🔴 सेक्रेटरी रवि कुमार सिंह ने कहा- सीडीओ का गांव हुआ था दौरा, अधूरे कार्यो की है उन्हें जानकारी
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। सूबे की योगी सरकार शहरी क्षेत्र मे हुए विकास की तर्ज पर ग्राम सभाओं को विकसित कर गांव के बाशिंदों को हर बुनियादी सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए न सिर्फ भागीरथ प्रयास कर रही है बल्कि इस सपने को साकार करने के लिए करोडो रुपये पानी की तरह बहा रही है। किन्तु विडम्बना यह है कि सरकार के मुलाजिम कागजों मे विकास की गंगा बहाकर सरकारी धन से अपना भविष्य संवारने मे जुटे है। इन्हे न तो किसी का डर है न कोई खौफ। यही वजह है कि कुशीनगर जनपद के पडरौना व्लाक के जेई ने एक सेक्रेटरी के भ्रष्टाचार पर बडी निर्लजता से पर्दा डालते हुए सीना ठोककर कह रहे है जनपद के आधा दर्जन गांवों मे बिना कार्य कराये ही बाइस लाख से लगायत पचास लाख रुपये निकाल लिए गये है। अब ऐसे से सवाल उठना लाजमी है कि योगी सरकार की ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार होगी भी तो कैसे?
काबिलेगोर है कि कुशीनगर जनपद के पडरौना ब्लाक में जेई के पद पर तैनात धर्मेन्द्र कुमार कनौजिया ब्लाक के सभी ग्राम सभाओं में खड़ंजा, नाली, शौचालय, पंचायत भवन निर्माण सहित कई विकास कार्यो का खाका तैयार करने का कार्य देखते है। इसके साथ ही विकास कार्य पूर्ण होने के बाद स्थलीय निरीक्षण कर भुकतान के लिए एमबी भी इन्हीं के द्वारा किया जाता है। ब्लाक के सखवनिया खुर्द में अधूरे नाली निर्माण का पूर्ण भुगतान किये जाने के मामले मे मीडिया ने जब इनका पक्ष जानने के लिए सवाल किया तो यह साहब सरकार की मंशा पर ही उगली उठाते हुए उल्टे मीडिया से ही सवाल दाग दिया। साहब ने बडी निर्लजता से कहा कि योगी सरकार में जो विकास की गंगा बह रही है वह ब्लाक के तमाम ग्राम सभाओं में धरातल पर नही बल्कि कागजों में ही देखने को मिलेगा। वह यही नही रुके बेखौफ ताल ठोकते हुए बोले पडरौना ब्लाक के अंर्तगत आने वाले चार से पांच ऐसे ग्राम सभा है, जिसमे बिना कार्य कराये व अधिकारी के मोहर के बिना ही 22 से 50 लाख रुपये निकाल लिए गए है और कोई पूछने वाला नही है। साहब यह कहते हुए तनिक भी नही हिचके की जैसी हवा बह रही है वैसे चला जा रहा है।
🔴 क्या है मामला
गौरतलब है कि जिले के पडरौना विकास खण्ड क्षेत्र के सखवनिया खुर्द गांव मे अधूरा निर्माण कराये गये नाली का एमबी कराकर पुरा भुगतान करा लिया गया है। सेक्रेटरी की साठगांठ से प्रधान द्वारा कराए गये नाली निर्माण मे गुणवत्ता को ताक पर रखकर आधा-अधूरा नाली का निर्माण कराकर ही पुरा पैसा निकाल लिया गया है। नतीजतन सरकारी मुलाजिम सेक्रेटरी और जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधान के आपसी मिलीभगत के कारण अधूरे नाली निर्माण मे भी घटिया निर्माण की दुर्गंध आ रही है। मीडिया ने जब सेक्रेटरी रवि कुमार सिंह से अधूरे नाली निर्माण पर किये गये संपूर्ण भुगतान के संबंध मे पूछा तो वह भाग खडे हुए। फिर कुछ देर बाद बेअंदाज लहजे मे बोले मुख्य विकास अधिकारी का गांव मे दौडा हुआ था उन्हे अधूरे विकास कार्यों के बारे मे सब जानकारी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या भ्रष्टाचार की जडे नीचे से ऊपर तक फैली है जब जिले के आला अफसर ही इन भ्रष्टाचारियों के संरक्षक बन जायेगे तो केन्द्र की मोदी व सूबे की योगी सरकार की ग्राम स्वराज की परिकल्पना करना भी बेमानी लगती। कहना न होगा कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सखवनिया खुर्द मे कराये गये अधूरे कार्य पर किए गये पूर्ण भुगतान का मामला तो एक बानगी मात्र है। अगर जांच हो जाये तो कमोबेश जनपद के अधिकांशतः गांवो में सेक्रेटरी और प्रधान के भ्रष्टाचार के पोल खुलते देर नही लगेगी। क्योंकि जेई धर्मेंद्र कुमार कन्नौजिया खुद आधा दर्जन गांवों मे बिना कार्य कराये ही पचास लाख रुपये का भुगतान होने का दावा कर रहे है।
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