तो फिर किसके दम पर अंगद की पांव की तरह जमे हुए थे अल्पसंख्यक अधिकारी - Yugandhar Times

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Thursday, January 7, 2021

तो फिर किसके दम पर अंगद की पांव की तरह जमे हुए थे अल्पसंख्यक अधिकारी

🔴 भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम की संबद्धता निरस्त कर यथास्थान पर बनाये रखने के लिए मंत्री नंद गोपाल नंदी को पत्र भेजकर किया था अनुरोध
🔴 सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पत्र

🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । एंटी करप्शन द्वारा घूस लेते रंगे हाथ पकडे गये जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम भ्रष्टाचार के आरोप के जद मे पहले से थे। इनके खिलाफ उ0प्र0 सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एंव वफ्फ अनुभाग ने कार्रवाई करते हुए विशेष सचिव डीएस उपाध्याय को जांच करने आदेश दिया था। जांच प्रभावित न हो इसको ध्यान मे रखते हुए शासन ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम को निदेशालय अल्पसंख्यक एंव वफ्फ विभाग लखनऊ से संबद्ध कर दिया था। ऐसी चर्चा है कि भाजपा जिलाध्यक्ष के दम पर " साहब " यहां अंगद के पाव की तरह जमे हुए थे।
काबिलेगौर है कि मदरसों की फर्जी मान्यता व फर्जी शिक्षको की नियुक्ति का खेल कुशीनगर जनपद के अल्पसंख्यक विभाग मे वर्षो से होता चला आ रहा है। जगजाहिर है कि कुशीनगर जनपद के अल्पसंख्यक विभाग मे भ्रष्टाचार की जडे इस कदर फैली हुई है कि मोटी रकम लेकर  फर्जी नियुक्ति व फर्जी मान्यता देना यहा के सिस्टम का हिस्सा बन गया जिसका खौफ न तो जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम को था और ना ही वरिष्ठ लिपिक ईश मुहम्मद को है। यही वजह है कि इनके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उ0प्र0 शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एंव वफ्फ अनुभाग - 2 के उप सचिव रवि शंकर मिश्र द्वारा दिनांक 17 सितंबर-2020 को किये गये आदेश मे जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम को निदेशालय अटैच कर दिया गया था। सूत्र बताते है कि मुख्यालय सम्बद्ध के आदेश के बाद जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्र के संरक्षण मे नतमस्तक हो गये। परिणाम स्वरूप भाजपा जिलाध्यक्ष इनको बचाने के लिए मैदान मे कूद पडे। नतीजतन भाजपा जिलाध्यक्ष श्री मिश्र द्वारा उ0प्र0 सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एंव वफ्फ वोर्ड के मंत्री नंद गोपाल नंदी को भेजा गया। मंत्री श्री नंदी को संबोधित अपने पत्र मे भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम के ईमानदारी और कार्य प्रणाली की गुणगान करते हुए संबद्धता निरस्त कर यथास्थान पर बनाये रखने का अनुरोध किया था। कहा जात है कि उसके बाद से ही जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेन्द्र राम अब तक जनपद मे न सिर्फ जमे हुए थे बल्कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच से सुरक्षित बचे हुए थे। जिलाध्यक्ष श्री मिश्र का यह पत्र सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था। अब सवाल यह उठता है कि भ्रष्टाचार से सराबोर ऐसे अधिकारी को बचाने के पीछे सत्ता दल केमजिलाध्यक्ष की मंशा क्या थी? जबकि सूबे की योगी और केन्द्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की परिकल्पना के लिए कटिबद्ध है। 

🔴 अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य की शिकायत पर हो रही थी जांच 

गौरतलब है कि अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य बक्शीश  अहमद वारसी के शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उ0प्र0 शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एंव वफ्फ अनुभाग - 2 ने पत्रांक संख्या- 954 /52-2-2020 -26 (जांच) / 2019 लखनऊ दिनांक 17 सितंबर 2020 के क्रम में कार्रवाई करते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कुशीनगर  देवेंद्र राम और वरिष्ठ लिपिक ईश मोहम्मद के विरुद्ध भ्रष्टाचार की जांच करने का आदेश जारी किया था। इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग 2 के उप सचिव रवि शंकर मिश्र ने विशेष सचिव डीएस उपाध्याय को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक माह के अन्दर जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया था। उप सचिव के आदेश मे यह भी कहा गया था कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी देवेंद्र राम  को अग्रिम आदेश तक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एव वक्फ उत्तर प्रदेश लखनऊ से संबद्ध किया जाता है। बावजूद इसके जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्र के रहमोकरम पर कुशीनगर में जमे हुए थे। अब तो कहने वाले यह कह रहे है कि अगर अल्पसंख्यक अधिकारी यहां से चले गये होते तो उन्हे अपने कुकृत्य का यह दिन नही देखना पडता।

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