दुष्कर्मी को मिला 14 साल " क़ैद-ए-बामुशक्कत" की सजा - Yugandhar Times

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Wednesday, February 3, 2021

दुष्कर्मी को मिला 14 साल " क़ैद-ए-बामुशक्कत" की सजा

🔴 6 वर्ष बाद आया फैंसला, आरोपी युवक को 20 हजार रूपये अर्थदंड से किया दंण्डित

 🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज 

कुशीनगर।  तकरीबन छह वर्ष पूर्व जनपद के तरया सुजान थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग युवती को अपहरण कर दुष्कर्म किए जाने के मामले में आरोपी दुष्कर्मी को अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (पाँक्सो एक्ट) कोर्ट के न्यायाधीश अमित कुमार तिवारी ने 14 साल "क़ैद-ए-बामुशक्कत " की फैंसला सुनाते हुए 20 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया है।

मंगलवार को फैंसला सुनाने के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश/विशेष न्यायधीश (पाक्सो एक्ट) कोर्ट नं0 1 पडरौना अमित कुमार तिवारी ने बताया कि 4 मार्च 2015 को तरया सुजान थाना क्षेत्र के जमसडिया निवासिनी सुमित्रा देवी ने तरयासुजान  थाने को लिखित तहरीर देकर जिक्र किया था कि मेरी 15 वर्षीय लड़की एम0के0 गांधी इंटरमीडिएट कालेज जमसडिया में कक्षा 11वीं की छात्र थी। जो उक्त तिथि पर स्कूल से घर लौट कर नही आई। पीड़ित महिला व उसके परिजनों ने पता लगाया तो  ज्ञात हुआ कि लडकी को उक्त कालेज का प्रधानाचार्य ही अपहरण कर किसी अज्ञात जगह पर ले गया और दुष्कर्म किया है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या - 23 7/2015, धारा 363, 366 व 376 एवं 3/4 पाक्सो एक्ट ते तहत मुकदमा दर्ज जेल भेज दिया था। गवाहों के बयाना एवं तमाम दलीले सुनने के बाद विशेष न्यायधीश अमित कुमार तिवारी ने 2 फरवरी 2021 को अलग-अलग धाराओं का फैसला सुनाते हुए अर्थ दंड लगाया। भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 4 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये का अर्थ दंड से दण्डित किया। अर्थ दंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कारवास बढ़ जोयगा। धारा 366 के तहत 6 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रूपये का अर्थदंड से दण्डित किया। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का कारावास और बहन करना पड़ेगा। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के आरोप में (उपरोक्त वर्णित अनुकल्पित दंड के आधार पर) 14 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 20 हजार रूपये अर्थदंड से दण्डित किया गया है। उक्त अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह का कारवास और बढ़ जायेगा। न्यायधीश ने यह भी बताया कि अभियुक्त की सभी धाराएं साथ-साथ चलेंगी एवं प्रस्तुत प्रकरण में कारागार बिताई गई अवधि आरोपित दंडावधि में समायोजित की जायेगी।



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