शासन के आदेश का हुआ होता पालन तो बच जाती चार जिन्दगियां - Yugandhar Times

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Sunday, November 8, 2020

शासन के आदेश का हुआ होता पालन तो बच जाती चार जिन्दगियां

🔴 सवाल-जिम्मेदारो पर अब तक क्यो नही हुई कार्रवाई

🔴 संजय चाणक्य

कुशीनगर। बीते दिनो जनपद के कप्तानगंज कस्बे मे पटाखा गोदाम मे हुए विस्फोट की घटना को रोकी जा सकती थी। अगर यहा का जिला प्रशासन 31 अक्टूबर को जारी अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के निर्देश को गम्भीरता से लिया होता तो जिले मे तो कोई ब्लास्ट होता और न ही चार जिन्दगियां असमय काल के गाल मे समाती।

काबिलेगोर है कि उ0प्र0 शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के द्वारा 5 नवंबर को जारी पत्र संख्या - जन 1162-छ:-पु-5-2020-800(01)/2018 मे प्रदेश के समस्त जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संबोधित आतिशबाजी के दुकानों का निरीक्षण कर निरीक्षण आख्या शासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। गृह (पुलिस) अनुभाग - 5 दिनांक - 5 नवंबर-2020 को जारी पत्र मे कहा गया है कि शासन के पत्र संख्या - 934(1)/छ:-पु-5-2020 दिनांक - 31-10-2020 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करे। जिसके माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक - 23-10-2018, 30-10-2018 एंव  दिनांक 31-10-2018 के अनुपालन के संबंध मे शासनादेश संख्या - 06/2018/ रिट 292/छ:-पु-5-800 (01)/2016 दिनांक - 02-11-2018 का कडाई से अनुपालन कराते हुए प्रदेश के सभी थोक एंव खुदरा आतिशबाजी की दुकानों के संबंध मे दिनांक - 2-11-2020 से  दिनांक 15-11-2020 विशेष अभियान चलाकर सभी आतिशबाजी की दुकानों का उप जिलाधिकारी एंव क्षेत्राधिकारी से निरीक्षण कराकर निरीक्षक आख्या दुकानों का विवरण शासन को दिनांक 6-11-2020 तक उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। किन्तु उक्त संबंध मे वांछित आख्या एंव विवरण शासन मे अद्यतन प्राप्त नही है। अपर मुख्य सचिव के इसी आदेश के पैरा नम्बर दो मे कहा है कि इस संबंध मे मुझे पुन: यह कहने का निर्देश हुआ है कि अपने-अपने जनपद की सभी थोक एंव खुदरा आतिशबाजी की दुकानों के संबंध मे शासन के पत्र दिनांक 31-10-2020 के द्वारा वाछिंत निरीक्षण आख्या एंव दुकानों का विवरण संकलित करते हुए दिनांक -06-11-2020 तक शासन को प्रत्येक दशा मे शासन के ईमेल आडी पर उपलब्ध कराने का कष्ट करे। तीसरे पैरा मे स्पष्ट कहा गया है कि प्रकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। अत: समयबद्ध शीर्ष प्राथमिकता अपेक्षित है।

🔴 जिम्मेदार कौन

जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को संबोधित शासन के इस पत्र मे उपजिलाधिकारी एंव क्षेत्राधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि  2 नवंबर से 15 नवंबर तक विशेष अभियान चलाकर अपने क्षेत्र के सभी थोक व खुदरा आतिशबाजी के दुकानों का निरीक्षण कराकर निरीक्षण आख्या व दुकानों का विवरण शासन को उपलब्ध करावे। ऐसे मे कहना लाजमी है कि शासन के  निर्देश को गम्भीरता से लेते हुए जनपद के सभी उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी 2 नवंबर से विशेष अभियान चलाकर पटाखे के दुकानों का निरीक्षण किये होते तो निश्चित तौर पर 4 नवम्बर को जिले के कप्तानगंज मे विस्फोट घटना को रोकी जा सकती थी। कारण यह कि पटाखा बनाने वाली वह फैक्ट्री पुरी तरह से अवैध था। ऐसे मे निरीक्षण के दौरान मृतक जावेद के अवैध कारोबार व फैक्ट्री पर कार्रवाई करना स्वाभाविक था। अगर ऐसा होता तो न कोई विस्फोट होता और न मौत। किन्तु अफसोस इन जिम्मेदारो ने अपने दायित्वों का निर्वहन नही किया और कभी न भूलने वाली एक दर्दनाक मंजर लोगो के जेहन पर चस्पा हो गया। अब सवाल यह उठता है इन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यो नही हुई। लापरवाही जब इन अधिकारियों के स्तर से हुई है तो फिर नीचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यो? 

🔴 क्या था मामला

जानकारी के मुताबिक, कप्तानगंज कस्बे के वार्ड नंबर 11 आर्य नगर निवासी जावेद के घर में वर्षो से अवैध रूप से पटाखा बनाने का कारोबार चल रहा था। बुधवार की भोर में अचानक घर के अंदर तेज धमाका हुआ। आस-पास के मकान भी इस धमाके चपेट मे आकर क्षतिग्रस्त हो गए। घमका इतना जोरदार था कि पूरे कस्बे में अफरा तफरी मच गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची कप्तानगंज पुलिस मकान के अंदर घुसी तो चारों तरफ ईंट, बारूद व अन्य सामान बिखरे पड़े थे। इस हादसे में अनवरी पत्नी जावेद, नाजिया पुत्री जावेद, जावेद पुत्र अनवर तथा जावेद की मां फातिमा की मौत हो गई है। इसके अलावा आजाद, रामसजन, नेहा, प्रियंका, चंदन, साहिन, समां, चांदनी, अफसाना आदि घायल हुए थे।



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