कारनामा कुशीनगर पुलिस का : दोषी पुलिसकर्मी निलंबित, अज्ञात पुलिस पर मुकदमा दर्ज - Yugandhar Times

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Saturday, December 19, 2020

कारनामा कुशीनगर पुलिस का : दोषी पुलिसकर्मी निलंबित, अज्ञात पुलिस पर मुकदमा दर्ज

 

🔴मामला : होटल मे खाना खा रहे परिवार के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट व छेडखानी का 

🔴 जांच मे दोषी पाये गए चौकी इंचार्ज नागेन्द्र गोड़, सिपाही कमलेश व रमेश तो फिर मुकदमा अज्ञात पर क्यो ?

🔴 संजय चाणक्य 

कुशीनगर । जिले के कसया हाइवे पर स्थित होटल आदित्य मे मंगलवार को मुम्बई मे रहने वाले एक परिवार के साथ हुई मारपीट व छेडखानी की घटना मे दोषी पाये गये चौकी इंचार्ज नागेन्द्र गोड़ को लाइन हाजिर व सिपाही कमलेश और रमेश को निलंबित करने के बाद पुलिस महकमा ने तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज मामले को पटाक्षेप करने के प्रयास मे जुट गई है। कहना न होगा कि मीडिया द्वारा प्रमुखता से उठाई गयी खबर व न्यायालय के तल्ख टिप्पणी के बाद घटना के तीसरे दिन दोषी पुलिसकर्मियों पर लाइन हाजिर व निलंबन की कार्रवाई करने के उपरांत चौथे दिन अज्ञात पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस खुद-ब-खुद कटघरे मे खडी हो गयी है। सवाल उठना लाजमी है कि जब चौकी इंचार्ज व दो पुलिसकर्मी जांच मे दोषी पाये गये और उन पर निलंबन व लाइन हाजिर की कार्रवाई की गयी है तो मुकदमा अज्ञात पुलिसकर्मियों पर क्यो? आखिरकार महकमा इन दोषी पुलिसकर्मियों को क्यो बचा रहा है।

काबिलेगोर है कि जब घटना सही है और इस घटना मे पुलिसकर्मी दोषी पाये गये है तो फिर अज्ञात पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस महकमा के जिम्मेदार क्या साबित करना चाहते है? जबकि पुलिस अपनी कारगुजारी पर पर्दा डालने के लिए घटना के दिन ही पीडितों पर झूठा आरोप गढते हुए कई संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर पीडित पक्ष के आधा दर्जन लोगो को जेल भेजकर अपनी पुलिसगिरी का रौब पहले ही दिखा चुकी है। पुलिस द्वारा पीड़ितों पर लूट सहित कई धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर जेल भेजे जाने के मामले को लेकर खूब छिछालेदर भी हुई। नतीजतन पहले चौकी इंचार्ज नागेन्द्र गोड़ को लाइन हाजिर व सिपाही कमलेश एंव रमेश को निलंबित किया गया। उसके बावजूद भी जब पुलिस की  कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवालों का सिलसिला कम नही हुआ तो पुलिस महकमा ने तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 354(क), 323, 504, 427 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले को किसी तरह निपटाने मे लगी है। अब सवाल यह उठता है कि प्रथम दृष्टया चौकी इंचार्ज नागेन्द्र गोड़, सिपाही कमलेश व रमेश दोषी पाये गये है तो फिर मुकदमा अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज करने पीछे पुलिस महकमा का मंशा क्या है। कही ऐसा तो नही कि महकमे के जिम्मेदार लोग वर्दी को शर्मसार करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों को सीधे-सीधे बचाने का प्रयास तो नही कर रहे है। 

🔴 कोर्ट के तल्ख टिप्पणी पर पुलिस महकमा हकलान

होटल मे एक परिवार के लोगों व पुलिस कर्मियों के बीच हुई मारपीट के बाद हिरासत मे लिए गए उन परिवार के लोगो को पुलिस ने थाने मे भी बेरहमी से पीटाई की थी। प्रभारी एसीजेएम शोभित राय ने कसया पुलिस की कार्य प्रणाली पर तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन माना है। कोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांचकर कार्रवाई के लिए एसपी को आदेश दिया है। न्यायालय ने पुलिस के प्रथम सूचना रिपोर्ट की बखिया उधेड़ते हुए कहा है कि गिरफ्तारी प्रपत्र में घटना होटल में 15 दिसंबर की रात नौ बजे दर्शाई गई है और गिरफ्तारी भी उसी रात मे हुई है लेकिन मेडिकल जांच आख्या रिपोर्ट 16 दिसंबर की दिखाई गई है। न्यायालय के समक्ष युवकों ने थाने में अपनी पिटाई की बात कही है। मेडिकल रिपोर्ट और युवकों के शरीर पर चोटों के देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि कसया के पुलिस कर्मियों की तरफ से उच्च और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पुलिस अभिरक्षा में युवकों पर बल प्रयोग किया गया है। कोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांचकर कार्रवाई के लिए एसपी को आदेश दिया है। न्यायालय ने विवेचक की तरफ से प्रस्तुत रिमांड में धारा 198 पर भी टिप्पणी की है। कहा है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट व केस डायरी में कहीं भी यह दर्ज नहीं है कि युवक किसी भी प्रकार के हथियार से लैस होकर लूट या डकैती का प्रयास कर रहे थे। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि आखिर किस आधार पर पुलिस ने लूट के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया। कोर्ट ने लूट के प्रयास के मुकदमे को भी निरस्त कर दिया है। 

🔴 एक नजर पुरे मामले पर

काबिलेगोर है कि कसया में हाईवे ओवरब्रिज के समीप स्थित होटल आदित्या में मंगलवार की रात लगभग नौ बजे पुलिस और खाना खाने आए एक परिवार में जमकर बवाल हुआ। बताया जाता है कि पडोसी जनपद देवरिया के पथरदेवा निवासी अविनाश सिंह अपने परिवार के साथ मुंबई रहकर अपना कारोबार करते है। कुछ दिनो पूर्व वह अपने परिवार के साथ एक मांगलिक कार्यक्रम मे पथरदेवा आए हुए हैं। मंगलवार को अविनाश अपने परिवार व अन्य सदस्यों संतोष सिंह, अरुण सिंह, अश्विनी सिंह, उपमा, अन्नू व स्वीटी के साथ कुशीनगर भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली घूमने आए थे। रात हो जाने पर कसया के हाइवे पर स्थित आदित्य होटल में खाना खा रहे थे। इसी दौरान तीन सिपाही मौके पर पहुंचे। इनमें दो सादे कपड़ों में थे। चर्चा-ए-सरेआम है कि एक पुलिस कर्मी ने शराब पी रखी थी। पुलिस द्वारा गढी गयी कहानी मे कहा गया कि कुछ लड़के, लड़कियों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। उन्हें डांटा गया तो उन्होंने पुलिस पर हमला बोल दिया। इधर अविनाश के परिवार की महिलाओं का आरोप है कि खाना खाते समय बगल की सीट पर बैठे तीन युवकों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। अगल-बगल मौजूद स्वजनों ने जब विरोध किया तो वे लोग उन्हें मारने-पीटने लगे। बाद में पता चला कि यह तीनों पुलिसकर्मी हैं। एक ने फोन पर किसी से बात की। उसके कुछ देर बाद ही थाने से भारी संख्या मे फोर्स आ गई। हमें थाने ले जाया गया, वहां भी बेरहमी से मारा पीटा गया। कहना न होगा कि अपने कुकृत्यो पर पर्दा डालने के लिए इस मामले में चौकी इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने सात के विरुद्ध लूट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। मीडिया ने जब इस मामले को प्रमुखता से उठाया और मामला सूबे के प्रशासनिक भवनों मे पहुचा तो दूसरे दिन डीआइजी रेंज राजेश डी मोदक जांच के लिए कसया पहुंचे और मामले में चौकी इंचार्ज नागेन्द्र गोड़ लाइन हाजिर व  सिपाही कमलेश, रमेश दोनो निलंबित किए गये। उसके बाद फिर तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर हाई प्रोफाइल बने इस मामले किसी तरह निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। 

🔴 सीसीटीवी कैमरे मे छुपा है घटना का राज

कसया के हाइवे पर स्थित होटल मे पुलिस और एक परिवार के सदस्यों के बीच हुई मारपीट मे पांच दिन बाद भी होटल के सीसीटीवी कैमरे से घटना का राज सामने नही आया, जबकि होटल मे लगे सीसीटीवी कैमरा इस पूरे प्रकरण का महत्वपूर्ण बिन्दु है। चर्चा-ए-सरेआम है परिवार के साथ खाना खा रहे युवक-युवतियों व पुलिसकर्मियों के बीच जो कुछ भी हुआ वह सब वहा लगे सीसीटीवी कैमरा मे कैद है। अगर सीसीटीवी कैमरे से उस दिन के फुटेज खंगाला जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी बिल्कुल साफ हो जायेगा। हालांकि पुलिस के मुताबिक होटल संचालक तीन दिनो से सीसी टीवी सिस्टम खराब होने व डीवीआर मरम्मत के लिए गोरखपुर भेजने की बात कह रहा है, उससे डीवीआर मांगा गया है, जबकि सूत्रों का कहना है कि घटना की रात मे ही पुलिस ने होटल मे लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ लेकर आयी है। अब सच्चाई क्या है यह तो गहन जांच के बाद ही परत दर परत खुलकर सामने आयेगी। लेकिन हाइवे के किनारे संचालित होटल का सीसीटीवी कैमरा इतने दिनो से खराब थी यह बात आम लोगों के गले से नही उतर रही है।



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