कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद सूबे की सरकार से तथागत की निर्वाणस्थली को विश्वस्तरीय लुक देने की तैयारी में है। विश्व बैंक के सहयोग से इसका विकास किया जाएगा। यूपी कैबिनेट ने कुशीनगर में तकरीबन 60 करोड़ के प्रस्तावित आठ परियोजनाओं का जिम्मा गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को सौंपा है। जीडीए पहली बार जिले से बाहर काम करेगा। इससे उसकी आर्थिक सेहत में भी सुधार होगा।
काबिलेगोर है बौद्ध परिपथ को अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर विकसित करने के प्रयासों को बढ़ावा देते हुए यूपी कैबिनेट ने कुशीनगर में आठ पर्यटन विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यहां विपश्यना ध्यान केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। कुशीनगर के रामाभार स्तूप के पास हिरण्यवती नदी पर फुटओवर ब्रिज के निर्माण सहित सैलानियों को आकर्षित करने वाली योजनाएं विकसित की जाएंगी। ये विकास कार्य प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना के तहत होने हैं। इसमें 70 फीसद धनराशि विश्व बैंक द्वारा और 30 फीसदी राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी है।
🔴 होगा यह कामरामाभार स्तूप के पास हिरण्यवती नदी पर फुटओवर ब्रिज के निर्माण सहित सैलानियों को आकर्षित करने वाली योजनाओं के साथ-साथ 4 करोड़ की लागत से मधुरिया गांव के पास रिवर फ्रंट, एप्रोच रोड और अन्य कार्य किये जायेगे इसी क्रम मे 4 करोड़ की लागत से पथिक निवास की 28 कमरो को बेहतर कर अत्याधुनिक सुबिधाओ से लेस किया जायेगा। इसके अलावा 2 करोड़ खर्च कर फूड प्लाजा के पास टॉयलेट और पार्किंग का निर्माण होगा। इसी तरह 8 करोड़ खर्च कर मेडिटेशन सेंटर को विकसित किया जाएगा , 15 करोड़ की लागत से बौद्ध संग्रहालय का उच्चीकरण और विकास किया जाना है।
🔴 पहली बार जीडीए करेगा गैर जनपद मे कार्यकहना न होगा की गोरखपुर विकास प्राधिकरण पहली बार जिले से बाहर कार्य करने जा रहा है। यह पहला मौका होगा जब इसके इंजिनियर जिले से बाहर किसी योजना पर काम करेगें। कुशीनगर में विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है।
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