कुशीनगर । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को ध्यान मे रखते हुए नाबालिग बच्चों का नाम मतदाता सूची मे बनाये जाने की शिकायत पर दोषी पाये गये दो बीएलओ को ज्वॉइन मैजिस्ट्रेट ने बर्खास्त कर दिया है। मामला जनपद के फाजिलनगर विकास खण्ड के सुमही बुजुर्ग गांव की मतदाता सूची मे बीएलओ द्वारा फर्जी नाम जोडने का है।
गौरतलब है सुमही बुजुर्ग निवासी मधुबन सिंह, शेषनाथ मिश्र व सुनील कुमार सिंह ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कसया को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी कि उनके गांव में बीएलओ ने चौदह वर्ष से लेकर सत्रह साल तक के सैकड़ों बच्चों को भी मतदाता बना दिया है। मतदाता सूची में स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिग बच्चों की भरमार है। आरोप यह भी लगाया गया कि उक्त बीएलओ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहता है। बीते चुनाव में वह ग्राम प्रधान पद का प्रत्याशी भी रह चुका है। बीएलओ द्वारा अपने मजरे के तीन वार्डों से करीब चार सौ नए मतदाताओं का नाम निर्वाचक नामावली में जोड़ दिया गया है। इनमे कई नाम पड़ोसी गांव और पड़ोसी प्रदेश बिहार के हैं। इसके लिए बीएलओ ने आधार कार्ड नंबरों की फर्जी फीडिंग कराई है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी ने बीते सप्ताह आरोपी बीएलओ को हटाकर नए की नियुक्ति कर दी। इसके बावजूद आरोपी बीएलओ ने नए बीएलओ को झांसे में लेकर अपना काम जारी रखा था। इधर चल रहे जांच के दौरान पता चला कि फर्जी आधार नम्बर, नाम और पते से उक्त बीएलओ ने करीब चार सौ मतदाता बनाये हैं। इसमें से कई मतदाता छठवीं और सातवीं के विद्यार्थी हैं। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी पूर्ण बोरा ने कहा कि मामले की जानकारी तीन दिन पहले हुई थी। राजस्वकर्मी द्वारा की गई शिकायत की जांच की गई है। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई। इसके बाद बीएलओ को बर्खास्त करने की कार्यवाही के साथ शांति भंग की धारा में कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा विकास खंड से भी विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। खंड विकास अधिकारी रमाकांत ने बताया कि संयुक्त मजिस्ट्रेट के आदेश पर एडीओ पंचायत के अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है।
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