🔴 सोमालिया मे स्टील फैक्ट्री के मालिक बनाया था मजदूरों को बंधक
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। सोमालिया के एक स्टील फैक्ट्री में फंसे 33 भारतीय कामगारों का आखिरी दस्ता भी रविवार को देर शायं अपने वतन लौट आया है। इस दस्ते में कुशीनगर जनपद के खड्डा थाना क्षेत्र के सुग्रीव व पडोसी राज्य बिहार के गोपालगंज जिले के कटेया थाना क्षेत्र के सुग्रीव सिंह सहित कुल छह व्यक्ति शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार बंधक बनाए गए कामगार सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में स्थित कंपनी एस ओ एम स्टील लिमिटेड में बीते जनवरी में काम हेतु गये थे किंतु कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार काम न करते हुए प्रताणना शुरू कर दिया बाद में इनका बीजा छीन इन्हें बंधक बना लिया. बिरोध करने पर दहशत में लाने हेतु फायरिंग भी मनबढो से कंपनी ने कराया. फिर किसी तरह सुग्रीव ने सेवा संस्थान के डायरेक्टर राजेश मणि से संपर्क किया तो अपने देश लौटने का सपना साकार हुआ। सोमालिया से आखिरी दस्ते में लौटने वालों में इन दोनों के आलावा गोरखपुर जिले के लल्लन बेलदार, महराजगंज जिले के दिलीप कुमार, संतकबीरनगर जिले के लालता प्रसाद, बिहार के गया जिले के अरविंद कुमार शामिल हैं। यह सोमालिया से फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे और वहां से सब अलग-अलग वाहनों से अपने-अपने घरों के लिए रवाना हुए। सुग्रीव कुशवाहा व सुग्रीव सिंह ट्रेन से गोरखपुर पहुंचे.यहां मानव सेवा संस्थान के राजेश मणि ने दोनों को फूलमाला पहना कर स्वागत किया।
🔴 कभी नही जायेगे विदेशमानव सेवा संस्थान के डायरेक्टर राजेश मणि के पहल पर मुक्त हुए भारतीयों मे शामिल कुशीनगर के खड्डा थाना क्षेत्र निवासी सुग्रीव कुशवाहा व गोपालगंज के कटेया थाना निवासी सुग्रीव सिंह ने कहा कि संस्थान की पहल बहुत ही सार्थक रहा जिसका परिणाम है कि हम अपने घर वापस लौट सके है। उन्होंने कहा कि हम सब तो घर वापसी का उम्मीद ही छोड चुके थे अब हम विदेश कभी नही जाएगें।
🔴 ट्वीट को गंभीरता से ली सरकार
कामगारों के बंधक बनाये जाने की सूचना के बाद राजेश मणि ने पिछले 22 अक्तूबर को विदेश मंत्री जयशंकर को ट्वीट किया। इसके बाद सोमालिया एम्बेसी में को पत्र लिखा। जिसका संज्ञान लेकर विदेश मंत्री ने राजेश मणि के ट्वीट को जबाब दिया। सुग्रीव कुशवाहा लगातार उनके संपर्क में बने रहे। सभी को भेजने के बाद आखिरी ट्रिप में सुग्रीव वापस आ गये हैं। 33 कामगारों की वापसी पांच ट्रिप में हुई है। पहली और दूसरी ट्रिप में 11-11 कामगार वापस आये थे। तीसरे में 5 और चौथी में छह कामगारों की वापसी हुई है।
🔴 स्टील फैक्ट्री में काम करने गए थे कामगार
सोमालिया मे बंधक बनाए गए कामगार सोमालिया की राजधानी मोगाडिसू में स्थित कंपनी एसओएम स्टील लिमिटेड में बीते साल जनवरी में काम करने गए थे। एग्रीमेंट के अनुसार कामगारों के रहने, खाने-पीने और जरूरत पड़ने पर इलाज की जिम्मेदारी कंपनी की थी। कम्पनी ने दो माह बाद से प्रताड़ना शुरू कर दी। युवकों ने प्रतिकार किया तो वेतन रोक दिया। युवकों के वेतन की मांग पर पासपोर्ट छीनकर उन्हें कम्पनी परिसर में ही बंधक बना लिया गया। बंधकों के साथ अमानवीय व्यवहार शुरू हो गया। बिजली-पानी बंद कर दिया गया। दो-तीन दिन के बीच में एक बार भोजन दिया जाने लगा। युवकों ने बाहर निकलने की कोशिश की तो पहुंचे मनबढ़ों ने हवाई फायरिंग कर उन्हें दहशतजदा कर दिया। मौका पाकर युवकों ने वीडियो बनाया और परिवारीजनों को भेज दिया।
🔴 संस्था से सुग्रीव ने किया सम्पर्क
बंधकों में शामिल कुशीनगर के खड्डा निवासी सुग्रीव कुशवाहा ने मानव सेवा संस्थान सेवा के निदेशक राजेश मणि से सम्पर्क किया। उन्हें अपने हाथ से लिखा पत्र ह्वाट्स एप के जरिए भेजा। राजेश मणि ने 21 अक्तूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव, केन्या में तैनात भारतीय उच्चायुक्त को मेल भेजकर जानकारी दी। इसके बाद उच्चायुक्त बंधकों की वापसी के लिए सक्रिय हो गए।
🔴 बंधक बने 21 युवक गोरखपुर मंडल के
सोमालिया में बंधक बनाए गए 33 भारतीयों में 7 गोरखपुर, 10 कुशीनगर, 3 देवरिया तथा महराजगंज का एक युवक है। सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर के एक-एक तथा गोंडा के दो युवक हैं। वहां फंसे युवकों में बिहार के 6, पंजाब और हिमाचल के एक-एक युवक हैं।
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