🔴 लोगो के जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों को नही है किसी का खौफ
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर । खाद्य पदार्थों मे मिलावट का धंधा जोरो पर है। लोगो के जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले इन मिलावटखोरों को किसी का खौफ नही है। हाल ही मे प्रिया गोल्ड नामक नामी-गिरामी कम्पनी द्वारा निर्मित बिस्कुट के अन्दर से दवा का रैपर मिलने का मामला प्रकाश में आया है मतलब साफ है पैसे कमाने की होड मे न सिर्फ खाद्य पदार्थों मे मिलावट का कारोबार अपने पुरे शबाब पर है बल्कि ये कम्पनी वाले सीधे इंसानी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। आश्चर्य उस समय तब हुआ जब उपभोक्ता ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अभिहित अधिकारी से इसकी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की लेकिन विभागीय अधिकारी के कान पर जूं तक नही रेगा। इतना ही नही जब इस मामले को एक दैनिक अख़बार के जर्नलिस्ट ने जनहित मे उठाने कि प्रयास किया तो उस अखबार एक बडे अधिकारी ने अपने पत्रकार को ही दो-चार सुनाकर न सिर्फ शांत कर दिया बल्कि यह हिदायत भी दिया कि यह खबर किसी के हाथ नही लगना चाहिए।
काबिलेगोर गौर है बीते दिनो पडरौना नगर के एक समाजिक कार्यकर्ता सिद्धार्थ वर्मा नगर के एक ब्रेकरी की दुकान से प्रिया गोल्ड बिस्कुट खरीदकर घर ले गये। दुसरे दिन सुबह जब वह बिस्कुट का पैकेट खोलकर अपने पांच वर्षीय पुत्र को दिये तो यह देखकर दंग रह गये कि उनका बेटा जो बिस्कुट खा रहा है उसमे दवा का रेपर है। सिद्धार्थ ने तुरंत अपने बेटे के हाथ से बिस्कुट छीनकर जमीन पर फेक दिया। शुक्र मनाये कि बच्चा बिस्कुट को अभी मुह मे ही रखा था अन्यथा किसी अनहोनी से इंकार भी नही किया जा सकता था। उपभोक्ता सिद्धार्थ उस पैकेट से एक और बिस्कुट निकलकर तोडे तो उसमे से भी रैपर का एक बडा टुकडा निकला। इसके बाद वह बिस्कुट का पैकेट लेकर सीधे दुकानदार के पास पहुंचे।
🔴 टोल फ्री नम्बर पर किया कालबिस्कुट का पैकेट लेकर दुकानदार के पास पहुंचे उपभोक्ता सिद्धार्थ ने जब बिस्कुट का पैकट दुकानदार के सामने रखा और बिस्कुट मे दवा का रैपर दिखाया तो दुकानदार के भी होश उड गये। दुकानदार ने तुरन्त उपभोक्ता को टोल फ्री नम्बर देकर शिकायत करने के लिए कहा। उपभोक्ता सिद्धार्थ ने कम्पनी के टोल फ्री नम्बर के साथ साथ खाद्य एंव औषधि प्रशासन के अभिहित अधिकारी से इसकी शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की। इसी दरम्यान उपभोक्ता को कही से कम्पनी के मालिक अथवा किसी बडे अधिकारी का नम्बर मिल गया तो उपभोक्ता वर्मा ने उनसे भी अपनी शिकायत दर्ज करायी किन्तु कोई सार्थक जबाब नही मिला। इसके बाद उपभोक्ता ने बिस्कुट मे दवा के रैपर का वीडियो व फोटोग्राफी के साथ एक अखबार के पत्रकार को पूरे मामले से अवगत कराते जनहित मे न्याय की गुहार लगाई। इधर उस पत्रकार ने मामले को गंभीरता से लिया और पडताल करने के बाद कम्पनी के बडे ओहदे पर विराजमान एक अधिकारी को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो कम्पनी के उस जिम्मेदार व्यक्ति ने उस पत्रकार से वीडियो एंव फोटो वाटसप करने के साथ कार्रवाई करने की बात कहकर फोन रख दिया।
🔴 और पत्रकार को खबर लीक न करने की दी हिदायत
बताया जाता है कि दैनिक अखबार के पत्रकार ने जब प्रिया गोल्ड कम्पनी के बडे ओहदे पर बैठे अधिकारी के कहने पर उनको दवा का रैपरयुक्त बिस्कुट का वीडियो व फोटोग्राफी भेजा तो उसके लगभग बीस मिनट बाद उस पत्रकार के अखबार के बडे अधिकारी ने फोन कर अपने पत्रकार का स्क्रू टाइट करते हुए इस खबर को किसी भी हालत मे लीक न करने की हिदायत दी।
🔴 मिलावट करने वालो को हो सकती है उम्र कैद
खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये तक का दंड देने का प्रावधान है। ‘‘कोई भी व्यक्ति जो खाद्य पदार्थ में किसी ऐसे पदार्थ की मिलावट करता है जो मानव उपभोग के लिए द्यातक है और इससे उस व्यक्ति के स्वास्थ्य को किसी तरह का नुकसान हो सकता है या मृत्यु हो सकती है, उस व्यक्ति को कम से कम सात साल की सजा दी जा सकती है और इस सजा को बढ़ाकर उम्रकैद तक किया जा सकता है। इसके अलावा उस व्यक्ति पर कम से कम दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया सकता है।
🔴 विभाग बना सूरदास
शिकायतकर्ता सिद्धार्थ वर्मा का कहना है उन्होने खाद्य एंव औषधि प्रशासन के अभिहित अधिकारी को पहले फोन के जरिए शिकायत किया उसके बाद पूरे साक्ष्य के साथ लिखित शिकायत किया किन्तु अभी तक विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नही किया गया है। खाद्य एंव औषधि प्रशासन अधिकारी मानिक चंद का कहना है कि मामला संज्ञान मे है प्रिया गोल्ड बिस्कुट का सैम्पल लेकर लैब को भेजा गया है वहा रिपोर्ट आने के बाद जो भी कार्रवाई होगी की जायेगी। इधर उपभोक्ता ने चेतावनी दिया है कि विभाग द्वारा अगर कोई कार्रवाई नही की जाती है तो वह न्यायालय के शरण मे जायेगा।
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