के एसओ को दिया है।
🔴 40 दिनो बाद दर्ज हुआ मुकदमा
काबिलेगोर है कि दिसम्बर माह के तीसरे सप्ताह मे कुशीनगर सीजेएम न्यायालय द्वारा जनपद के जिला पूर्ति अधिकारी विमल कुमार शुक्ल, तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक श्याम लाल यादव, लिपिक राजेन्द्र प्रसाद व कोटेदार माया देवी के खिलाफ धारा 419,420, 467,468,471, 406 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन कसया पुलिस कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाती रही। नतीजतन चालीस दिनो तक न्यायालय का आदेश ठंडे बस्ते मे पडा रहा। सूत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता ने जब कोर्ट मे पुन:गुहार लगाई तो आनन-फानन मे कसया पुलिस ने उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ उक्त धाराओं मे मुकदमा पंजीकृत किया है। ऐसे मे कहना मुनासिब होगा कि जनपद की पुलिस कोर्ट के आदेश के बावजूद चालीस दिनो के मुकदमा दर्ज करने मे आनाकानी करती रही तो फिर आम आदमी को मुकदमा दर्ज करने मे कितनी मशक्कत करनी पडती होगी?
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